पंचतंत्र | Panchtantra संस्कृत साहित्य के उन महान अनमोल ग्रंथो में से एक है जिन्हें शाश्वत रूप से अमर समझा जाता है पंचतंत्र की कहानिया विश्व की 50 से अधिक भाषाओ में इसके 200 से अधिक संस्करण उपलब्ध है जो अपने आप में एक अद्भुत रिकॉर्ड है पंचतंत्र की कहानियो के माध्यम से धर्म, राजनीती, जीवन जीने की नीति, दुनियादारी, नीति उपदेश दिए गये है पंचतंत्र के लेखक आचार्य विष्णु शर्मा है जिनका मुख्य उद्देश्य इन कथाओ के माध्यम से लोगो को नैतिक ज्ञान प्रदान करना है.
तो चलिए इस पोस्ट में पंचतंत्र की 5 कहानियां (Panchtantra Stories in Hindi) बताने जा रहे है, जिनसे हम प्रेरणा ले सकते है.
पंचतंत्र की 5 प्रसिद्द सीख देती कहानिया
Panchtantra Ki 5 Best Kahaniya | Panchtantra Stories in Hindi
तो आईये आचार्य विष्णु शर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र के 5 कहानियो के माध्यम से हम सब नैतिक ज्ञान की शिक्षा लेते है
पंचतंत्र की पहली कहानी – बन्दर और मगरमच्छ की कथा
Panchtantra 1st Kahani – Monkey and Crocodile Story in Hindi
समुन्द्र के किनारे एक विशाल जामुन का पेड़ था जिस पर एक बन्दर रहता था बन्दर जामुन के फलो को खाकर अपना जीवन सुखमय जीवन बिता रहा था एक दिन समुन्द्र में से एक मगरमच्छ निकलकर किनारे पर आया और धुप सेकने लगा तो बन्दर ने उसे अपना अथिति समझकर कुछ जामुन के फल तोडकर नीचे गिरा दिए जिसे मीठे जामुन खाकर बड़ा प्रसन्न हुआ,
और फिर बन्दर से दोस्ती करने की बात की तो बन्दर मगरमच्छ से दोस्ती करने को तैयार हो गया इस प्रकार रोज मगरमच्छ धुप सेकने आता और बन्दर रोज उसे मीठे जामुन खिलाता और कुछ जामुन के फल मगरमच्छ की पत्नी को भी उपहार स्वरूप देता जिसे मगरमच्छ की पत्नी मीठे फलो को खाकर बड़ी प्रसन्न होती और एक दिन इसके बारे में वह अपने पति से पूछती तो मगरमच्छ ने अपने दोस्त बन्दर के बारे में बता दिया.
Hindi Kahani – अपने दिमाग से सोचना सीख देती कहानी
तो इसके बाद मगरमच्छ की पत्नी सोचने लगी जो बन्दर इतने मीठे फल खाता होंगा उसका हृदय कितना मीठा होंगा क्यों न उसके हृदय को खाया जाय, वह अपने मन की बात मगरमच्छ से बताई तो मगरमच्छ भड़क उठा और बोला मै अपने प्यारे मित्र के साथ धोखा नही कर सकता हु लेकिन मगरमच्छ की पत्नी नाराज होते हुए बोली जब बन्दर का इतना ही ख्याल है तो फिर मुझे छोड़ दो बेचारा मगरमच्छ अपने पत्नी की प्यार को खोना नही चाहता था फिर इसके पश्चात वह बन्दर को अपनी पत्नी के पास ले आने को तैयार हो गया.
इसके बाद एक दिन मगरमच्छ अपनी पत्नी से मिलने की बात बन्दर को बताया तो बन्दर बोला बस इतनी सी बात और इसके बाद वह कुछ मीठे फल अपने साथ लेकर मगरमच्छ की पीठ पर सवार हो गया और फिर मगरमच्छ बोला समुन्द्र के बीचोबीच एक टापू पर मेरा घर है वहा चलते है फिर मेरी पत्नी से मिल लेना.
