Honesty Story in Hindi
ईमानदारी की कहानी
अगर आप ईमानदार है तो निश्चित ही आपको सफलता भी एक दिन जरूर मिलती है, इसलिए हमे भी अपने जीवन मे ईमानदारी का साथ नही छोडना चाहिए, तो चलिये आपको इस सोच पर आधारित ईमानदारी एक कहानी बताने जा रहे है, जिससे आपको इस कहानी एक अच्छी सीख मिलेगी
ईमानदारी की कहानी
Honesty Story in Hindi
एक बार की बात है किसी गाँव मे रमेश नाम का लड़का था जो की बहुत ही गरीब घर था, वह पढ़ाई लिखाई करने के बाद काम की तलाश मे शहर गया, जो की उसे अपने पढ़ाई के हिसाब से काम नही मिल रहा था, हर जगह बहुत ही कम पगार पर मेहनत मजदूरी का काम मिल रहा था,
इस तरह वह काम के चक्कर मे भटकते भटकते एक सेठ के यहा पहुच गया, फिर वह उस सेठ के यहा मेहनत मजदूरी के काम पर लग गया, लेकिन सेठ को पता चल गया था, की रमेश बहुत ही पढ़ा लिखा और होनहार लड़का है, जो की मजबूरी मे पढ़ाई लिखाई वाले काम के बजाय मजदूरी वाले काम को कर रहा है,
उस सेठ के एक मेहनती और ऐसे ईमानदार व्यक्ति की तलाश थी जो की उसका हिसाब बारी और सारे काम को संभाल सके, जिसके लिए उस सेठ ने रमेश की ईमानदारी की परीक्षा लेनी चाही, फिर एक दिन सेठ ने रमेश को कुछ हजार रुपए निकालकर किसी व्यापारी को देने के लिए भेजा, रमेश ने पूरी ईमानदारी के साथ उन पैसो को व्यापारी को गिनकर दे दिये, इस तरह रमेश के ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुआ,
लेकिन वह सेठ रमेश की और परीक्षा लेने की सोची, फिर वह अगले अपने पेटी मे कुछ हजार रुपए गिनकर रख दिये थे और रमेश को बोला कुछ हजार रुपए निकालकर एक व्यापारी को दे आए, फिर रमेश ने इस बार भी ईमानदारी के साथ पैसे गिनकर वह पैसे दे आया, लेकिन सेठ को फिर भी रमेश की और भी परीक्षा लेनी चाही,
फिर सेठ ने कुछ रुपए पेटी मे रख दिये थे, लेकिन गरीब रमेश की माली हालत ठीक नही थी, फिर वह दो तीन सौ रुपए पेटी से चुराकर अपने पास रख लिए थे, लेकिन बाद मे जब सेठ ने सारे पैसे गिने थे 3 सौ रुपए कम थे, लेकिन सेठ ने रमेश से कुछ नही कहा,
इस तरह रमेश की इस चोरी करने की हिम्मत दिन प्रतिदिन बढ्ने लगी, और फिर रोज चोरी करने लगा, और फिर जब सर पानी से ऊपर चढ़ गया तो सेठ ने रमेश को अपने पास बुलाया, और कहने लगा, रमेश मुझे एक ऐसे ईमानदार व्यक्ति की जरूरत थी, जो की मेरे काम काज और व्यापार को संभाल सके, और उस व्यक्ति को फिर अपने जमीन जायदाद का मालिक भी बना देता, क्यूकी मेरे पास कोई संतान नही है, लेकिन तुम पैसे के लालची इंसान हो, क्यूकी तुम रोजाना चोरी करने लगे हो, क्यूकी मुझे पता था, जो व्यक्ति ईमानदार होता है, वह दूसरों के पैसे को कभी नही चुराता है, बल्कि वह अपने मेहनत के ही पैसे को खाता है, इसलिए तुमको आज से इस नौकरी से निकालता हु और जीतने भी पैसे चुराये है, वे तुम्हारे मजदूरी से भी कट कर लिए जाएगे,
सेठ की ये सारी बाते सुनकर रमेश को बहुत ही पछतावा हुआ, लेकिन उसका अब कुछ नही हो सकता है, क्यूकी अपने चोरी की वजह से सेठ के विश्वास को खो चुका था, अब उसे सिर्फ पछतावा के अलावा कुछ हासिल नही होने वाला था, इस तरह रमेश अपने चोरी के चलते विश्वास और नौकरी दोनों खो चुका था,
कहानी से सीख –
इस कहानी से हमे यही सीख मिलती है, की हमे कभी भी चोरी नही करना चाहिए, और अगर चोरी बेईमानी की वजह से अगर एक बार विश्वास खो दिया तो फिर वह दुबारा कभी वापस नही आ सकता है, इसलिए हमारे सामने चाहे कैसी भी परिस्थिति हो लेकिन कभी भी ईमानदारी नही छोड़ना चाहिए, तभी जीवन मे एक अच्छा मुकाम हासिल कर सकते है,
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