HomeBiographyद्रौपदी मुर्मू की जीवनी और उनके महत्वपूर्ण कार्यों और योगदान

द्रौपदी मुर्मू की जीवनी और उनके महत्वपूर्ण कार्यों और योगदान

Draupadi Murmu Biography In Hindi

द्रौपदी मुर्मू की जीवनी

पूरे विश्व मे बड़ा लोकतन्त्र भारत का है, और भारत तो सदियो से विश्वगुरु रहा है, ऐसे मे रहने वाले हर भारतीय का महत्व है, भारतीय लोकतन्त्र और भारतीयो की सबसे बड़ी यही खासियत है, कब कौन भारतीय अपने किस क्षेत्र मे अपना नाम शिखर पर पहरा दे, कौन नहीं जानता, वर्तमान मे ऐसे मे जमीन से आकाश की बुलन्दियो तक छूने वाली उस भारतीय का नाम है, द्रौपदी मुर्मू, जी हा द्रौपदी मुर्मू एक ऐसा नाम है जो आदिम वनवासी जनजाति की महिला से होकर भारत के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद विराजमान होने वाली है, तो चलिये आज इस पोस्ट मे द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय  President of India Draupadi Murmu Biography In Hindi को जानते है।

तो इस पोस्ट मे द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय, जीवनी, जाति, उम्र, पति, सैलरी, बेटी, बेटा, आरएसएस, शिक्षा, राष्ट्रपति, जन्म तारीख, परिवार, पेशा, धर्म, पार्टी, करियर, राजनीति, अवार्ड्स, इंटरव्यू, Draupadi Murmu Biography In Hindi, Caste, Age, Husband, Income, Daughter, Rss, President, Sons, Qualification, Date Of Birth, Family, Profession, Politician Party, Religion, Education, Career, Politics Career, Awards, Interview, Speech, Bjp President Candidate Droupadi Murmu ,Draupadi Murmu President In Hindi को विस्तार से जानते है,

द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय

Draupadi Murmu Biography In Hindi

Draupadi Murmu Biography In Hindiआदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाली और उड़ीसा राज्य में पैदा हुई, द्रौपदी मुर्मू को हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा भारत के अगले राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनी गयी  है और यही वजह है कि हर कोई इंटरनेट पर आजकल द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानना चाहते हैं, तो आइए पोस्ट में द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानने का प्रयास करते हैं। इस पोस्ट में हम आपके साथ द्रौपदी मुर्मू की जीवनी शेयर कर रहे हैं।

द्रौपदी मुर्मू का संक्षिप्त जीवन परिचय

Draupadi Murmu Short Biography in Hindi

द्रौपदी मुर्मू का संक्षिप्त जीवन परिचय
पूरा नाम: – द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)
जन्म तिथि: – 20 जून 1958
पिताजी का नाम: – बिरांची नारायण टुडू
आयु:- 64 वर्ष
जन्म स्थान: – मयूरभंज, उड़ीसा, भारत
वजन:- 74 किलो
लंबाई: –  5 फिट 4 इंच
आँखों का रंग (Eye Color) :- काला
बालो का रंग ( Hair Color) :- काला
नागरिकता (Nationality) :- भारतीय (Indian)
जाति: –  अनुसूचित जनजाति
धर्म:- हिंदू (Hindu)
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) :- विधवा
पति: – श्याम चरण मुर्मु
बेटी: –  इतिश्री मुर्मू
संपत्ति:-  10 लाख
पेशा: – राजनीतिज्ञ
पार्टी:- भारतीय जनता पार्टी (BJP)
भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी: – 1997

द्रौपदी मुर्मू का जन्म और प्रारम्भिक जीवन परीचय

Draupadi Murmu Birth Early Life in Hindi

द्रौपदी का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। वह संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जो एक आदिवासी जातीय समूह है। द्रौपदी मुर्मू का पालन पोषण उनके दादा ने किया था, तब उनके दादा पंचायती राज में अपने गांव के सरपंच हुआ करते थे।