अकबर बीरबल की किस्से कहानियाँ Akbar Birbal Story in Hindi
इसके बाद मगरमच्छ बन्दर को पीठ पर बैठाकर समुन्द्र के बीचोबीच जाने लगा लेकिन मगरमच्छ का मन अपने मित्र को धोखा देने को तैयार नही हो रहा था, लेकिन सोचा अब तो बन्दर मरने वाला ही है क्यू न बन्दर से सच बात बता दिया जाय ऐसा सोचकर मित्र को धोखा न देने के वास्ते अपनी पत्नी की हृदय खाने की इच्छा को बता दिया,
बेचारा यह बात सुनकर दंग रह गया और इस विपत्ति के धैर्य के साथ वह मगरमच्छ से बोलता है “बस इतनी सी बात, यह बात पहले बताते तो मै अपना हृदय अपने साथ ले आता” यह सुनकर मगरमच्छ भौचक्का रह गया और बोला सबका हृदय तो अपने शरीर में होता है और तुम्हारा ह्रदय तुम्हारा ह्रदय तुम्हारे घर है ऐसे कैसे होता है.
अर्जुन और चिड़िया की आँख कहानी | महाभारत की कहानिया और कथाएं
तो बन्दर समझाते हुए बोला की तुम जलचर हो तुम्हे नही पता की की थलचर कैसे प्राणी होते है उनको इतना दूर दूर तक जाना होता है काम करना पड़ता है इसलिए थलचर प्राणी अपना हृदय अपने घर में रखकर जाते है.
यह बात सुनकर मगरमच्छ को बन्दर की बात पर विश्वास हो गया और बन्दर को वापस हृदय लाने के लिए नदी के किनारे पर जाने लगा और जैसे ही नदी के किनारे बन्दर पहुच गया फिर जामुन के पेड़ पर चढ़ गया फिर मगरमच्छ बोला मित्र शीघ्र करो और जल्दी करो तुम्हारी भाभी इंतजार कर रही है.
तो इस पर बन्दर बोला – “हे धोखेबाज मित्र तुम्हे तो मित्र कहने में भी मुझे अब शर्म आता है तुम्हे मैंने अपना सच्चा मित्र समझकर दोस्ती की लेकिन तुम उसी दोस्ती के बदले मेरा जान लेना चाहता है इससे अच्छा है मै किसी धोखेबाज मित्र के साथ न रहू तुम सिर्फ अपनी पत्नी की भूख की शांति के लिए अपने मित्र को मारना चाहता है चला जा यहाँ से, तेरी जाति ही ऐसी है तुम्हे लोगो का बस जान लेना आता है चला जा यहा से फिर कभी अपना ये धोखेबाज और दुष्ट चेहरा हमे न दिखाना”.
एक गरीब किसान की कहानी Moral Hindi Story
बन्दर की बात सुनकर मगरमच्छ बहुत ही लज्जित हुआ और चुपचाप वहा से चला गया. और फिर कभी बन्दर के सामने कभी नही आया.
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है की जो भी हम पर विश्वास करे उसके साथ कभी भी किसी भी प्रकार से छल या धोखा नही देना चाहिए और जो लोग अपने से विचार न करके दुसरो के कहने पर चलते है उनकी बुद्धि अक्सर भ्रष्ट हो जाती है इसलिए मित्रता में कभी भी धोखा या विश्वासघात तो कतई नही करना चाहिए.
काल करे सो आज कर की शिक्षा पर Motivational Hindi Story
पंचतंत्र की दूसरा कहानी – बगुला भगत और केकड़े की कहानी
Panchtantra 2 Story – Bagula Bhagat Ki Kahani
Panchtantra ki Kahaniya – किसी जंगल में एक बहुत बड़ा तालाब था उसमे अनेक जीवजन्तु निवास करते थे और उसी तालाब के किनारे एक बगुला भी रहता था जो की काफी बुढा हो चूका था और अपने भोजन के लिए मछलियों को पकड़ने में असमर्थ था जिसके कारण उसका भूख से बुरा हाल था और एक दिन अपने पिछले कार्यो पर पश्चाताप करके आशु बहा रहा था की अचानक वहा एक केकड़ा आया और पूछा “आप रो क्यू रहे है आज मछलिया भी पकड़ नही रहे है”.
कुम्हार के पात्र Short Moral Story in Hindi
यह सुनकर बगुला बोला “मै बहुत ही पापी हु हमेसा निर्दोषों का जान लिया है अब मुझे प्रायश्चित हो रहा है अब मै इन जंतुओं को न मारकर केवल फल खाकर जीवन गुजारा करूंगा”.
लेकिन बगुले के इस तरह भगत बनने पर केकड़े को विश्वास नही हो रहा था की भला दुसरो की हत्या करने वाला कबसे भक्त बन गया फिर भी आप रो क्यों रहे है तो इसपर बगुले ने कहा की “ मैंने ज्योतिषी की बात सुन रखी है की इस साल भयंकर सुखा पड़ने वाला है इसी बात को लेकर चिंता हो रही है अब सारे जल के जन्तु बेमौत मारे जायेगे इसलिए मुझे इस बात का दुःख हो रहा है”.
