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एंटीवायरस क्या है इसके काम करने का तरीका – Antivirus Work in Hindi

AntiVirus Kya Hai Hindi

एंटीवायरस क्या है

अगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप का उपयोग करते है, तो Antivirus का नाम जरूर सुना होगा, यानि एंटीवाइरस एक ऐसा प्रोग्राम है, जो किसी कम्प्युटर से Virus को निकालता है, तो इस आर्टिकल मे एंटीवायरस क्या है इसके प्रकार और यह काम कैसे करता है की पूरी जानकारी के बारे मे जानेगे, तो चलिये सबसे पहले Antivirus Kya Hai पूरे विस्तार के साथ जानते है,

एंटीवायरस क्या होता है

What is Antivirus in Hindi

AntiVirus Kya Haiअगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप का उपयोग करते है, तो आपके मन मे यह सवाल जरूर आ रहा होगा की एंटीवायरस क्या है (What is Antivirus in Hindi) , तो चलिये कंप्यूटर एंटीवायरस के बारे मे जानते है।

एंटीवायरस (Antivirus) एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो की कंप्यूटर और नेटवर्क को मालवेयर और अन्य कंप्यूटर वायरसों से सुरक्षित रखने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

मालवेयर एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो उपयोगकर्ता की जानकारी को चोरी कर सकता है, उनके डेटा को नष्ट कर सकता है, या उनके सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।

तो ऐसे मे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कई प्रकार का कंप्यूटर मालवेयर का पता लगा सकता है, जैसे कि वायरस, ट्रोजन, स्पाईवेयर, वॉर्म, एडवेयर, रूटकिट, और अन्य खतरनाक सॉफ़्टवेयर।

जिस कारण से एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इन मालवेयरों को चुनौती देने वाले सिस्टम और नेटवर्क की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है। ताकि आपका कम्प्युटर इन मालवेयर और खतरनाक वायरस से सुरक्षित रह सके,

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आमतौर पर वायरस डेफिनिशन्स और हेयरिस्टिक्स (heuristics) का उपयोग करता है, जो कंप्यूटर पर संक्रमित होने वाले लक्षणों और पैटर्नों को पहचानने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।

इसके अलावा Antivirus रियल-टाइम प्रोटेक्शन, फ़ायरवॉल और अन्य सुरक्षा के लिए भी उपयोग किया जाता है।

तो इस तरह हमे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करना भी महत्वपूर्ण है ताकि नए मालवेयरों के खिलाफ कम्प्युटर की सुरक्षा बनी रहे।

एंटीवायरस का इतिहास

History of Antivirus in Hindi

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का इतिहास बहुत ही लंबा है और इसने कंप्यूटर सुरक्षा में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। तो चलिये एंटीवायरस के इतिहास के कुछ मुख्य पहलुओं जानते है:

पहले जनरेशन (1940s-1950s): कंप्यूटर के इस युग में कंप्यूटर तकनीक अपनी शुरुआत में थी, और इसलिए किसी भी प्रकार की ऑटोमेटेड सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का अभाव था।

दूसरे जनरेशन (1960s-1980s): इस समय अवधि मे कंप्यूटर का उपयोग बढ़ा और इसके साथ ही पहले कंप्यूटर वायरसों की रिपोर्टेड घटनाएं भी होने लगीं। पहला कंप्यूटर वायरस, “Creeper,” 1971 में आया था और इसका उदाहरण बनता है।

तीसरे जनरेशन (1990s): इस कंप्यूटर युग में, कंप्यूटर वायरसों का बढ़ता हुआ खतरा था, और पहले एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कंपनियां उत्पन्न हुईं। Symantec, McAfee, और Norton जैसी कंपनियां इस समय बनीं और उनके एंटीवायरस उत्पादों ने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए आगे आई थी।

चौथे जनरेशन (2000s-वर्तमान): कंप्यूटर के इस युग में, इंटरनेट का विस्तार हुआ और ऑनलाइन सुरक्षा का महत्व बढ़ा। साइबर हमलों की वृद्धि ने एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।

नए तकनीकी उत्पाद और एल्गोरिदम्स का उपयोग इसमें हुआ और स्वच्छता की प्रक्रिया में सुधार किया गया।

