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स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ पर बेहतरीन निबंध

Swadeshi Apnao Desh Bachao Essay In Hindi

स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ पर निबंध

Swadeshi Apnao Desh Bachao Essay Nibandh – किसी भी देश की आत्मनिर्भर होना उसकी स्वदेशीपन को दिखलाता है, जो जितना देश अधिक अपनी चीजो पर निर्भर होता है, वह देश उतना ही अधिक विकसित भी होता है, इसलिए आज के परिवेश में आत्मनिर्भर होना देश की परिपक्वता को दिखलाता है.

तो चलिए आज इस पोस्ट में आत्मनिर्भरता को ध्यान में रखते हुए स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ पर निबंध Swadeshi Apnao Desh Bachao Essay Nibandh शेयर कर रहे है, जिसे आप अपने किसी भी क्लास में 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 में इस निबन्ध स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ को लिख सकते है. तो चलिए Swadeshi Apnao Essay निबन्ध को जानते है.

स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ पर निबंध

Swadeshi Apnao Desh Bachao Essay in Hindi

Swadeshi Apnao Desh Bachao Essay Nibandh in Hindiपहले हमारा देश स्वतंत्र और विकसित था, फिर धीरे धीरे भारत की ख्याति दुसरे देशो को फैलने लगी थी, जिस कारण से लुटेरी नजरो ने भारत में व्यापार, सीखने, शिक्षा ग्रहण करने से अनेक बहाना के जरिये विदेशी भारत में प्रवेश करने लगे थे, फिर यही विदेशी लोग भारत में फुट डालो, और राज करो की नीति पर आगे बढ़ते रहे और भारत की आत्मनिर्भरता को धीरे धीरे खत्म करके भारत को दूसरो देशो का गुलाम बना दिया गया, जिस कारण से भारत 700 वर्षो से ज्यादा विदेशी लोगो के अधीन रहा,

और फिर भारत के लोगो के अथक प्रयास के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, भारत को आजादी तो मिल गयी, लेकिन हमारी जरुरतो के लिए आज भी इन विदेशो पर निर्भर रहना पड़ता है, जिस कारण से हम आजाद होते हुए भी इन देशो पर निर्भर है, जिसे पूर्ण स्वतंत्रता नही कहा जा सकता है.

इस कारण से आज के दौर में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की जरूरत फिर से महसूस होने लगी है, क्युकी आज के समय में वही देश विकसित है, जिनके यहा जरूरते की समान खुद देश में बनती है, ऐसे में यदि हमे सुई से लेकर जहाज तक जैसे वस्तुओ के लिए यदि दुसरे देशो पर निर्भर रहेगे, तो स्वाभाविक सी बात है, वे देश हमारी निर्भरता को कमजोरी मानकर जरुर फायदा उठाएंगेम और मनमाने दाम पर इन वस्तुओ को बेचेगे और हमे मजबूरी में इन वस्तुओ को ऊँचे दाम पर खरीदना भी पड़ेगा.

ऐसे में आज के समय में स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ का महत्व काफी बढ़ जाता है, और यदि हम इस बात को नहीं समझे तो हम आने वाले समय में दुसरे देशो पर निर्भरता के जरिये दूसरे देशो के एक तरह से गुलाम की तरह हो जाएंगे.

और फिर हमें विदेशी वस्तुओ पर निर्भर रहना पड़ेगा, जिस कारण य धीरे धीरे हमारी पसंद बन जाएगी, और फिर हम विदेशो की वस्तुए ही खरीदेंगे, जिससे अपने द्वारा अपने देश के लोगो का रोजगार छीनता चला जायेगा. और ऐसे में अपने देश भारत को विकसित बनाना है तो भारत के लोगो को स्वदेशी पर ही ध्यान देना होगा, अपने ही देश की बनी चीजो का इस्तेमाल करना होगा.

अब सवाल उठता है की एक आम नागरिक इस स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ अभियान का हिस्सा कैसे बन सकता है, तो हर कोई अपने स्तर से इस स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ का हिस्सा बन सकता है, इसके लिए हर व्यक्ति को अपने देश में रहते हुए भारत की बनी हुई चीजे खरीदने की जरूरत है, यहा की बनी हुई चीजो को इस्तेमाल करने की जरूरत है, अगर ऐसा करते है, यदि यहा के बनी हुई चीजो की डिमांड बढती है तो निश्चित ही यहा के लोग इन चीजो को बनाने में ज्यादा से ज्यादा लोगो की जरूरत भी पड़ेगी, यानि इस तरह से अपने लोगो को रोजगार भी मिलेगा, यानि डिमांड और सप्लाई के जरिये स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ आन्दोलन को बढ़ावा दिया जा सकता है.

