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बड़ा बनने के लिए बड़ा सोचो प्रेरणादायक कहानी | Think Higher Motivational Success Stories in Hindi

Think Higher Motivational Success Stories in Hindi

बड़ा बनने के लिए बड़ा सोचो प्रेरणादायक कहानी

वो कहते है, न हम जैसा सोचते है, करते है, वैसा ही हमे मिलता है, और वैसा ही बनते है, तो जीवन मे आगे बढ्ने के लिये, बड़ा बनने के लिये हमे बड़ा सोचना भी पड़ता है, हमारी सोच जितनी बड़ी होगी, हम उतना ही बड़े बनते भी है, तो चलिये इसी सोच पर आधारित बड़ा बनने के लिए बड़ा सोचो प्रेरणादायक हिन्दी कहानी Think Higher Motivational Success Stories in Hindi बताने जा रहे है, जो की बहुत ही प्रेरणा देने वाली हिन्दी कहानी है,

बड़ा बनने के लिए बड़ा सोचो प्रेरणादायक हिन्दी कहानी

Think Higher Motivational Success Stories in Hindi    

Think Higher Motivational Success Stories in Hindiअत्यंत गरीब परिवार का एक बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में किसी दूसरे शहर जाने के लिए  रेलगाड़ी से सफ़र कर रहा था | घर में कभी-कभार ही सब्जी बनती थी, इसलिए उसने रास्ते में खाने के लिए सिर्फ रोटीयां ही रखी थी |

आधा रास्ता गुजर जाने के बाद उसे भूख लगने लगी, और वह टिफिन में से रोटीयां निकाल कर खाने लगा | उसके खाने का तरीका कुछ अजीब था , वह रोटी का  एक टुकड़ा लेता और उसे टिफिन के अन्दर कुछ ऐसे डालता मानो रोटी के साथ कुछ और भी खा रहा हो, जबकि उसके पास तो सिर्फ रोटीयां थीं!! उसकी इस हरकत को आस पास के और दूसरे यात्री देख कर हैरान हो रहे थे | वह युवक हर बार रोटी का एक टुकड़ा लेता और झूठमूठ का टिफिन में डालता और खाता | सभी सोच रहे थे कि आखिर वह युवक ऐसा क्यों कर रहा था | आखिरकार  एक व्यक्ति से रहा नहीं गया और उसने उससे पूछ ही लिया की भैया तुम ऐसा क्यों कर रहे हो, तुम्हारे पास सब्जी तो है ही नहीं फिर रोटी के टुकड़े को हर बार खाली टिफिन में डालकर ऐसे खा रहे हो मानो उसमे सब्जी हो |

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तब उस युवक  ने जवाब दिया, “भैया , इस खाली ढक्कन में सब्जी नहीं है लेकिन मै अपने मन में यह सोच कर खा रहा हू की इसमें बहुत सारा आचार है,  मै आचार के साथ रोटी खा रहा हू  |”

फिर व्यक्ति ने पूछा, “खाली ढक्कन में आचार सोच कर सूखी रोटी को खा रहे हो तो क्या तुम्हे आचार का स्वाद आ रहा है?”

“हाँ, बिलकुल आ रहा है, मै रोटी  के साथ अचार सोचकर खा रहा हूँ और मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा है|”, युवक ने जवाब दिया|

उसके इस बात को आसपास के यात्रियों ने भी सुना, और उन्ही में से एक व्यक्ति बोला , “जब सोचना ही था तो तुम आचार की जगह पर मटर-पनीर सोचते, शाही गोभी सोचते….तुम्हे इनका स्वाद मिल जाता | तुम्हारे कहने के मुताबिक तुमने आचार सोचा तो आचार का स्वाद आया तो और स्वादिष्ट चीजों के बारे में सोचते तो उनका स्वाद आता | सोचना ही था तो भला  छोटा क्यों सोचे तुम्हे तो बड़ा सोचना चाहिए था |”

इस तरह देखा जाय तो हम जितना बड़ा सोचेगे, हमे उतना ही मिल सकता है, तो जिसकी सोच जितनी बड़ी होगी तो उतना ही अधिक सफल भी होगा,

कहानी से शिक्षा

मित्रो इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की जैसा सोचोगे वैसा पाओगे | छोटी सोच होगी तो छोटा मिलेगा, बड़ी सोच होगी तो बड़ा मिलेगा | इसलिए जीवन में हमेशा बड़ा सोचो | बड़े सपने देखो , तो हमेश बड़ा ही पाओगे| छोटी सोच में भी उतनी ही उर्जा और समय खपत होगी जितनी बड़ी सोच में, इसलिए जब सोचना ही है तो हमेशा बड़ा ही सोचो,

तो आप सभी को यह कहानी बड़ा बनने के लिए बड़ा सोचो प्रेरणादायक हिन्दी कहानी Motivational Think Higher Success Stories in Hindi कैसा लगा, कमेंट बॉक्स मे जरूर बताए और इस कहानी को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे,

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