Aditya L1 Mission Essay In Hindi
आदित्य-L1 मिशन की पूरी जानकारी निबंध
वैसे तो इंसान शुरू से ही जिज्ञासु प्रवित्ति का रहा है, अपनी इसी प्रवित्ति के चलते अनेक खोज किया, जो की इसी के चलते मानव जीवन को बहुत ही आसान बनाया, वैज्ञानिक खोज की इसी कड़ी मे भारत की स्पेस एजेंसी इसरो का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 2 सितंबर 2023 दिन शनिवार की सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। जो की सूर्य के बारे मे गहन जानकारी जुटाएगा, तो आइए भारत के इस महत्वपूर्ण मिशन आदित्य-L1 मिशन की पूरी जानकारी निबंध को जानते है
आदित्य-L1 मिशन की पूरी जानकारी निबंध
Aditya L1 Mission Essay In Hindi
हाल मे भारत के स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा चंद्रयान-3 को सफलता प्राप्त हुआ, जिसके बाद भारतीय वैज्ञानिको का जोश पूरे हाइ लेवल पर है, और इस सफलता की इस दिशा मे एक कदम बढ़ाते हुए भारत अब चंद्रमा के बाद सूर्य की तरफ देख रहा है।
जिसके लिए इसरो ने पूरी तैयारी कर ली है और 2 सितंबर शनिवार को सूर्य के राज पता करने भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-L1 को भेजा जाएगा, जो की यह श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से आदित्य-L1 मिशन को लॉन्च किया जाएगा, जिसके लिए इसरो ने लॉन्च की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं,
इस दिशा मे इसरो के प्रमुख अध्यक्ष एस. सोमनाथ का कहना है कि इसरो सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ के लॉन्च के लिए हम तैयार है, और इसके लिए रॉकेट और सैटेलाइट की सभी तैयारिया भी पूरी कर लिया है, और आदित्य-L1 लॉन्च के लिए पूरा अभ्यास भी पूरा कर लिया है। जो की अपने तय समय पर छोड़ा जाएगा,
जैसा की आप सभी जानते है की यह भारत का पहला सूर्य मिशन है। जो की इसरो का आदित्य-L1 मिशन क्या है, यह कितनी दूरी तय करेगा, उसमें कितना समय लगेगा, मिशन का लक्ष्य क्या है, जिसके बारे मे जानते है
आदित्य-L1 मिशन की पूरी जानकारी और जुड़े रोचक तथ्य
Aditya L1 Mission Essay In Hindi
सूर्य हमारे तारामंडल का सबसे बड़ा तारा है, जिसपर वैज्ञानिको ने अभी तक कोई खास जानकारी नही पाये है, सूर्य की इन्ही अनेक रहस्यो पर से पर्दा उठाने के लिए भारत ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए आदित्य-L1 मिशन लांच कर रहा है, जो की सूर्य से संबन्धित अनेक जानकारी इककट्ठा करेगा, तो चलिये आदित्य-L1 मिशन के बारे मे जानते है –
आदित्य-L1 मिशन की पूरी जानकारी और जुड़े रोचक तथ्य |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने भारत के के पहले सोलर मिशन को ‘आदित्य-L1’ नाम दिया है। |
आदित्य-L1 मिशन की मदद से सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाई जाएगा, |
आदित्य-L1 मिशन का लॉन्च समय 2 सितंबर 2023 की दिन मे 11.50 बजे होगा। |
हाल मे चंद्रयान-3 की तरह इसे भी श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। |
आदित्य-L1 मिशन अंतरिक्ष यान को सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रणाली के लार्ज्रेंज पॉइंट L1 के चारों ओर एक हेलो कक्षा में रखा जाएगा। यह जगह धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। |
पृथ्वी से सूर्य की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर दूर है, ऐसे मे आदित्य-L1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य की तरफ जाएगा, जो की यह सूर्य से दूरी का मात्र 1% है, |
भौतिकी विज्ञान में लार्ज्रेंज पॉइंट्स ऐसे पॉइंट्स होते हैं जहां दो-पिंडो वाली गुरुत्वाकर्षण प्रणाली में एक छोटी वस्तु को जब वहां रखा जाता है तो वह स्थिर रहती है। |
सूर्य और पृथ्वी जैसे दो-पिंड सिस्टम के लिए लार्ज्रेंज बिंदु ऐसे ऑप्टिम पॉइंट्स बन जाते हैं जहां स्पेसक्राफ्ट कम ईंधन की खपत के साथ लंबे समय तक बने रह सकते हैं। |
सोलर-अर्थ सिस्टम में पांच लार्ज्रेंज पॉइंट्स हैं। लार्ज्रेंज बिंदु L1 वह है जहां आदित्य-L1 मिशन जा रहा है। |