स्वदेशी का महत्व पर निबंध

विश्व बाजार में अत्यधिक जनसंख्या होने के कारण से हम पूरी दुनिया के लिए सिर्फ एक बाजार बनकर रह गये है, हर दुसरे देश की नजर सिर्फ यहा व्यापार करने पर रहती है, जिस कारण से हमारे देश का पैसा इन देशो की बनी चीजो को खरीदने के लिए बाहर चला जाता है, जिस कारण से ये देश तो और अमीर बन जाते है, लेकिन हमारा देश और गरीब हो जाता है.

ऐसे में यदि हम देश की बनी चीजो को खरीदते है, तो हमारे देश का पैसा हमारे देश के लोगो के पास ही रहेगा और यही के लोगो को रोजगार भी मिलेगा, इसलिए आज के समय में स्वदेशी होना बहुत जरुरी है, और हम स्वदेशी बनते है, तो हम दुसरे देश पर निर्भर होने के बजाय खुद से आत्मनिर्भर बन सकते है. और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा दे सकते है.

यदि इन बातो को छोटे से उदहारण से समझेगे तो पता चलेगा की हमारे देश में दिवाली, होली जैसे त्योहारों में फुलझड़ी, लड़िया, पटाखे काफी अधिक मात्रा में ख़रीदे जाते है, लेकिन ये सभी चीजे दुसरे देशो से आयात किया जाता है, जिस कारण से हमारे देश के पैसे का एक बड़ा हिस्सा उन देशो को चला जाता है, और इन चीजो को बनाने में उन देश के लोगो को ही रोजगार मिलता है, जिस कारण से हमारे देश की आत्मनिर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाती है.

उपसंहार –

तो ऐसे में अब यदि स्वदेशी का महत्व पर ध्यान देते है, और स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ पर ध्यान देते है, तो निश्चित ही भारत को आत्मनिर्भर होने से कोई रोक नही सकता है. और इस तरह भारत एक बार फिर से विकसित देशो की लाइन में खड़ा हो सकता है.

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About Author

About Author: Rakesh Gupta राकेश गुप्ता, https://www.achhiadvice.com/ के संस्थापक और प्रमुख लेखक, अपने प्रेरणादायक लेखों से लाखों पाठकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाले एक प्रख्यात लेखक हैं। उनकी लेखनी का उद्देश्य पाठकों को नई सोच, आत्मविश्वास, और सफलता की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देना है। राकेश गुप्ता का मानना है कि "हर व्यक्ति के अंदर असीमित संभावनाएं छिपी होती हैं। सही मार्गदर्शन और दृढ़ विश्वास से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।" यही विचार उनके हर लेख में झलकता है। उनके लेखन का हर शब्द सरल, प्रभावशाली और प्रेरणादायक होता है, जो पाठकों को जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति देता है। वे सफलता, आत्म-विकास, और प्रेरणा के गहन विषयों को बेहद सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जिससे हर उम्र और वर्ग के पाठक खुद को उनसे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। Achhi Advice के माध्यम से राकेश गुप्ता एक ऐसे प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहे हैं, जहाँ पाठकों को प्रेरणा और सफलता के लिए आवश्यक मार्गदर्शन मिलता है। उनकी लेखनी न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि पाठकों को उनकी वास्तविक क्षमता पहचानने और उसे बेहतर तरीके से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। यदि आप सफलता के मूल मंत्र, जीवन को बेहतर बनाने के उपाय, और प्रेरणादायक कहानियों की तलाश में हैं, तो राकेश गुप्ता के लेख आपको सही दिशा दिखाने वाले सबसे विश्वसनीय साथी होंगे। “आपके सपनों को पंख देना हमारी प्रेरणा है!”
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2 COMMENTS

  1. Bilkul Sahi nibandh hai isse humme kyi prakaar ki seekh milti hai humme ish par sochana Chahiye aur kuchh Karna chahiye isse hum Apne Bharat me kyi prakaar ke badlaav BHI laa sakte hai. Jai hind

  2. स्वदेशी को लेकर आपने जो विचार share किये है वो वाकई में अभी देश की जरुरत है लेकिन हमें सिर्फ स्वदेशी बनाने पर नहीं बल्कि उसकी कीमत को लेकर भी ध्यान रखना चाहिए. हम market में जाते है तो ये नहीं देखते है की ये सव्देशी है या विदेशी वो चीज हमारे बजट में है या नहीं ये देखते है. अभी तक ऐसी तकनीक नहीं आई है की हम अपने level पर किफायती दाम पर उत्पादन कर सके. जब हम ऐसा कर लेंगे तब हमें chinise चीजो के पीछे भागने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

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