आगे की दिशा (भविष्य): आगे बढ़ते हुए, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर और सुरक्षा तकनीक और भी बढ़ रहे हैं ताकि वे नए और उन्नत हमलों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकें। जिनमे मालवेयर, रैंसमवेयर, और अन्य साइबर हमलों के खिलाफ नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है ताकि इन वायरस को आसानी से पहचाने जा सकें और उन्हें नष्ट किया जा सके।

इस तरह आज भी एंटीवायरस तकनीक में इसी प्रकार की वृद्धि जारी है, ताकि उपयोगकर्ता सुरक्षित रह सकें और उनके कंप्यूटर और नेटवर्क को मानव रूप से नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी प्रकार के हमलों से बचा जा सके।

एंटीवायरस के प्रकार

Type of Antivirus in Hindi

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कई प्रकार के होते है, और ये विभिन्न सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए जा सकते हैं। तो चलिये कुछ प्रमुख एंटीवायरस के प्रकार को जानते हैं: –

एंटीवायरस के प्रकार
सिग्नेचर-आधारित एंटीवायरस मोबाइल एंटीवायरस
हेयुरिस्टिक-आधारित एंटीवायरस स्टैंडअलोन एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Standalone Antivirus Software)
बैनक्वार्ड सेंसिंग (Behavioral Sensing) सिक्यूरिटी सॉफ्टवेयर (Security Software)
सैंडबॉक्सिंग (Sandboxing) क्लाउड-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Cloud-Based Antivirus Software)
रियल-टाइम एंटीवायरस

सिग्नेचर-आधारित एंटीवायरस: – यह सबसे पुराना और सामान्य प्रकार का एंटीवायरस है। सिग्नेचर-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर वायरस की स्थिति को पहचानने के लिए एक स्थायी डेटाबेस का उपयोग करती है जिसमें वायरस के गुण शामिल होते हैं।

इस प्रकार का एंटीवायरस नए वायरसों के लिए अद्यतित करने की आवश्यकता होती है ताकि वह नए और उनकी मुद्रीवर्ती हो सके।

हेयुरिस्टिक-आधारित एंटीवायरस: – इस प्रकार का एंटीवायरस नए और अज्ञात वायरसों को पहचानने के लिए अनुकूलित है। यह गुण और चरित्रित विशेषताओं का उपयोग करके संक्रमण की संभावना को पहचानता है, बिना किसी विशिष्ट सिग्नेचर के आधार पर।

बैनक्वार्ड सेंसिंग (Behavioral Sensing): – यह एंटीवायरस वायरस के अनुप्रयोग और व्यवहार को मॉनिटर करता है और अगर वायरस का अनुप्रयोग विशेषज्ञता से बाहर होता है, तो इसे ब्लॉक करता है।

सैंडबॉक्सिंग (Sandboxing):- इसमें अज्ञात फ़ाइल्स को एक अलग स्थान पर एक सुरक्षित एनवायरनमें चलाया जाता है, ताकि वे कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित न करें।

रियल-टाइम एंटीवायरस:- इस प्रकार का एंटीवायरस स्थिति को तत्काल पहचानता है और तुरंत कार्रवाई करने की क्षमता है। यह नेटवर्क ट्राफिक, फ़ाइल्स, और अन्य संसाधनों को निगरानी में रखता है और वायरस को ब्लॉक करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है।

मोबाइल एंटीवायरस:- ये एंटीवायरस स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं जो मोबाइल प्लेटफ़ॉर्मों पर विभिन्न सुरक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

स्टैंडअलोन एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Standalone Antivirus Software) : – स्टैंडअलोन एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक स्वतंत्र सुरक्षा सॉफ़्टवेयर है जो उपयोगकर्ता के डिवाइस (कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, इत्यादि) पर स्थापित होता है और उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है,

बिना किसी बाह्य सेवा या क्लाउड से जुड़े होने की आवश्यकता के। इसका मतलब है कि स्टैंडअलोन एंटीवायरस स्वतंत्र रूप से कार्य करता है और इंटरनेट के बिना भी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

सिक्यूरिटी सॉफ्टवेयर (Security Software) :- सिक्यूरिटी सॉफ़्टवेयर, जिसे आमतौर से सुरक्षा सॉफ़्टवेयर भी कहा जाता है, एक प्रकार का कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर है जो कंप्यूटर और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को मुकाबले करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इसका मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं की जानकारी, डेटा, और कंप्यूटर सिस्टम को खतरनाक साइबर हमलों से बचाना है। इसमें विभिन्न विधियों का उपयोग करके सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।

