Holi Par Nibandh 500 Words Mein
होली पर निबंध 500 शब्दों में
होली का त्योहार जिसे रंगो का त्योहार भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक बहुत बड़ा त्योहार है, जिसे साल हिन्दी महीने फाल्गुन के पूर्णमासी के दिन बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, तो ऐसे मे अगर आप 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 या फिर 12 किसी भी कक्षा के छात्र है, तो आपको स्कूल मे होली के त्योहार पर हिन्दी मे Holi Par Nibandh 500 Words Mein लिखने को दिया जाता है, तो आप इस आर्टिकल की मदद से होली पर निबंध 500 शब्दों में लिख सकते है, और अन्य लोग भी इस आर्टिकल Holi Essay in Hindi 500 Words के जरिये होली के बारे मे जानकारी ले सकते है, तो चलिये इस आर्टिकल होली पर 500 शब्दों में निबंध को शुरू करते है।
होली पर 500 शब्दों में निबंध
Holi Essay in Hindi 500 Words
होली का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जिसका लोग साल भर बेसबरी से इंतजार करते है, होली के दिन सभी अपने आपसी सुख दुख भूलकर एक दूसरे से प्रेम भाव से मिलकर होली का त्योहार मनाते है, यानि होली के दिन लोग आपसी मतभेदो को भूलाकर एक दूसरे से गले मिलकर एक दूसरे को रंग लगाते है, होली की बधाईया देते है, एक दूसरे को मिठाईया और पकवान खिलाते है और खूब मस्ती के साथ होली का त्योहार मनाते है।
होली के मनाने के पीछे की मान्यता
हिन्दू धर्म की मान्यताओ के अनुसार प्राचीन समय मे एक हिरण्यकश्यप नमक दैत्य राजा था, जो की बहुत ही क्रूर और नास्तिक था, उसने अपनी प्रजा मे ईश्वर की पुजा को बंद करवा दिया था, और लोगो से खुद की पूजा करवाता था, और जो लोग ईश्वर की पूजा करते थे, उन्हे जान से मरवा देता था, जिसके कारण उसकी प्रजा मे उसका बहुत ही खौफ था,
लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र जो की बहुत बड़े भगवान विष्णु जी के भक्त थे, जो की रात दिन ईश्वर की भक्ति मे लीन रहते थे, जिससे हिरण्यकश्यप बहुत ही क्रोधित था और एक दिन अपने ही पुत्र प्रहलाद को मारने की योजना बनाया, जिसके लिए उसने अपनी बहन होलिका जिसे अग्नि मे न जलने का वरदान प्राप्त था, वह अपने भतीजे प्रहलाद को गोद मे लेकर अग्नि मे बैठ गयी, लेकिन ईश्वर की कृपा से भक्त प्रहलाद तो बाल बाल बच गए, लेकिन उनकी बुआ होलिका इस वरदान के दुरुपयोग का कारण खुद ही अग्नि मे जल गयी, जिसके बाद से इस घटना से होलिका दहन का त्योहार मनाने की शुरुआत हुई,
फिर इसके बाद जब खुद हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद को मारने के कोशिश की तो स्वय भगवान नृसिंघ के रूप मे प्रकट हुए और हिरण्यकश्यप का वध किया, इस प्रकार बुराई पर अच्छाई की जीत हुई, तब होलीका दहन के अगले दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार के रूप मे होली मनाया जाने लगा।
होली कैसे मनाया जाता है
होली का त्योहार बसंत पंचमी के साथ ही शुरू हो जाता है, बसंत पंचमी के दिन लोग अपने गाँव, चौराहो, कस्बो आदि मे होलिका दहन के लिए जगह जगह लकड़िया इक्कठा करके होलिका बनाते है, और इस तरह होली के त्योहर का आगमन हो जाता है, फिर होली के एक दिन पहले होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है, जिसके लिए लोग इस दिन अपने घरो से उपले, कंडे और लकड़िया आदि लेकर होलिका मे ले जाते है, फिर होलिका के चारो तरह इक्कठा होकर ये सभी चीजे उसमे डालते है, और पंडित जी विधि विधान से होलिका की पूजा करते है, फिर उसे जलाया जाता है, जिससे आग की लपटे बहुत ही ऊंची और दूर तक दिखाई देता
होलिका मे लोग पटाखे जलाते है, एकदूसरे के साथ मस्ती करते हुए नाचते है, और फिर इस होली की त्योहार शुरू हो जाता है, फिर अगले दिन सुबह लोग होली मनाने के लिए घरो से बाहर निकाल जाते है, और गलियो, चौराहो आदि जगहो पर इक्कठा होते है, बड़े बड़े कंडालो, ड्रमो आदि मे पानी भरते है, उसमे रंग मिलाते है, और डीजे आदि भी नाचने के लिए लगाया जाता है, जिसके बाद लोग एक दूसरे के ऊपर रंग वाले पानी फेकते है, गुलाल आदि लगाते है, इस प्रकार होली की त्योहार मनाते है,
होली के त्योहार की मस्ती लोगो के ऊपर खूब दिखाई देता है, एक दूसरे के रंग लगाते है, कोई भी व्यक्ति बिना रंग लगे बच नहीं पाता है, फिर लोग डीजे पर होली के गीतो पर खूब नाचते है, मस्ती करते है, मिठाईया और पकवान खाते है, इस तरह पूरा समाज होली की मस्ती मे डूब जाता है।
फिर शाम को होली खेलने के बाद लोग नहा धोकर नए कपड़े पहनकर तैयार होते है, फिर लोग एक दूसरे को माथे पर अबीर का टीका लगाते है, बड़े से आशीर्वाद लेते है, और लोगो को तरह तरह पकवान खासकर इस दिन गुझिया और पापड़ एक दूसरे को जरूर खिलाते है, और एक दूसरे को होली बधाई देते है, इस तरह होली के त्योहार बहुत ही प्यार और आपसी प्रेमभाव से मनाते है।
निष्कर्ष:
तो देखा आपने किस तरह होली का त्योहार लोगो को आपसी रंजिस और मतभेदो को भूलाकर एक दूसरे के साथ प्रेमभाव से होली खेलते है, इस प्रकार होली एक सामाजिक और प्रेम सौहार्द्य का त्योहार है, जो की लोगो को आपस मे जोड़ने का कार्य करता है,
तो आप सभी को यह आर्टिकल होली पर निबंध 500 शब्दों में – Holi Par Nibandh 500 Words Mein कैसा लगा, कमेंट बॉक्स मे जरूर बताये और लोगो की साथ होली की जानकारी के लिए इस आर्टिकल को शेयर भी जरूर करे।
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