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Festival

होली के त्योहार पर लेख हिन्दी मे – Holi Par Lekh Hindi Mein

Holi Par Lekh Hindi Mein

होली पर लेख

होली रंगो का त्योहार है, जिसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, होली के दिन आपसी मतभेदो को भूलकर एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते है, तो चलिये होली के इस त्योहार पर इस आर्टिकल मे होली पर लेख (Holi in Hindi) हिन्दी मे जानेगे, जिसे आप अपने क्लास मे भी होली के निबंध (Holi Par Lekh Hindi Mein) के रूप मे लिख सकते है

होली पर लेख हिन्दी मे

Holi Par Lekh Hindi Mein

Holi Par Lekh Hindi Meinहोली का त्योहार हिन्दू धर्म के बहुत बड़ा त्योहार है, जिसे सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर मनाते है, जिस तरह इस त्योहार मे सभी रंग आपस मे मिल जाते है, ठीक उसी प्रकार इस त्योहार मे लोग आपस मे मिलजुलकर इस त्योहार को मनाते है, जिससे यह होली का त्योहार लोगो को आपसी प्रेम और भाईचारा और मिल जुलकर रहने का संदेश देता है,

होली का त्योहार पूरे देश मे मनाया जाता है, जिसमे सभी लोग अपने तरह से इसकी तैयारी करते है, गाँव, शहरो के चौराहे पर लकड़ी इक्कठा कर होलिका बनाई जाती है, जो की होली के एक दिन पहले इसे लोग जलाकर होलिका का त्योहार मनाते है, फिर अगले दिन एक दूसरे को रंग लगाकर होली का त्योहार मनाते है,

होली की पौराणिक कथा

Holi Ki Kahani

Holika Dahanहोलिका का त्योहार मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है, प्राचीन समय मे एक हिरण्यकश्यप नाम का दैत्य राजा था, जो की ईश्वर की पुजा का विरोधी था, और अपने राज्य मे भगवान की पुजा और ईश्वर को मानने वालों को प्रतिबंधित कर रखा था, लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद जो की भगवान का बहुत बड़ा भक्त था, इस तरह पिता पुत्र की आपस मे नहीं बनती थी, तो इस तरह हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने की योजना बनाई, इसके लिए उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया, होलिका को यह वरदान प्राप्त था की वह अग्नि मे नही जल सकती है,

तो इस तरह हिरण्यकश्यप ने ढेर सारी लकड़िया इक्कठा कर ढेर बना दिया और फिर होलिका अपने भतीजे प्रहलाद को अपने गोद मे लेकर उस जलती हुई लड़की मे ढेर पर बैठ गयी, लेकिन होलिका इस वरदान का दुरुपयोग किया जिसके कारण उस वरदान का उल्टा प्रभाव देखने को मिला, उस जलती चिता मे प्रहलाद की जगह होलिका ही जल गयी और इस तरह प्रहलाद बाल बाल बच गए, जिस कारण तब से हर साल होलिका का त्योहार मनाया जाने लगा, फिर अगले दिन लोग बुराई की अच्छाई की जीत पर एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर अपनी खुशी को जाहीर करते है।

होली का त्योहार कब है

Holi Kab Hain

होलीका का त्योहार हिन्दी महीने फाल्गुन जिसे आम जनमानस की भाषा मे फागुन मास की पूर्णमासी के दिन रात्री मे होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन सुबह लोग चैत्र (चैत) मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को रंगोत्सव यानी होली का त्योहार मनाया जाता है। जो की अँग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 2024 मे होलिका 24 मार्च रविवार के दिन पड़ रहा है, और होली ठीक अगले दिन इस साल होली 25 मार्च सोमवार के दिन पड़ रहा है,

होली रंगो का त्योहार कैसे मनाया जाता है

Holi Kaise Manate hai

Holi Par Lekhहोली का त्योहार फागुन महीने मे मनाया जाता है, जिसकी तैयारी बसंत पंचमी के दिन से ही शुरू हो जाता है, सबसे पहले बसंत पंचमी के दिन गाँवो मे चौराहो या खाली जगहो पर होलिका दहन के लिए होलिका बनाई जाती है, जिसमे विधि विधान से रेड़ के पेड़ और कुछ लकड़ियो को इकट्ठा करके रखा जाता है, और जिसके बाद धीरे धीरे लोग लकड़ी डालते रहते है, और बड़े से बड़ा होलिका बनाते है, जिसे होलिका दहन वाले दिन इसको जलाया जाता है,

होली का त्योहार मनाने के लिए पहले से ही तैयारी करते है, हर घरो मे तरह तरह के पकवान जैसे गुझिया पापड़ बनाए जाते है, लोग नए कपड़े खरीदते है, और लोगो को रंग लगाने के लिए रंग तरह तरह रंग और गुलाल, अबीर खरीदते है। होलिका दहन के समय लोग तरह तरह के पटाखे जलाते है,

फिर सबसे पहले लोग होलिका दहन वाले रात्री को सारे लोग इकट्ठा होकर होलिका की पुजा करके होलिका को जलाते है, फिर एक दूसरे को गले लगकर एक दूसरे बधाई देते है, और फागुन के नाचते है गीत गाते है और इस तरह होलिका का त्योहार मनाया जाता है,

फिर अगले दिन सुबह जल्दी लोग उठकर लोग होली मनाने के लिए घरो से बाहर निकल जाते है, फिर लोग जगह जगह इक्कठा होकर बड़े बड़े ड्रमो मे पानी भरते है, फिर उसमे रंग डालते है, और डीजे भी बजाते है, एक दूसरे को फिर रंग लगाते है, और डीजे के सांग पर नाचते है, मस्ती करते है और एक दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर होली की बधाई देते है, और दूसरे को तरह तरह के मिठाई और पकवान भी खिलाते है, इस तरह होली पूरे जोश के साथ होली का त्योहार मनाते है।

सामाजिक कुरुती

हर चीज के अच्छे और बुरे पहलू दोनों होते है, एक तरफ जहा होली खुशियो के साथ मनाया जाता है, तो दूसरी तरफ लोग इस मदिरा का सेवन करके इस त्योहार के खुशियो के रंग मे भंग डालने का काम करते है, एक दूसरे झगड़ा भी कर लेते है, जिससे थोड़ी सी बात के चलते होली के रंग के त्योहार को ऐसे लोग फीका बनाते है,

तो ऐसे मे होली के त्योहार पर खुशियो के साथ मनाने के लिए इस इस बुरी आदतों से बचना चाहिए और होली का त्योहार खुशियो के साथ मनाना चाहिए।

निष्कर्ष:

होली का त्योहार आपसी प्रेमभाव और सदभाव को बढ़ावा देता है, जो की लोगो को आपस मे जोड़ता है, इस तरह होली का त्योहार बहुत ही धूमधाम मनाने का संदेश देता है, तो ऐसे मे यह होली का यह लेख आपको होली निबंध लिखने मे बहुत ही सहायक हो सकता है, और आप सभी को भी होली की ढेर सारी शुभकामनाये

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