क्लाउड-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Cloud-Based Antivirus Software) :- क्लाउड-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक प्रकार का सुरक्षा सॉफ़्टवेयर है जो इंटरनेट के माध्यम से इन्टरनेट सिक्योरिटी सर्विसेज़ का उपयोग करता है और इसे क्लाउड सर्वरों पर होस्ट किया जाता है।

इसका मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन सुरक्षा रखना है और नवीनतम मालवेयर रूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना है।

तो ये सभी कई तरह के एंटीवायरस हमारे मोबाइल और कम्प्युटर को विभिन्न प्रकार के वायरस से सुरक्षा प्रदान करते है।

एंटीवायरस कैसे काम करता है

Antivirus Work in Hindi

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का मुख्य उद्देश्य कंप्यूटर और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को वायरस, मालवेयर, स्पाईवेयर, ट्रोजन हॉर्स, और अन्य कंप्यूटर सुरक्षा के खतरों से सुरक्षित रखना है। तो ऐसे मे एंटीवायरस कैसे काम करता है, चलिये इसे जानते है:-

सिग्नेचर बेस्ड डिटेक्शन:- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर डेटाबेस में विभिन्न वायरस और मालवेयर सिग्नेचर्स (चिह्न) को संग्रहित करता है। फिर जब एंटीवायरस एक फ़ाइल को स्कैन करता है,

तो यह उसके सिग्नेचर को डेटाबेस के साथ मिलताजुलता करता है। तो ऐसे मे यदि सिग्नेचर मिलता है, तो फ़ाइल को मालवेयर के रूप में पहचाना जाता है और उसे क्वारंटाइन या हटाया जाता है।

हेयुरिस्टिक बेस्ड डिटेक्शन: – हेयुरिस्टिक्स विशेष निरीक्षण तकनीक का उपयोग करता है जो अज्ञात या नए मालवेयर को पहचानने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जो की यह विभिन्न गतिविधियों और सुरक्षा के निरूपन आचरणों को जांचता है जो मालवेयर के साथ संबंधित हो सकते हैं, और इस पर आधारित होकर उसे पहचानता है।

बेहेवियोरल बेस्ड डिटेक्शन: – यह तकनीक सॉफ़्टवेयर के बहुआयामी बर्ताव को निगरानी में रखती है और अज्ञात बर्ताव की पहचान करने के लिए उपयोग होती है। ऐसे मे अगर कोई सॉफ़्टवेयर या प्रक्रिया अस्वीकृत बर्ताव दिखाती है, तो उसे मालवेयर की संभावना होती है और उसे रोका जा सकता है।

क्लाउड-बेस्ड डिटेक्शन: – कुछ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर नवीनतम सुरक्षा जानकारी को ऑनलाइन डेटाबेस से प्राप्त करते हैं। तो इससे उन्हें नवीनतम खतरों के खिलाफ तत्पर रहने में मदद मिलती है और वे अपडेटेड रह सकते हैं।

तो इस तरह ये एंटीवायरस काम करता है और ये एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर द्वारा कम्प्युटर या अन्य डिवाइस को मालवेयर और अन्य सुरक्षा खतरों से सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।

एंटीवायरस की विशेषताएं

Feature of Antivirus in Hindi

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर में कई विशेषताएं होती हैं जो उपयोगकर्ताओं को वायरस, मालवेयर, स्पाईवेयर, और अन्य साइबर हमलों से सुरक्षित रखने में मदद करती हैं। तो चलिये एंटीवायरस की विशेषताएं को जानते हैं:

यह एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक सिग्नेचर बेस्ड डेटाबेस का उपयोग करता है जिसमें विभिन्न वायरसों और मालवेयर से संबंधित सिग्नेचर्स होते हैं। जब एंटीवायरस एक फ़ाइल को स्कैन करता है,

तो यह उसका सिग्नेचर डेटाबेस के साथ मिलता जुलता करता है और यदि मिलता है, तो वह फ़ाइल को मालवेयर के रूप में पहचानता है।