द्रौपदी मुर्मू की जीवनी संक्षेप मे :- 
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 फरवरी 1958 को झारखंड के गुमला जिले में हुआ था।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा झारखंड के स्कूलों से प्राप्त की।
द्रौपदी मुर्मू ने अपने उच्च शिक्षा को संपन्न किया और फिर सामाजिक क्षेत्र में काम करने का निर्णय लिया।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत से ही महिला सशक्तिकरण और गरीबों के विकास में योगदान देने का संकल्प लिया।
द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न सामाजिक संगठनों और संस्थाओं में अपनी सेवाएं दी।
उन्होंने महिला और बच्चों के शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया।
द्रौपदी मुर्मू ने अपनी करियर के दौरान अनेक सम्माननीय पदों पर काम किया।
उन्होंने समाज के विकास और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अपना योगदान दिया।
द्रौपदी मुर्मू ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्यों को हासिल किया।
उन्होंने अपनी योग्यता और समर्पण से अपने क्षेत्र में बड़ी पहचान बनाई।
द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने अपने नेतृत्व में कई उत्कृष्ट परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया।
द्रौपदी मुर्मू को उनके समर्पण और सेवाभाव के लिए कई सम्मानों से नवाजा गया।
उन्होंने अपने नेतृत्व में राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया।
द्रौपदी मुर्मू को नारी और बच्चों के हित में कार्य करने का विशेष शौक था।
उन्होंने समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई संगठनों का गठन किया।
द्रौपदी मुर्मू ने अपने योगदान से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाने में मदद की।
उन्होंने राज्य में महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की जो उनकी स्थिति को सुधारने में मदद करती हैं।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन एक प्रेरणास्पद उदाहरण है जो सामाजिक और आर्थिक समर्थन में सक्रिय रहकर उच्चतम सम्मान हासिल किया।
उन्होंने अपने क्षेत्र में महिला और गरीबों के हित में काम करके अपने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।

द्रोपदी मुर्मू की शिक्षा

Draupadi Murmu education in Hindi

द्रोपदी मुर्मू की प्रारंभिक शिक्षा निजी स्कूल से प्राप्त की जो की इनके माता-पिता के द्वारा इनका एडमिशन इनके इलाके के ही एक विद्यालय में करवा दिया गया, जहां पर इन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा किया। इसके पश्चात ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए यह भुवनेश्वर शहर चली गई। भुवनेश्वर शहर में जाने के पश्चात इन्होंने रामा देवी महिला कॉलेज में एडमिशन प्राप्त किया और रामा देवी महिला कॉलेज से ही इन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरा किया, जहां उन्होंने कला स्नातक में ग्रेजुएशन की डिग्री ली।

ग्रेजुएशन की एजुकेशन पूरी करने के पश्चात ओडिशा गवर्नमेंट में बिजली डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर इन्हें नौकरी प्राप्त हुई। इन्होंने यह नौकरी साल 1979 से लेकर के साल 1983 तक पूरी की। इसके बाद इन्होंने साल 1994 में रायरंगपुर में मौजूद अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में टीचर के तौर पर काम करना चालू किया और यह काम इन्होने 1997 तक किया।

द्रौपदी मुर्मू का परिवार

Draupadi Murmu family in Hindi

इनके पिताजी का नाम बिरांची नारायण टुडू है और द्रौपदी मुरमू संताल आदिवासी फैमिली से संबंध रखती हैं। झारखंड राज्य के बनने के पश्चात 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली द्रोपदी मुर्मू पहली महिला राज्यपाल है। इनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है। जो की अब इस दुनिया में नहीं है। उनके दो बेटे थे जो अब जीवित नहीं है और एक बेटी है जिसका नाम इतिश्री मुर्मु है जिसके सहारे वह अपनी जिंदगी राहत के साथ गुजार रही है।

द्रौपदी मुर्मू का शुरुआती कैरियर

Draupadi Murmu early career in Hindi

साल 1997 के समय की बात है, जब वे ओडिशा के रायरंगपुर जिले से पहली बार इन्हें जिला पार्षद चुना गया, साथ ही यह रायरंगपुर की उपाध्यक्ष भी बनी। इसके अलावा इन्हें साल 2002 से लेकर के साल 2009 तक मयूरभंज जिला भाजपा का अध्यक्ष बनने का मौका भी मिला। साल 2004 में यह रायरंगपुर विधानसभा से विधायक बनने में भी कामयाब हुई और आगे बढ़ते बढ़ते साल 2015 में इन्हें झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य के राज्यपाल के पद को संभालने का भी मौका मिला।

द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन

Political life of Draupadi Murmu in Hindi

द्रौपदी मुर्मू ने रायरंगपुर में श्री इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में एक सहायक शिक्षक के रूप में अपनी शुरूआत की थी, इसके बाद उन्होंने सिंचाई और बिजली विभाग में ओडिशा सरकार के साथ काम किया. वह आदिवासी समाज की एक पढ़ीलिखी महिला है, जिसके कारण उनके उपर अपने समाज के प्रति कई जिम्मेदारी थी. द्रौपदी मुर्मू ने अपना जीवन समाज की सेवा, गरीबों, दलितों तथा हाशिए पर खड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित किया है.

