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प्रकाश के पर्व दीवाली पर निबंध

Diwali Essay In Hindi

दीवाली पर निबंध

दिवाली का त्यौहार हिन्दू धर्म का सबसे प्रमुख और पवित्र त्यौहार है, जो कि पूरी दुनिया मे हर हिन्दू द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, ऐसे में दिवाली के त्योहार को छात्रों से परिचय कराने के लिए छात्रों को दीवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखने को दिया जाता है, ऐसे में यहा इस पोस्ट में आपके लिए दीवाली पर निबंध बताने जा रहे है, जो कि आप सभी के लिए दीवाली के निबंध (Essay On Deepawali In Hindi) लिखने में काफ़ी सहायता मिलेगी, और साथ मे दीवाली के बारे में जानने में सहायता मिलेगी, जिससे आप जान पाएंगे कि दीवाली का त्यौहार क्यो मनाया जाता है,

दीवाली का त्यौहार (Diwali Festival) मनाने का प्रमुख कारण, दीवाली कैसे मनाया जाता हैं, हमारे जीवन मे दीवाली का क्या महत्व है, के बारे में भी जान पाएंगे, तो चलिए उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रस्तावना सहित दीवाली पर निबंध और उपसंहार सहित जानते है।

Diwali essay in Hindi

दीवाली पर प्रस्तावना

Diwali introduction in Hindi

दीवाली हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है जो कि बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, इस त्यौहार को मनाने के लिए बड़े, बूढ़े और बच्चे बहुत ही चाव से भाग लेते है, और घर के सभी सदस्य मिलकर दीवाली के इस त्यौहार को मनाते है,

जिस कारण से स्कूल के बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ दीवाली पर निबन्ध (Diwali essay in Hindi) लिखते है, और इस त्यौहार के मनाने के आनंद की अनुभूति पाते है, और इस त्यौहार को मनाने में युवा सबसे आगे रहते है, क्योंकि यह दीवाली का त्योहार अपने साथ ढेर सारी खुशियां लाता है, जिसे परिवार के हर सदस्य, अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर इस त्यौहार की खुशियां बाटते है, और इस त्योहार को सभी मिलकर बड़े उत्साह के साथ मनाते है,

ऐसे में बहुत से विद्यार्थी और अन्य लोग गूगल और विकिपीडिया पर सर्च करते है कि इस साल 2023 में दीवाली का त्यौहार कब मनाया जाएगा, तो ऐसे में आपको बताना चाहेंगे कि इस साल 2023 में दीवाली का त्यौहार 12 नवंबर रविवार के दिन पड़ रहा है,

तो ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेगे की इस साल हिन्दू धर्म पंचाग के अनुसार 2023 में दिवाली का शुभ पर्व 12 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। जैसा कि इस दिन विशेष रूप से धन और वैभव की देवी माँ लक्ष्मी और देवता में पूजनीय प्रथम देवता भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। जो कि इस वर्ष 2023 में दिवाली पर माता लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त 18:54:52 से शुरू होकर 20:16:07 बजे खत्म हो जाएगा। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 21 मिनट रहेगी।

तो ऐसे में यदि आप दीवाली पर ही दी निबंध चाह रहे है, या दीवाली के बारे में लोगों के साथ शेयर करना चाह रहे है, तो यहाँ इस नीचे बताने जा रहे दीवाली निबंध (Diwali essay in Hindi) की सहायता से निबंध की पंक्तिया लेकर लिख सकते है, और इस दीवाली के बारे में लोगो के साथ दीवाली के पर्व की जानकारी भी साझा कर सकते है,

तो ऐसे में जिन बच्चो, विद्यार्थी या अन्य किसी को भी दीवाली पर निबन्ध लिखने जा रहे है, तो दीवाली पर निबंध लिखते समय इसकी सहायता ले सकते है।

दीवाली पर हिंदी में निबंध

Diwali essay in Hindi

Essay on Diwali in Hindiदीवाली का त्योहार हिन्दू धर्म का बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है। इस त्योहार को मनाने का प्रमुख कारण त्रेतायुग युग मे भगवान श्रीराम जी इस दिन लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद 14 वर्षों के वनवास के पश्चात इस दिन अपने घर अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में घर घर दीये जलाये जाते है,

दीपावली का हिन्दी अर्थ

दीवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता हैं, जो कि दीपावली यानी दीप + आवली दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में दीप का अर्थ “दीपक” और आवली का अर्थ “श्रृंखला” होता है, यानी दीपावली का हिन्दी अर्थ दीपक की श्रृंखला या दीपो की पंक्ति या लाइन होता है,