हेयुरिस्टिक-बेस्ड डिटेक्शन द्वारा तकनीक का उपयोग नए और अज्ञात मालवेयर के पहचान के लिए किया जाता है। हेयुरिस्टिक्स सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर के विभिन्न गतिविधियों और आचरण पैटर्न का अध्ययन करती है,

और यदि कोई संकेत नए और संदेहास्पद मालवेयर की संभावना हो, तो उसे पहचानती है।

कुछ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर रेयन टाइम स्कैनिंग का समर्थन करती है, जिसमें फ़ाइलें और प्रोसेसेस स्कैन करते समय एंटीवायरस स्कैनिंग की प्रक्रिया विनिमय रूप से होती है।

बेहेवियोरल डिटेक्शन विशेषता में सॉफ़्टवेयर व्यवहारिक विश्लेषण करती है और किसी स्वाभाविक कंप्यूटर या नेटवर्क के अनुभाग में किसी अस्वीकृत बदलाव की संभावना को पहचानती है।

कुछ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर नवीनतम सुरक्षा जानकारी को ऑनलाइन क्लाउड सर्वर से प्राप्त करती है, जिससे उसे नए और उपयोगकर्ताओं के बीच साझा किया जा सकता है।

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर किसी फ़ाइल या प्रोसेस को मालवेयर के रूप में पहचानने पर उसे क्वारंटाइन में रख सकती है, जिससे यह उपयोगकर्ता के डिवाइस को सुरक्षित रखती है।

ये विशेषताएं एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को एक साइबर सुरक्षा उपाय के रूप में बनाती हैं जो उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।

एंटीवायरस के फायदे

Advantage of Antivirus in Hindi

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के कई फायदे हो सकते हैं जो आपके कंप्यूटर और डिवाइस की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं। तो चलिये एंटीवायरस के इन फायदे को जानते हैं:-

एंटीवायरस के फायदे
वायरसों से सुरक्षा रियल-टाइम सुरक्षा
डेटा सुरक्षा ऑटोमेटेड स्कैनिंग
सुरक्षित ब्राउज़िंग सिस्टम को तेज़ करना
पॉपअप और अज्ञात सॉफ़्टवेयर से बचाव अपग्रेड सुविधाएं

वायरसों से सुरक्षा: एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर वायरसों, मैलवेयर, ट्रोजन्स, और अन्य हानिकारक सॉफ़्टवेयर से आपके सिस्टम को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

डेटा सुरक्षा: एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपके पर्सनल और गोपनीय डेटा की सुरक्षा करने में मदद करता है, जिससे आपका व्यक्तिगत और आपके व्यवसायिक डेटा सुरक्षित रहता है।

सुरक्षित ब्राउज़िंग: एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर वेब ब्राउज़िंग के दौरान असुरक्षित या संदिग्ध वेबसाइट्स से बचाव करने में मदद कर सकता है, जिससे फिशिंग और दूसरे साइबर आक्रमणों से बचा जा सकता है।

पॉपअप और अज्ञात सॉफ़्टवेयर से बचाव: एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर अनवांछित पॉपअप और अनवांछित सॉफ़्टवेयर से बचाव करने में मदद कर सकता है जो आपके सिस्टम को धीमा बना सकते हैं और आपकी गोपनीयता को खतरे में डाल सकते हैं।

रियल-टाइम सुरक्षा: कई एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर्स रियल-टाइम सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिससे सुरक्षा की स्थिति को लाइव रूप से मॉनिटर किया जा सकता है और किसी भी संभावित हानि को तत्काल रोका जा सकता है।

ऑटोमेटेड स्कैनिंग: एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपके सिस्टम को नियमित अंतराल से स्कैन करके अनवांछित सॉफ़्टवेयर या वायरसों को खोज सकता है और इन्हें हटा सकता है।

सिस्टम को तेज़ करना: कई एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपके सिस्टम को सुरक्षित रखकर उसकी प्रदर्शनशीलता को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

अपग्रेड सुविधाएं: एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर नियमित रूप से अपग्रेड होता है ताकि यह नवीनतम सुरक्षा तकनीकों का उपयोग कर सके और आपको नए साइबर आक्रमणों से बचाए रख सके।

इन फायदों के साथ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके कम्प्युटर को सुरक्षित बनाया जाता है।

एंटीवायरस के नुकसान

Disadvantage of Antivirus in Hindi

हालांकि एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कई सुरक्षा और फायदे देता है, लेकिन इससे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, तो चलिये एंटीवायरस से होने वाले इन नुकसान को भी जानते है:-