आदित्य-L1 मिशन स्पेसक्राफ्ट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र SHAR से प्रक्षेपित किया जाएगा। |
आदित्य-L1 मिशन पृथ्वी की निम्न कक्षा में रखा जाएगा। फिर कक्षा को अधिक दीर्घवृत्ताकार बनाया जाएगा। |
आदित्य-L1 मिशन फिर यह अपने कक्षा से आखिर में स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर बड़े इंजनो की सहायता से लार्ज्रेंज बिंदु 1 की ओर धकेल दिया जाएगा। |
पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद, आदित्य-एल1 का क्रूज स्टेज शुरू होगा, जिसके बाद यह लार्ज्रेंज बिंदु 1 (L1) के चारों ओर एक हेलो कक्षा में प्रवेश करेगा। |
इसरो के अनुसार आदित्य-L1 को पृथ्वी से लार्ज्रेंज बिंदु 1 तक का सफर पूरा करने में लगभग चार महीने लगेंगे। |
आदित्य-एल पर लगे पेलोड
आदित्य-L1 पर ऑन-बोर्ड कुल सात पेलोड हैं। इनमें से चार पेलोड जो की रिमोट सेंसिंग पेलोड्स हैं और इसके अलावा तीन इन-सिटु पेलोड्स लगे है, जो की आदित्य-L1 के उपकरणों को मुख्य रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना सौर वातावरण का निरीक्षण करने के लिए ट्यून किया गया है।
रिमोट सेंसिंग पेलोड्स
विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) : कोरोना/इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी |
हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS) : हार्ड एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर |
सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS) : सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर |
सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) : प्रकाशमंडल और क्रोमोस्फीयर इमेजिंग- नैरो और ब्रॉड बैंड |
इन-सिटु पेलोड्स
आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) |
ऐडवांस्ड ट्राई-एक्सल हाई रेजोल्यूशन डिजिटल मैग्नोमीटर्स |
Advanced Tri-axial High Resolution Digital Magnetometers |
प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) |
आदित्य-एल1 मिशन के उद्देश्य
Aditya L1 Mission Aim In Hindi
इसरो के अनुसार आदित्य-L1 मिशन के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
आदित्य-एल1 मिशन के उद्देश्य |
आदित्य-L1 मिशन द्वारा सूर्य के ऊपरी वायुमंडल (किरणोत्सर्जन और कोरोना) के गतिकी का अध्ययन। |
सूर्य के क्रोमोस्फीयर और कोरोना की हीटिंग, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा के भौतिकी, कोरोनल मास इजेक्शन और फ्लेयर्स की शुरुआत का अध्ययन। |
सीएमई का विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति। |
उन प्रक्रियाओं के अनुक्रम को पहचानें जो कई परतों (क्रोमोस्फीयर, आधार और विस्तारित कोरोना) में होते हैं जो अंततः सौर विस्फोटक घटनाओं की ओर ले जाते हैं। |
सौर कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र टोपोलॉजी और चुंबकीय क्षेत्र माप। |
सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले इन-सिटू कण और प्लाज्मा वातावरण का निरीक्षण करें। |
सौर कोरोना और इसकी हीटिंग तंत्र का भौतिकी। |
कोरोनल और कोरोनल लूप्स प्लाज्मा का निदान: तापमान, वेग और घनत्व। |
अंतरिक्ष मौसम के चालक (सौर हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता)। |
तो आप सभी को यह आदित्य-L1 मिशन की पूरी जानकारी Aditya L1 Mission Essay In Hindi कैसा लगा, कमेंट मे हमे जरूर बताए, और जैसे जैसे आदित्य-L1 मिशन से जैसे नए जानकारी मिलेगे, आपके साथ अपडेट किया जाएगा।
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Really its a proud of Indian peach and every people ,
Chalo ab surya ke baare me bhi jankari mil jayegi.
kis surya ki baat kr raho ho bhai main ya suraj
Surya yani Sun ek hi hai, haa logo ke naam bhi ho sakte hai
Haa Yogendra Singh, ish project se sun ke bare me vistar se jankari milega..