दिवाली कब मनाया जाता है

दिवाली का पर्व हिन्दू महिना कार्तिक मे अमावस्या के दिन मनाया जाता है, जो की अँग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अक्टूबर या नवंबर महीने मे पड़ता है, जो की यह त्योहार सभी लोगो द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, दिवाली हिन्दू धर्म का त्योहार है, जबकि हिन्दू धर्म के लोगो के अलावा अन्य धर्मो के लोग भी इस दिन अपने घरो को दियो से सजाते है, और पटाखे, आतिशबाज़ी और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दिवाली के इस पर्व को मनाते है, जिससे सारा जहा दिवाली के दिन रात मे दियो के प्रकाश से भर जाता है,

दिवाली क्यो मनाया जाता है (दिवाली का इतिहास)

हिन्दू धर्म के अनुसार त्रेतायुग मे भगवान श्रीराम लंका के राजा रावण को मारकर अपने 14 वर्षो के वनवास को पूरा करने के बाद अपने छोटे भाई लक्ष्मण और अपनी पत्नी सीता के साथ वापस अयोध्या लौटे थे, तो अयोध्या नगरी के वासियो ने अपने प्रभु श्रीराम के स्वागत के लिए हर घर घी के दिये जलाये थे, और पूरी अयोध्या नगरी को प्रकाश से भर दिया था, और फूलो से सजाया गया था, जिससे पूरी अयोध्या बहुत ही सुंदर दिखने लगी थी, जिस कारण से उसके बाद हर वर्ष अपने प्रभु श्रीराम के वापस के लौटने के खुशी को याद करने के हर घर दीये जलाये जाते है और इस तरह दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

दिवाली पर माँ लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन

दिवाली के त्योहार पर देवताओ मे सबसे प्रथम देवता के रूप मे पूजनीय भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की इस दिन विशेष पुजा की जाती है, और ऐसा माना जाता है, की इस माता लक्ष्मी का पुजा करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती है, और इस दिन अपने धन वैभव, सुख संपति के साथ आती है, और अपना आशीर्वाद देती है, जिस कारण से दिवाली के दिन शाम मे घरो को दियो से सजाने के बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पुजा किया जाता है, उनकी आरती गाया जाता है, और उनको लड्डू के भोग लगाए जाते है, और इस तरह दिवाली का पर्व बहुत ही भक्ति के साथ मनाया जाता है,

दिवाली पर सजावट

दिवाली का पर्व साफ सफाई का भी पर्व माना जाता है, और ऐसा माना जाता है, जिसका घर जितना अधिक साफ सुथरा होगा, माँ लक्ष्मी उनके घर विराजती है, जिस कारण से दिवाली के पहले से ही लोग अपने घरो की साफ सफाई करने लगते है, और घरो की दीवारों को पेंट और पुताई करते है, जिससे लोगो के घर नए घर की तरह चमकने लगता है,

और दिवाली के शाम मे लोग अपने घरो को दीये जलाकर सजाते है, घर के किसी कोनो को भी अंधेरे से नही रखा जाता है, हर जगह दीये जलाये जाते है, और घरो की बालकनी मे तरह तरह के रंगीन लाइट से सजाया जाता है, जिस कारण से पूरा घर, मोहल्ला जगमग दिखने लगता है,

दिवाली के साथ अन्य मनाए जाने वाले त्योहार

दिवाली का त्योहार जो की 5 दिनो के लिए मनाया जाता है, जो की यह त्योहार की शुरुआत दिवाली के दो दिन पहले से लेकर दिवाली के आगे दो दिन तक कुल पाँच दिन का त्योहार होता है, जिसे अलग अलग नामो से जाना जाता है, जो की इस प्रकार है।

  1. दिवाली के दो दिन पहले धनतरेस का त्योहार का त्योहार मनाया जाता है, इस दिन लोग नए बर्तन, सोने चाँदी के आभूषण की ख़रीदारी करते है, और ऐसा माना जाता है, की इस दिन ये नयी चीजे खरदीने भगवान धन्वन्तरी का आशीर्वाद मिलता है, और उनकी कृपा से घर मे सुख समृद्धि आती है,
  2. दिवाली के एक दिन पहले को छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के नाम से मनाया जाता है, और इस गीली मिट्टी से दीये बनाकर दीये जलाये जाते है,
  3. दिवाली का दिन यानि इस दिन शाम को घरो, हर जगह दीये जलाये जाते है, भगवान गणेश, माँ लक्ष्मी की पूजा आरती की जाती है, लड्डू के भोग लगाए जाते है, और आतिशबाज़ी की जाती है।
  4. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, क्यूकी इस दिन भगवान कृष्ण जी ने गोकुलवासयियों को भगवान इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए अपने एक अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को धारण किया था, तब से यह गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है,
  5. दिवाली अगले दूसरे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है, इस दिन बहने अपने भाइयो को मिठाई खिलाती है, और तिलक लगाती है और उनके मंगल की कामना करती है,

