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भगवान राम के जन्मोत्सव रामनवमी पर निबंध – Essay on Ram Navami in Hindi

Essay on Ram Navami in Hindi Nibandh

रामनवमी पर निबंध

रामनवमी हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध त्योहार है, जो की यह त्योहार हिन्दू पंचांग के चैत्र महीने के नौवे दिन यानि नवमी के दिन मनाया जाता है, जो की इस दिन त्रेतायुग मे भगवान श्रीराम के जन्म दिवस को मनाया जाता है,

रामनवमी भारत मे ही नही अपितु भारत के बाहर अन्य देशो मे भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन लोग उपवास रखते है, और घरो की साफ़ सफाई करते आधी रात मे महिलाए पूजा के लिए भोजन और प्रसाद बनाती है, जिसे उसी रात्री के भोर मे भगवान जी को भोग लगाया जाता है, और फिर घरो मे हवन पूजन किया जाता है, फिर सुबह लोग इस प्रसाद को खाते है, और फिर शाम को जगह जगह मंदिरो पर मेला लगता है, जिसकी छटा देखते बनती है,

तो चलिये अगर आप भी अपने कक्षा के लिए राम नवमी पर निबंध लिखना चाहते है, तो हमारे इस पोस्ट की सहायता से रामनवमी पर निबंध लिख सकते है,

रामनवमी पर निबंध

Ram Navami Essay in Hindi

Essay on Ram Navami in Hindi Nibandhरामनवमी का त्योहार हिन्दू चैत्र महीने के नवे दिन यानि नवमी को मनाया जाता है, जो की हिन्दू धर्म का बहुत ही प्रमुख त्योहार है, इस दिन का विशेष महत्व है, क्यूकी इसी दिन त्रेतायुग मे भगवान श्रीराम जी का जन्म हुआ था, जिसके उपलक्ष्य मे प्रतिवर्ष रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है,

जब त्रेतायुग मे इस धरती पर राक्षसो का अत्याचार बहुत अधिक बढ़ गया था, तो इन असुरो का अंत करने और पाप को खत्म करने को भगवान विष्णु जी ने राम जी के रूप मे अयोध्या मे राजा दशरथ के सबसे बड़े बेटे के रूप मे जन्म लिया था, जो की यह अवतार आदर्श का रूप माना जाता है, क्यूकी भगवान रामचन्द्र जी ने लोगो को जीने के लिए आदर्श का मार्ग अपनाया था, जिसमे हर किसी को बराबरी का समान देते है, जिसके कारण लोग आज भी रामराज की कामना करते है, जिस राज मे हर प्राणी के कल्याण की बात की जाती है,

रामनवमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, भगवान रामचन्द्र जी के गृह नगर अयोध्या जहा भगवान राम जी का जन्म हुआ था, वहा की छटा तो देखते ही बनती है, पूरे अयोध्या नगरी को फूलो से सजाया जाता है, और हर साल इस दिन लाखो लोग रामलला के दर्शन के लिए पहुचते है, जिस कारण पूरा अयोध्या नगरी बहुत ही सुंदर दिखती है,

रामनवमी का त्योहार हर हिन्दू घर मे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, बहुत से लोग और महिलाए इस दिन व्रत रखती है, और इस त्योहार को मनाने के लिए पूरे घर की साफ सफाई की जाती है, और रामनवमी वाले रात्री मे महिलाए भगवान जी के भोग के लिए और घरो के लोगो के लिए आधी रात्री मे भोजन बनाती है, जिसमे पुए, गुलगुले और तरह तरह के व्यंजन आदि प्रमुख होते है, जिसका इस दिन का इंतजार लोगो को हर साल रहता है, जो की इस दिन ये व्यंजन और दिन के मुक़ाबले बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट होते है,

फिर सारे रात्री मे ही महिलाए सारे भोजन बनाने के बाद भगवान को भोग लगाते है, और विधिवत पूजा पाठ करती है, और घरो की दीवारों पर पर हल्दी से हाथो की छाप बनाती है, जो की शुभ का प्रतीक होता है, और घरो के दरवाजो पर आम के पल्लो से बांधा जाता है, फिर सुबह होने पर पंडित जी को बुलाकर घर मे हवन किया जाता है, फिर पूजा पाठ होने के बाद लोग नहा धोकर इन प्रसाद और भोजन को ग्रहण करते है, इस तरह रामनवमी के त्योहार मे परिवार के सारे लोग मिलकर खुशिया मनाते है, और अपने इष्ट देव रामजी की पूजा करते है,