कंप्यूटर की गति में कमी: कुछ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर बहुत ही सक्रिय होते हैं और प्रमाणितता की जाँच के लिए बड़ी संख्या में फ़ाइलें स्कैन करते हैं, जिससे कंप्यूटर की गति पर प्रभाव पड़ सकता है।

पॉझिटिव फ़ाल्स: कुछ समय क्षेत्र में इतना तेजी से बदल रहा है कि एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर विशेषज्ञों को स्वाभाविक और सुरक्षित सॉफ़्टवेयर को भी नुकसानदेह घोषित कर सकता है। इसे “पॉझिटिव फ़ाल्स” या “फॉल्स पॉझिटिव” कहा जाता है और यह सिस्टम के उपयोगकर्ताओं को परेशान कर सकता है।

सिस्टम संचालन प्रभाव: कुछ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर भारी हो सकते हैं और यह सिस्टम के संचालन पर प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे बैटरी खपत या सिस्टम के रिसोर्सेस का अधिक उपयोग हो सकता है।

अपडेट विफलता: कुछ बार एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर्स को अद्यतन करने में समस्या हो सकती है, जिससे सिस्टम को नवीनतम सुरक्षा तकनीकों से वंचित हो सकता है।

प्राइवेसी मुद्दे: कुछ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर्स उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता से संबंधित सूचना को भी संग्रहित कर सकते हैं। यह प्राइवेसी संबंधित मुद्दे उत्पन्न कर सकता है।

लोगों को यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक मात्र सुरक्षा उपाय नहीं है और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपयोगकर्ता की जिम्मेदारी भी होती है। नियमित अपडेट्स, सुरक्षा सावधानी, और सुरक्षित इंटरनेट ब्राउज़िंग प्रैक्टिस भी आपकी ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करती हैं।

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की लिस्ट

Antivirus Software List In Hindi

यहाँ कुछ लोकप्रिय और प्रमुख एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर की सूची है, जो विभिन्न उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है, तो चलिये इन एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की लिस्ट को जानते है:-

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर लिस्ट
Norton Antivirus Kaspersky Antivirus
McAfee Antivirus AVG Antivirus
Avast Antivirus Sophos Antivirus
Bitdefender Antivirus ESET NOD32 Antivirus

Norton Antivirus: सिमंटेक द्वारा बनाया गया, नॉर्टन एंटीवायरस एक प्रमुख सुरक्षा सॉफ़्टवेयर है जो वायरस, मैलवेयर, और अन्य ऑनलाइन हानिकारकताओं से बचाव करने में मदद करता है।

McAfee Antivirus: यह एक और लोकप्रिय एंटीवायरस है जो वायरस और मैलवेयर से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया है।

Avast Antivirus: एवास्ट एंटीवायरस नॉन-कमर्शियल और कमर्शियल उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है और विभिन्न सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करता है, जैसे कि वायरस स्कैनिंग, फ़ायरवॉल, और वेब सुरक्षा।

Bitdefender Antivirus: बिटडिफेंडर एक प्रमुख सुरक्षा सॉफ़्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को बहुसंख्यक सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करता है जो उनके डिवाइस को वायरसों से सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।

Kaspersky Antivirus: कैस्पर्स्की एंटीवायरस भी एक प्रमुख सुरक्षा सॉफ़्टवेयर है जो वायरसों, मैलवेयर, और अन्य साइबर खतरों से बचने में मदद करता है।

AVG Antivirus: यह एक और मुफ्त एंटीवायरस है जो उपयोगकर्ताओं को वायरस स्कैनिंग, इंटरनेट सुरक्षा, और अन्य सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करता है।

Sophos Antivirus: यह विशेषकर व्यवसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है और बहुसंख्यक डिवाइसों को सुरक्षित रखने के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।

ESET NOD32 Antivirus: इसे उपयोगकर्ताओं को फ़ायरवॉल, वायरस स्कैनिंग, और इंटरनेट सुरक्षा सुविधाओं के साथ सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।

तो ऐसे मे हमे ध्यान देंना आवश्यक होता है की अपने डिवाइस को सुरक्षित बनाने के लिए इन विभिन्न प्रकार के एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को आवश्यकता के आधार पर उपयोग करना आवश्यक होता है।