यह बात सुनकर केकड़ा सभी जन्तुओ और मछलियों को यह बात बता दी तो सभी जन्तु अपना प्राण बचाने के लिए बगुले के पास आये और सूखे से बचने का उपाय पूछने लगे तो बगुला बोला की पास में ही इससे भी बड़ा तालाब है वहा आप लोग पहुच जाये तो आपका जीवन बच सकता है तो सभी अपने प्राणों की चिंता को लेकर बगुले से प्रार्थना करने लगे की आप हमे वहा पंहुचा दीजिये यह बात सुनकर केकड़े को बगुले पर विश्वास तो नही हो रहा था लेकिन सब अपने जान बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थे वो कहते है न मुसीबत के समय लोग अपने दुश्मन के साथ भी हाथ मिलाने को तैयार हो जाते थे यही उन सब जीवो के साथ भी हुआ.
खुद को बदलो दुनिया को नही नैतिक शिक्षा कहानी Change Yourself Moral Story
और इस तरह बगुला अपने चाल में कामयाब हो गया और रोज अपने चोच में मछलियों को पकड़ ले जाता और दूर जंगल में पत्थरों पर उन मछलियों को पटक कर मार डालता और फिर उन्हें खा जाता इस प्रकार उसके अच्छे दिन फिर से आ गये थे उसे तो भोजन अब बिना किसी मेहनत से ही जो मिलने लगा था.
इसी तरह दिन बीतता जा रहा था की एक दिन केकड़े ने भी आप मुझे भी ले चलिए वहा पर क्यूकी मुझे भी तो अपनी जान बचानी है तो यह सुनकर बगुला मन ही मन खुश हुआ चलो अच्छा है आज नये जीव का स्वाद खाने को मिलेगा और फिर केकड़े को अपने पीठ पर बैठाकर ले जाने लगा और फिर ऊचे आकाश में बगुला खुश होते हुए बोला “तुम कितने भोले हो और यहा के लोग कितने भोले है बिना जाने सुने सबने मुझपर विश्वास कर लिए अब सबको अपने जान से हाथ धोना पड़ रहा है आज तुम्हे भी मारकर खा जाऊंगा”.
खुश कौन है कौवा और मोर के ख़ुशी की कहानी Kahani with Moral in Hindi
यह बात सुनकर केकड़े को पक्का विश्वास हो गया है यह बगुला भगत नही धूर्त है और समय से पहले ही आपने अपने नीति बताकर अच्छा किया और फिर धीरे धीरे केकड़ा सरकते हुए बगुले के गर्दन के पास पहुच गया और कसकर अपने नुकीले दातो से बगुले की गर्दन काट दिया जिससे धडाम से बगुला आकाश से जमीन पर गिरा और प्राण गवा बैठा लेकिन केकड़ा बगुले से चिपके होने से तनिक भी चोट नही आई और फिर तालाब के पास आकर यह बात सबको बताई तो सब बिना सोचे समझे अपने दुश्मन की बातो पर विश्वास करने को लेकर बहुत ही शर्मिंदा हुए और सबने फिर भविष्य में ऐसे किसी पर विश्वास न करने की कसमे खायी.
चिड़िया की कहानी : अपना काम स्वयं करे Moral Stories in Hindi
कहानी से शिक्षा
छल और धोखा से दुसरो को हानि पहुचाने वाले लोभियों का अंत भी बुरा होता है और हमे कभी भी किसी पर बिना जाने सुने विश्वास नही करना चाहिए.
पंचतंत्र की तीसरी कहानी – शेर और बुद्धिमान खरगोश की कहानी
Panchtantra 3rd Story – Chalak Khargosh aur Sher Story in Hindi with Moral
Panchtantra ki Kahaniya – किसी घने जंगल में एक बहुत ही शक्तिशाली शेर रहता था वह बहुत ही दुष्ट प्रवित्ति का था अपने पेट की भूख शांत करने के लिए रोज अनेक जन्तुओ को मार डालता था जिसके शक्ति के आगे किसी की न चलती थी ऐसे में अब सभी जानवर चिंतित हो गये की अगर हम सब ऐसे ही मरते रहेगे,
तो हमारा वंश ही खत्म हो जाएगा तो सबने निर्णय लिया की इस विषय पर शेर से बात किया जाय और फिर सब जानवर शेर इक्कठा हो गये और सबने अपनी बता दिया तो अंत में तय हुआ की बारी बारी से एक एक दिन जानवर शेर के पास भोजन बनने जायेगा यह बात सुनकर शेर बड़ा प्रसन्न हुआ चलो अच्छा है अब मुझे बिना किसी मेहनत के रोज भोजन खुद चलकर आएगा.