रामनवमी का इतिहास

हिन्दू धर्म ग्रंथ रामायण के अनुसार आज से 7000 वर्षो से पहले अयोध्या मे राजा दशरथ अपनी तीन पत्नीयो कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा के साथ रहती थी, उनकी कोई संतान नहीं थी, फिर राजा दशरथ को अपने वंश और राज्य चलाने के लिए चिंता होने लगी थी,

फिर राजा दशरथ जी ने अपने कुल गुरु वशिष्ठ के सलाह पर धार्मिक अनुष्ठान यज्ञ करने को कहा, जिसके बाद राजा दशरथ जी ने महान ऋषि रुश्र्य श्रुंगा के नेतृत्व मे महान यज्ञ किया, फिर उस धार्मिक अनुष्ठान मे ऋषि ने दो कटोरी दूध चावल की बनी खीर निकला, जिसमे तीनों रानियो ने आपस मे मिल बांटकर उस खीर को खा लिया, जिस कारण से राजा दशरथ जी को चार संतान प्राप्ति हुई, जिसमे कौशल्या से राजा राम, कैकेयी से भरत और सबसे छोटी रानी सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुध्न के रूप मे बेटो का जन्म हुआ था। जिस कारण से इस दिन को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है,

रामनवमी व्रत विधि

रामनवमी के दिन भगवान राम जी का जन्म दिवस मनाया जाता है, तो इस दिन सबसे पहले घरो की साफ सफाई की जाती है, और घरो मे खासकर किचन और पूजा घर की विशेष सफाई की जाती है, फिर गंगाजल छिड़कर घर को प्रवित्र किया जाता है, फिर स्नान करके व्रत का पालन किया जाता है, लोग इस दिन पीले वस्त्र धारण करते है, फिर लोग पूजा के लिए पूजा सामग्री एकत्रित करते है, और फिर पूजा घर मे स्वस्तिक बनाया जाता है और चावल छिड़क कर स्वास्तिक के बीचोंबीच कलस की स्थापना किया जाता है, फिर रात्री मे पूजा के लिए तरह तरह के व्यंजन भोग के लिए बनाए जाते है,

चूंकि भगवान रामजी का जन्म रात्री मे हुआ था, इस लिए रात्री मे पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करती है, मंगल गीत गाती है, और फिर अगले दिन हवन होने के बाद ही व्रत का संकल्प तोड़ा जाता है, फिर घरो की छतो पर भगवा या लाल रंग का झण्डा भी फहराते है, जो की राम जी ध्वजा का प्रतीक होता है, इस दिन पूरे विधिवत रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है,

रामनवमी व्रत करने के लाभ

रामनवमी के दिन भगवान राम जी का जन्म हुआ था, तो इस दिन उनकी पूजा करने से उनके विशेष कृपा होती है, जो लोग रामनवमी का व्रत रखते है, उन्हे रामजी की विशेष कृपा होती है, और उन्हे बुद्धि ज्ञान और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है, जिस कारण से रामनवमी का व्रत करने से हमारे दूषित मन साफ होता है, और भक्ति, शक्ति और पवित्रता का आशीर्वाद मिलता है, तो इस व्रत के फल की प्राप्ति के लिए हमे निष्काम भाव से भक्ति से रामनवमी का व्रत जरूर करना चाहिए,

उपसंहार –

इस तरह देखा जाय तो भगवान श्रीराम हम सभी के जीवन के लिए आदर्श है, उनके जीवन के बनाए मार्गो का अनुसरण करना चाहिए और उनके बनाए रास्तो पर चलना चाहिए, तभी हम सभी रामराज के सपनों को फिर से एकबार साकार कर सकते है,

तो आप सभी को यह पोस्ट रामनवमी पर निबंध कैसा लगा, कमेंट मे हमे जरूर बताए और इस निबंध को लोगो के साथ शेयर जरूर करे, जय श्री राम ॥

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