एंटीवायरस किन किन तरीकों से मैलवेयर का पता लगाता है

Antivirus detect Malware in Hindi

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर विभिन्न तरीकों का उपयोग करके मैलवेयर को पहचानने और हटाने का प्रयास करता है। तो चलिये एंटीवायरस किन किन तरीकों से मैलवेयर का पता लगाता है, उन्हे जानते है:-

वाइरस सिग्नेचर्स (Virus Signatures): यह सबसे पुराना और सबसे सामान्य तकनीक है, जिसमें एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर वायरस सिग्नेचर्स का उपयोग करता है जो निश्चित प्रकार के मैलवेयर की पहचान के लिए बनाए जाते हैं।

जब एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक फ़ाइल को स्कैन करता है, तो यह उसके सिग्नेचर्स की जाँच करता है और मैलवेयर की पहचान करता है।

बहुमुखी स्कैनिंग (Heuristic Analysis): इस तकनीक में, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर नई और अज्ञात मैलवेयर को पहचानने के लिए स्कैनिंग करता है, इसमें वायरस सिग्नेचर्स का उपयोग नहीं किया जाता है। यह गति से बदल रहे हुए मैलवेयर को पहचानने की कोशिश करता है, जिससे नई और अनजाने खतरों को भी डिटेक्ट किया जा सकता है।

सत्र बैस्ड डिटेक्शन (Behavior-Based Detection): इस तकनीक में, सॉफ़्टवेयर सिस्टम के व्यवहार को मैलवेयर की पहचान के लिए मॉनिटर करती है। यदि एक फ़ाइल या प्रोग्राम व्यवहार में आम नहीं है, तो इसे मैलवेयर के रूप में पहचाना जा सकता है।

वायरस सैंडबॉक्स (Virus Sandboxing): इस तकनीक में, संदिग्ध फ़ाइलें एक अलग संरचना में चलाई जाती हैं, जिससे वायरस को सिस्टम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इ

सके पश्चात् इन फ़ाइलों का व्यवहार और क्रियाएँ देखी जाती हैं, और यदि कोई संदिग्ध व्यवहार होता है, तो उसे मैलवेयर के रूप में चिह्नित किया जा सकता है।

क्लाउड-आधारित डिटेक्शन (Cloud-Based Detection): इस तकनीक में, सॉफ़्टवेयर इंटरनेट के माध्यम से एक सेंट्रल सर्वर से अपडेट्स लेता है और आपके डिवाइस की स्थिति को उस सर्वर से तुलना करके मैलवेयर की पहचान करता है।

ये तकनीकें साथ-साथ उपयोग हो सकती हैं ताकि एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर विभिन्न प्रकार के मैलवेयर को पहचानने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम हो सके।

एंटीवायरस को अपडेट करना क्यूँ जरुरी है

Antivrus update in Hindi

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कई तरह की सुरक्षा लेयर्स को नवीनतम खतरों और हमलों के खिलाफ अद्यतन करने में मदद करता है। यहाँ कुछ कारण हैं जो एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नवीनतम रखने का महत्व है:

नवीनतम वायरस सिग्नेचर्स: एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नवीनतम सिग्नेचर्स के साथ अपडेट करने से, यह नवीनतम वायरसों, मैलवेयर, और अन्य साइबर खतरों को पहचानने की क्षमता बढ़ाता है। नए वायरस स्थितियों और हस्ताक्षरों के साथ संदिग्ध या हानिकारक फ़ाइलों की पहचान होती रहती है।

नए सुरक्षा तकनीकों का उपयोग: सुरक्षा तकनीकें बदलती रहती हैं और नवीनतम साइबर आक्रमणों के खिलाफ नए समर्थन और सुरक्षा तकनीकों को शामिल करना आवश्यक हो सकता है।

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को अपडेट करने से, उपयोगकर्ता नई सुरक्षा तकनीकों का उपयोग कर सकता है और नए हमलों से बच सकता है।

विशिष्ट विरुद्धाभास (Zero-Day Exploits) के खिलाफ सुरक्षा: जब एक सॉफ़्टवेयर या सिस्टम के लिए कोई सुरक्षा गड़बड़ी मिलती है और उसका उपयोग हमले के लिए होता है, तो विशिष्ट विरुद्धाभास बनता है।