तो आइए इनके राजनीतिक जीवन को विस्तार से जानते है :-

द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन
द्रौपदी मुर्मू ने सर्वप्रथम रायरंगपुर में श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में एक सहायक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके बाद, उन्होंने सिंचाई और बिजली विभाग के हिस्से के रूप में ओडिशा सरकार के साथ काम किया।
द्रौपदी मुर्मू के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1997 में हुई जब उन्होंने पार्षद के रूप में स्थानीय चुनाव जीते। उसी वर्ष, वह भाजपा के एसटी मोर्चा की राज्य उपाध्यक्ष बनीं।
भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर मुर्मू ने रायरंगपुर सीट से दो बार जीत हासिल की, 2000 में ओडिशा सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनी ।
ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, वह 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार मंत्री रही।
साल 2007 में मुर्मू को संयोग से ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष का सर्वश्रेष्ठ विधायक होने के लिए सम्मानित किया गया था।
अगले एक दशक में उन्होंने भाजपा के भीतर कई प्रमुख भूमिकाएँ निभाईं, एसटी मोर्चा के राज्य अध्यक्ष और मयूरभान के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
इन्होंने साल 2002 से लेकर के साल 2004 तक उड़ीसा गवर्नमेंट के राज्य मंत्री के तौर पर पशुपालन और मत्स्य पालन डिपार्टमेंट को भी संभाला।
ओडिशा की विधान सभा ने उन्हें वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए “नीलकंठ पुरस्कार” से सम्मानित किया।
उन्हें 2013 में मयूरभंज जिले के लिए पार्टी के जिला अध्यक्ष पद के लिए पदोन्नत किया गया था।
मई 2015 में, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें झारखंड के राज्यपाल के रूप में चुना। वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं। वह ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं जिन्हें भारतीय राज्य में राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होना है और मतगणना 21 जुलाई को होनी है। 29 जून नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। जो की वर्तमान मे हमारे देश की राष्ट्रपति है।

द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामित

Draupadi Murmu nominated for Presidential election Political career

अभी तक काफी लोग द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं जानते थे परंतु हाल ही में चार-पांच दिनों से यह काफी चर्चा में हैं। लोग इंटरनेट पर यह सर्च कर रहे हैं कि द्रोपदी मुर्मू कौन है तो बता दे कि द्रौपदी मुरमू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी है। इसके अलावा यह एक आदिवासी महिला है। इन्हें भाजपा नीत गठबंधन राजग की संयुक्त उम्मीदवार के तौर 21 जून 2022 को देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए नामित किया गया।

इस प्रकार अगर द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने में कामयाब हो जाती है, तो यह पहली ऐसी आदिवासी महिला होगी, जो भारत देश की राष्ट्रपति बनेगी, साथ ही यह दूसरी ऐसी महिला होंगी, जो भारत देश के राष्ट्रपति के पद को संभालेंगी। इसके पहले भारत देश के राष्ट्रपति के पद पर महिला के तौर पर प्रतिभा पाटिल विराजमान हो चुकी है।

इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने अपना जीवन समाज की सेवा में समर्पित किया है। उन्‍होंने गरीबों, दलितों के साथ हाशिए के लोगों को सशक्त बनाने के लिए अपनी ताकत झोंक दी। उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और उनका कार्यकाल उत्कृष्ट रहा है। विश्वास है कि वह देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी।

द्रौपदी मुर्मू को पुरस्कार और सम्मान

Draupadi Murmu Awards and Honors in Hindi

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के तौर पर नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल MLA के तौर पर काफी सम्मानीय रहा है। जिसके लिए उन्हें उड़ीसा की राजनीति में काफी सम्मान भी प्राप्त था।

