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जीवन की मुश्किलों से सीख देती फूटे घड़े की कहानी – Cracked Pot Motivational Hindi Story

Cracked Pot Motivational Hindi Story

फूटे घड़े की कहानी

हर इंसान मे मे कोई न कमी जरूर होती है, लेकिन हमेसा उस कमी के बारे मे सोचते ही रहने से कुछ नही होता है, बल्कि उसी कमी को अपना प्रतिभा बना ले तो फिर वही कमी हमारे लिए वरदान साबित हो जाती है, तो चलिये इस कहानी मे मे एक ऐसे फूटे घड़े की कहानी Cracked Pot Motivational Hindi Story बताने जा रहे है, जो की बहुत ही प्रेरणा देने वाली है, तो चलिये इस मोरल स्टोरी को जानते है।

फूटे घड़े की कहानी

Cracked Pot Motivational Hindi Story

Cracked Pot Motivational Hindi Storyएक बार की बात है, किसी  गाँव  में  एक किसान  रहता  था. वह  रोज़   सुबह में  उठकर  दूर  झरनों  से  स्वच्छ  पानी  लेने  जाया करता  था, इस  काम  के  लिए  वह  अपने  साथ  दो  बड़े  घड़े  ले  जाता  था, ताकि वो  डंडे  में   बाँध  कर  अपने कंधे पर  दोनों  ओर  लटका  लेता  था .

उनमे से एक घड़ा कहीं से फूटा हुआ था, और दूसरा एक दम सही था. इस  वजह से रोज़  घर पहुँचते – पहुचते किसान  के  पास  डेढ़ घड़ा पानी  ही बच पाता  था. ऐसा कई महीनो से चल रहा  था .

सही  घड़े  को  इस  बात का घमंड  था कि वो  पूरा का पूरा पानी घर पहुंचता है और  उसके  अन्दर  कोई  कमी नहीं है,  वहीँ  दूसरी  तरफ  फूटा  घड़ा  इस  बात से  शर्मिंदा  रहता  था  कि  वो  आधा  पानी  ही  घर  तक  पंहुचा पाता  है और  किसान  की मेहनत  बेकार  चली  जाती है,

फूटा घड़ा ये  सब  सोच  कर  बहुत परेशान  रहने  लगा  और एक दिन उससे  रहा नहीं  गया, उसने  किसान  से कहा, “ मैं  खुद  पर  शर्मिंदा  हूँ  और  आपसे  क्षमा  मांगना  चाहता  हूँ ?”

“क्यों  ? “ किसान ने पूछा, “ तुम  किस बात से शर्मिंदा  हो ?”

“शायद  आप  नहीं  जानते  पर  मैं  एक  जगह  से  फूटा  हुआ  हूँ, और  पिछले  दो  सालों  से  मुझे  जितना  पानी  घर पहुँचाना  चाहिए  था  बस  उसका  आधा  ही  पहुंचा  पाता है, मेरे  अन्दर  ये  बहुत बड़ी  कमी  है , और  इस  वजह  से आपकी  मेहनत  बर्वाद  होती  रही  है.”, फूटे घड़े ने दुखी होते हुए कहा.

किसान  को  घड़े  की  बात  सुनकर  थोडा  दुःख  हुआ  और  वह  बोला , “कोई  बात  नहीं , मैं  चाहता  हूँ  कि  आज लौटते  वक़्त  तुम   रास्ते में  पड़ने  वाले  सुन्दर  फूलों  को  देखो .”

घड़े  ने  वैसा  ही  किया, वह  रास्ते  भर सुन्दर फूलों को देखता आया, ऐसा करने से उसकी उदासी  कुछ दूर हुई पर घर  पहुँचते – पहुँचते   फिर  उसके  अन्दर  से आधा  पानी  गिर  चुका था, वो  मायूस हो गया  और किसान  से क्षमा मांगने  लगा .

किसान  बोला ,” शायद  तुमने  ध्यान नहीं  दिया  पूरे  रास्ते  में  जितने भी  फूल  थे  वो  बस  तुम्हारी  तरफ  ही  थे , सही  घड़े  की  तरफ  एक भी  फूल  नहीं  था . ऐसा  इसलिए  क्योंकि  मैं  हमेशा  से  तुम्हारे  अन्दर  की  कमी को जानता  था, और  मैंने  उसका लाभ  उठाया . मैंने  तुम्हारे  तरफ  वाले  रास्ते  पर रंग -बिरंगे  फूलों के  बीज  बो  दिए थे, तुम  रोज़  थोडा-थोडा  कर  के  उन्हें  सींचते  रहे  और  पूरे  रास्ते को इतना खूबसूरत  बना  दिया. आज तुम्हारी वजह  से  ही  मैं  इन  फूलों  को  भगवान  को  अर्पित  कर पाता  हूँ और अपना घर सुन्दर बना पाता  हूँ . तुम्ही सोचो  अगर  तुम  जैसे  हो  वैसे  नहीं  होते  तो  भला  क्या  मैं  ये  सब  कुछ कर  पाता ?”

उस किसान की बात को सुनकर फूटा हुआ घड़ा काफी प्रसन्न हुआ, अब उसे पता चल गया था, की उसकी कमी अब कमी न रहकर उसकी उस रास्ते के लिए वरदान बन गया है।

कहानी से शिक्षा

दोस्तों  हम  सभी  के  अन्दर  कोई  ना  कोई  कमी  होती है , पर यही कमियां हमें अनोखा  बनाती हैं . उस किसान की तरह  हमें  भी  हर  किसी  को  वो  जैसा  है  वैसे  ही स्वीकारना चाहिए  और  उसकी  अच्छाई  की  तरफ  ध्यान  देना  चाहिए, और जब हम ऐसा करेंगे तब “फूटा घड़ा” भी “अच्छे घड़े” से मूल्यवान हो जायेगा.

तो आप सभी को यह प्रेरणा देने वाली फूटे घड़े की कहानी (Cracked Pot Motivational Hindi Story) कैसा लगा, कमेंट बॉक्स मे जरूर बताए और इस प्रेरक कहानी को शेयर भी जरूर करे,

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