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नवीनतम रखने से, यह विरुद्धाभासों का सामना करने के लिए तैयार रहता है और उपयोगकर्ता को नवीनतम सुरक्षा सुविधाओं का लाभ मिलता है।

साइबर हमलों का तेजी से बढ़ना: साइबर आक्रमणों का तेजी से बढ़ना एक समस्या है, और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नवीनतम रखना आपको नवीनतम हमलों के खिलाफ तैयार रखने में मदद करता है।

जब एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर नवीनतम खतरों को पहचानता है, तो इसे तत्काल अपडेट करना आपकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

संक्षेप से कहें तो, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नवीनतम रखकर आप अपने डिवाइस को सुरक्षित रख सकते हैं और नवीनतम सुरक्षा तकनीकों का उपयोग करके नए और बढ़ते हुए साइबर खतरों के खिलाफ तैयार रह सकते हैं।

एंटीवायरस से सम्बंधित सामान्य प्रश्न उत्तर

AntiVirus Kya Hai In Hindi FAQs

एंटीवायरस क्या है?
उत्तर:- एंटीवायरस एक सॉफ़्टवेयर है जो कंप्यूटर और डिवाइसों को वायरस, मैलवेयर, और अन्य साइबर खतरों से बचाने में मदद करता है।
एंटीवायरस कैसे काम करता है?
उत्तर:- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर वायरस सिग्नेचर्स, ह्यूरिस्टिक्स, और अन्य तकनीकों का उपयोग करके सिस्टम को स्कैन करता है और आपके डिवाइस को हानिकारक सॉफ़्टवेयर से सुरक्षित रखने का प्रयास करता है।
क्या हर किसी को एंटीवायरस की आवश्यकता है?
उत्तर:- हाँ, सामान्यत: हर किसी को एंटीवायरस की आवश्यकता है, क्योंकि इंटरनेट पर बहुत से सुरक्षा संबंधित खतरे हो सकते हैं और एंटीवायरस सुरक्षा में मदद करता है।
कौन-कौन से खतरे एंटीवायरस से बचा जा सकते हैं?
उत्तर:- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर वायरस, मैलवेयर, स्पाइवेयर, रैंसमवेयर, ट्रोजन्स, और अन्य साइबर खतरों से सुरक्षित करने में मदद कर सकता है।
एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कितनी बार अपडेट किया जाना चाहिए?
उत्तर:- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करना महत्वपूर्ण है, आमतौर पर दिनांक अपडेट्स की आवश्यकता होती है ताकि नए वायरसों और मैलवेयर के खिलाफ तैयार रह सकें।
क्या सिर्फ एक ही एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का प्रयोग करना पर्याप्त है?
उत्तर:- नहीं, कुछ उपयोगकर्ताएं एक से अधिक एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करती हैं ताकि वे अधिक सुरक्षित रह सकें, क्योंकि विभिन्न सॉफ़्टवेयर्स अलग-अलग खतरों के खिलाफ तैयारी करते हैं।
एंटीवायरस कैसे डाउनलोड और इंस्टॉल किया जा सकता है?
उत्तर:- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर की आधिकारिक वेबसाइट से इसे डाउनलोड करके और फिर इंस्टॉल करके इसका उपयोग किया जा सकता है।
क्या मोबाइल फोन के लिए भी एंटीवायरस की आवश्यकता है?
उत्तर:- हाँ, मोबाइल फोनों के लिए भी एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि वे भी साइबर हमलों का शिकार हो सकते हैं।
एंटीवायरस को अपडेट करने के लिए क्यों नवीनतम खतरों के खिलाफ तैयार रहना महत्वपूर्ण है?
उत्तर:- नवीनतम अपडेट्स से एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर नए वायरसों और हमलों के खिलाफ तैयार रह सकता है और नवीनतम सुरक्षा तकनीकों का उपयोग कर सकता है।

निष्कर्ष :-

तो आप सभी को यह आर्टिकल एंटीवायरस क्या है इसके प्रकार और यह काम कैसे करता है की पूरी जानकारी कैसा लगा, कमेंट बॉक्स मे जरूर बताए और इस आर्टिकल की जानकारी को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे, और आपको इस आर्टिकल से संबन्धित कोई प्रश्न पूछना चाहते है, तो कमेंट बॉक्स मे पूछ सकते है।

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