द्रौपदी मुर्मू से जुड़े रोचक तथ्य

Interesting facts about Draupadi Murmu in Hindi

  1. वो बेटी, जो एक बड़ी उम्र तक घर के बाहर शौच जाने के लिए अभिशप्त थी.. अब वो भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  2. वो लड़की, जो पढ़ना सिर्फ इसलिए चाहती थी कि परिवार के लिए रोटी कमा सके.. वो अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  3. वो महिला, जो बिना वेतन के शिक्षक के तौर पर काम कर रही थी.. वो अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  4. वो महिला, जिसे जब ये लगा कि पढ़ने-लिखने के बाद आदिवासी महिलाएं उससे थोड़ा दूर हो गई हैं तो वो खुद सबके घर जा कर ‘खाने को दे’ कह के बैठने लगीं.. वो अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  5. वो महिला, जिसने अपने पति और दो बेटों की मौत के दर्द को झेला और आखिरी बेटे के मौत के बाद तो ऐसे डिप्रेशन में गईं कि लोग कहने लगे कि अब ये नहीं बच पाएंगी.. वो अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  6. जिस गाँव में कहा जाता था राजनीति बहुत खराब चीज है और महिलाएं को तो इससे बहुत दूर रहना चाहिए, उसी गाँव की महिला अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही है।
  7. वो महिला, जिन्होंने अपना पहला काउंसिल का चुनाव जीतने के बाद जीत का इतना ईमानदार कारण बताया कि ‘वो क्लास में अपना सब्जेक्ट ऐसा पढ़ाती थीं कि बच्चों को उस सब्जेक्ट में किसी दूसरे से ट्यूशन लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी और उनके 70 नम्बर तक आते थे इसीलिए क्षेत्र के सारे लोग और सभी अभिवावक उन्हें बहुत लगाव करते थे’.. वो महिला अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  8. वो महिला, जो अपनी बातों में मासूमियत को जिन्दा रखते हुए अपनी सबसे बड़ी सफलता इस बात को माना कि ‘राजनीति में आने के बाद मुझे वो औरतें भी पहचानने लगी जो पहले नहीं पहचानती थी’.. वो अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  9. वो महिला, जो 2009 में चुनाव हारने के बाद फिर से गाँव में जा कर रहने लगी और जब वापस लौटी तो अपनी आँखों को दान करने की घोषणा की.. वो अब भारत की ‘राष्ट्रपति’ बनने जा रही हैं।
  10. वो महिला, जो ये मानती हैं कि ‘Life is not bed of roses. जीवन कठिनाइयों के बीच ही रहेगा, हमें ही आगे बढ़ना होगा। कोई push करके कभी हमें आगे नहीं बढ़ा पायेगा’.. वो अब भारत की #राष्ट्रपति बनने जा रही हैं।
  11. दशकों-दशक से ठीक कपड़ों और खाने तक से दूर रहने वाले समुदाय को देश के सबसे बड़े ‘भवन’ तक पहुँचा कर भारत ने विश्व को फिर से दिखा दिया है कि यहाँ रंग, जाति, भाषा, वेष, धर्म, संप्रदाय का कोई भेद नहीं चलता।
  12. जिनके प्रयासों से उनके गाँव से जुड़े अधिकतर गाँवों में आज लड़कियों के स्कूल जाने का प्रतिशत लड़कों से ज्यादा हो गया है, ऐसी *द्रौपदी मुर्मू जी* का हार्दिक स्वागत है ‘राष्ट्रपति भवन’ अब वास्तविकता में ‘कनक भवन’ बन रहा है.

FAQ:

Q: द्रौपदी मुर्मू कौन है?

Ans: Nda द्वारा घोषित भारत के अगले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार।

Q : द्रौपदी मुर्मू का जन्म कब और कहां हुआ ?

Ans : जन्म 20 जून 1958 को उड़ीशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ।

Q: झारखंड की पहली महिला राज्यपाल कौन है?

Ans: द्रौपदी मुर्मू

Q: द्रौपदी मुर्मू के पति का नाम क्या है?

Ans: श्याम चरण मुर्मू

Q: द्रौपदी मुरमू किस समुदाय से ताल्लुक रखती हैं?

Ans: आदिवासी समुदाय

Q : द्रौपदी मुर्मू का झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल क्या है ?

Ans : 2015-2021

Q : राष्ट्रपति चुनाव 2022 की महिला उम्मीदवार कौन है ?

Ans : झारखंड की पूर्व राज्यपाल, आदिवासी नेता ”द्रौपदी मुर्मू” है।

तो आप सभी को इस पोस्ट द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय (President of India Draupadi Murmu Biography In Hindi) मे दी गयी कैसा लगा कमेंट मे जरूर बताए और इस जानकारी को लोगो तक शेयर भी जरूर करे

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