गौतम बुद्ध की कहानी Gautam Buddha Ki Kahani
और इस तरह सबके मृत्यु का क्रम चलता रहा तो एक दिन एक खरगोश की बारी आई तो वह शेर के हाथो मरना नही चाहता था, और यही बाते सोचते हुए खरगोश जा रहा था की रास्ते में उसे एक कुआ दिखाई दिया जिसमे पानी भी था तो खरगोश को एक युक्ति आई और वह शेर के पास लेट पंहुचा जिससे भूख के मारे शेर चिल्ला उठा और खरगोश को लेट आने का कारण पूछने लगा,
तो खरगोश बोला “महाराज मै तो आपके ही पास आ रहा था की रास्ते में आपसे भी अधिक शक्तिशाली शेर मिल गया और बोला मै तुम्हे मारकर खाऊंगा लेकिन मै किसी तरह जान बचाकर आपके पास आया हु”.
यह बात सुनते ही शेर भडक उठा और बोला मेरे से अधिक बलशाली शेर कहा आ गया चलो मुझे उसके पास ले चलो, फिर क्या था चुपचाप खरगोश शेर को कुए के पास ले गया और बोला महाराज देखो इसी गुफा में वो शेर है फिर जैसे ही शेर कुए में झाका तो उसकी परछाई दिखी तो वह भडक उठा और जोर से दहाड़ा और उसकी वही आवाज कुए से वापस लडकर बाहर निकला.
बिल्ली की 3 कहानिया Cat Story in Hindi
इतने में अपने बल के घमंड में चूर बिना सोचे समझे कुए में कूद गया और थोड़ी देर कुए में पानी होने की वजह से मर गया और इस प्रकार उस चतुर खरगोश ने जंगल के अन्य जानवरों का जान बचाने में सफल हो गया.
कहानी से शिक्षा
बल की अपेक्षा बुद्धि हमेशा शक्तिशाली होती है इसलिए हमारे ऊपर चाहे कितनी भी बड़ी विपत्ति क्यू न आ जाये हमे हमेसा बुद्धि से ही काम लेना चाहिए और जो लो बुद्धि से काम लेते है वही लोग अपनी रक्षा स्वय कर पाते है.
भूत वाली कहानिया Ghost Story in Hindi
पंचतंत्र की चौथी कहानी – दुष्ट बन्दर और चिड़िया का घोसला की कहानी
Panchtantra 4th Story – Dusht Bandar Aur Chidiya ki Kahani with Moral
Panchtantra ki Kahaniya – किसी घने जंगल में एक विशाल पेड़ था जिसकी ऊची टहनियों पर एक चिड़िया का परिवार घोसला बनाकर रहता था उस चिड़िया का परिवार मजे से जीवन आनन्द गुजार रहे थे, फिर कुछ दिनों के बाद वर्षा ऋतू प्रारम्भ हो गयी तो चिड़िया अपने बच्चो और अन्डो के साथ घोसले में छिप गयी इतने में उस पेड़ पर बहुत सारे बन्दर भी बारिश से बचने के लिए जो की भीग गये थे और ठंड के काप भी रहे थे.
यात्री और पेड़ की कहानी A Moral Story Hindi Kahani
बंदरो की ऐसी स्थिति देखकर चिड़िया को दया आ गयी और बंदरो से बोली “आप लोग तो इतने बड़े हो आपके हाथ पाँव भी है फिर आप लोग बारिश से बचने के लिए अपना घर क्यू नही बनाते हो”.
चिड़िया की यह बात सुनकर भीगे बंदरो को बड़ा गुस्सा आया और उनमे से एक बन्दर बोला “तुम ज्यादा नही बोल रही हो, ज्यादा शिक्षा हमे मत दो और तुम मत समझाओ की क्या करना है” यह बात सुनकर चिड़िया को दुःख हुआ और बोली की “हमने तो आपको अच्छे जानकर यह बात कही लेकिन आप लोग समझते ही नही तो भला मै क्या कर सकती हु”.
यह बात सुनकर एक दुष्ट बन्दर बोला रुक जाओ पहले इसका घर तोड़ देते है फिर इसको समझ में आएगा हमलोगों का दुःख, इसके बाद वह बन्दर पेड़ की टहनियों से चिड़िया का घोसला गिरा दिया जिसमे चिड़िया के अंडे और बच्चे जमीन पर गिरते ही मर गये और चिड़िया का घर भी टूट गया फिर चिड़िया चीखती चिल्लाती रही लेकिन वह बंदरो का कुछ नही कर सकती थी.
रुपयों का पौधा Best Moral Hindi Story
कहानी से शिक्षा
इसलिए इस कहानी से हमे यही शिक्षा मिलता है की दुष्ट प्रवित्ति के लोगो को सलाह देना अपने ऊपर विपत्ति मोल लेना है इससे अच्छा है की दुष्ट लोगो से जितना दूर रहा जाय उतना ही अच्छा है.
पंचतंत्र की पाचवी कहानी – मुर्ख बातूनी कछुवा की कहानी
Panchtantra 5th Story – Murkh Batuni Kachhuva Story with Moral
Panchtantra ki Kahaniya – किसी तालाब के किनारे के कछुवा रहता था और उसी तालाब में दो हंस भी रहते थे जिसके कारण हंस और कछुवा में दोस्ती हो गयी थी हंस दूर दूर तक उडकर जाते और लोगो की बाते सुनकर कछुवा को बताते जिससे कछुवा बड़ा प्रसन्न होता था इस तरह हंस मुनियों ज्ञानियों की बाते सुनते और सारा ज्ञान कछुवे को भी देते लेकिन कछुवा बहुत ही बोलता रहता था वह एक मिनट के लिए चुप नही रह पाता था जिसके कारण उसके मित्र उसे समझाते की कभी कभी हमे चुप होकर दुसरो की बाते भी सुननी चाहिए लेकिन कछुवा अपने आदत से लाचार था.
4 अंधे आदमी और हाथी की कहानी Moral Story in Hindi
एक दिन हंसो ने सुना की यहाँ अब सुखा पड़ने वाला है तो यह बात तुरंत कछुवे को भी बताई और कछुवा उनसे अपनी जान बचाने को बोला तो ठीक है हम तुम्हारी मदद करते है क्यूकी तुम हमारे मित्र भी हो और फिर हंस पास से एक लकड़ी की टहनी लेकर आया और बोला दोनों किनारों से हम अपने चोच से पकड़ते है तुम बीच में अपने दातो से लकड़ो को पकड़ लेना इस प्रकार उड़कर हम दुसरे दूर तालाब में चले जायेगे,
शेख चिल्ली की कहानी Shekh Chilli Ki Kahani
लेकिन एक बात का ध्यान रखना बीच में कही नही बोलना है या भूल से मुह खोलना. यह सारी बाते सुनकर कछुवे ने हामी भर दी और फिर इस प्रकार हंस कछुवे को लेकर उड़ने लगे तो रास्ते में पास के गाव में यह नजारा बच्चो ने देखा तो चिल्लाने लगे की वो देखो कछुवा उड़ रहा है.
सब बच्चे इतने तेज से चिल्ला रहे थे की कछुवे से रहा नही गया और और बोलना चाहा तो हंसो ने समझाया की मुह भूल से भी न खोले वरना प्राण भी जा सकते है लेकिन कछुवा बच्चो की आवाज सुनकर चुप न रह सका और बोलने के लिए अपना मुह खोल दिया. और इस प्रकार ऊचे आकाश से कछुवा जमीन पर धडाम से गिर पड़ा जहा वही पर उसकी मौत हो गयी.
सफलता के शॉर्टकट की हिन्दीकहानी Hindi Story of Shortcut
कहानी से शिक्षा
हमे कुछ भी बोलने से पहले वहा की परिस्थिति को समझ लेना आवश्यक होता है क्यूकी बिना किसी कारण के बार बार बोलना भी कभी कभी बहुत महंगा पड़ता है इसलिए हमे अक्सर कहा भी जाता है हमे उतना ही बोलना चाहिए जहा जितनी ही जरूरत हो.
सिन्ड्रेला की कहानी | Cinderella Ki Kahani
तो आप सबको पंचतंत्र की ये 5 कहानिया कैसा लगा प्लीज कमेंट बॉक्स में जरुर बताये और इन कहानी को शेयर भी जरुर करे.