दिवाली पर आतिशबाज़ी

दिवाली का त्योहार जो की अपने साथ ढेरो सारी खुशिया लाता है, जिससे सारा जग प्रकाश से भर जाता है, जिस कारण से “दिवाली के त्योहार को प्रकाश का त्योहार” भी कहा जाता है, इस त्योहार को मनाने के लिए बच्चो और युवाओ मे खूब जोश देखने को मिलता है, क्यूकी इस दिन बच्चे और युवा शाम के समय कई तरह पटाखे जलाते है, और आतिशबाज़ी करते है, जिस कारण से पूरा वातावरण बहुत ही सुंदर दिखने लगता है, ऐसे मे छोटे बच्चो को तरह तरह के पटाखे जैसे राकेट, फुलझड़ी, चकरी बहुत पसंद होते है, जिन्हे ये अपने परिवार के साथ मिलकर जलाते है, और आवाज करने वाले पटाखो को फोड़ते है,

दिवाली पर बाजारो मे रौनक

दिवाली के शुभ अवसर पर लोग इस त्योहार को मनाने के लिये बाजार से गणेश जी और माँ लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते है, जिस कारण से बाजारो मे बाजारो मे ये मूर्तिया बिकने लगती है, जिस कारण से बाजार मे चहल पहल देखने को मिलती है, इसके अलावा बाजारो मे पटाखे, तरह तरह मिठाईया और घरो के सजाने के लिए दीये, लाइट आदि बिकने लगती है,

इसके अलावा लोग एक दूसरे को उपहार देते है, जिस कारण से उपहार के तौर पर दी जाने वाली अन्य वस्तुए भी बिकने लगती है, इसके अलावा व्यापारी लोग इस दिन से नए खाता बही की शुरुआत करते है, और छात्र भी इस दिन अपने वाले परीक्षा की तैयारी के लिए इस दिन पढ़ाई जरूर करते है, ऐसा माना जाता है की इस दिन पढ़ने मे माँ सरस्वती का आशीर्वाद पूरे साल बना रहता है।

दिवाली पर्व पर सामाजिक कुरुतियों का प्रचलन

वैसे तो दीवाली का त्योहार तो अपने साथ ढेर सारी खुशिया लाता है, लेकिन वर्तमान मे इस त्योहार के दिन कुछ लोग मदिरापान, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और अधिक विषैली पटाखों को जलाते है, जिस कारण से अपने स्वास्थ्य, धन, पर्यावरण के साथ साथ लोगो के लिए भी मुसीबत का कारण बनते है, ऐसे मे यदि इस त्योहार पर इन लोगो की कुरुतियों को रोका जाता है, तो वास्तव मे दिवाली का पर्व सभी के लिए खुशियो का त्योहार बना रहेगा।

उपसंहार (Conclusion)

इस तरह यदि देखा जाय तो दिवाली अंधकार पर प्रकाश की विजय का त्योहार है, बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है, जो की यह त्योहार अपने साथ आपसी प्रेम, सद्भावना, सुख समृद्धि ले आता है, ऐसे मे यदि सभी आपस मे मिलकर खुशी के साथ इस त्योहार को मनाते है, तो इस त्योहार की खुशी दोगुनी हो जाती है,

दिवाली का पर्व हर किसी के कुछ न कुछ जरूर लाता है, छोटे बच्चे जहा इस पटाखे जलाते है, मिठाई खाते है और मस्ती करते है, और वही बढ़े और बुजुर्ग लोग इस दिन अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते है, इसलिए बच्चो को बहुत ही सावधानी के साथ दीये और पटाखे जलाने चाहिए, ताकि इस त्योहार मे उनके किसी भी प्रकार का कष्ट नही उठाना पड़े,

इस तरह दिवाली का त्योहार हमे अंधकार से प्रकाश, बुराई से अच्छाई की तरफ ले जाता है, जिस कारण से दिवाली का त्योहार सामाजिक एकता, पारिवारिक सद्भावना और आपसी रिश्तों की मजबूती का त्योहार है, इसलिए सभी को मिलकर इस त्योहार को प्रेम, और सौहार्द के साथ इस त्योहार को मनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन मे

Diwali Essay in Hindi 10 Lines

दिवाली पर निबंध 10 लाइन मे
दिवाली का त्योहार दियो का त्योहार है,
दीपावली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है,
यह त्योहार भगवान राम के वनवास के पश्चात वापस लौटने की खुशी मे मनाया जाता है,
दिवाली के दिन भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी की विशेष पुजा अर्चना की जाती है।
दिवाली के दिन शाम को घरो पर दिये जलाए जाते है, हर जगह प्रकाश से भर दिया जाता है।
बच्चे इस दिन खूब पटाखे फोड़ते है, और नए कपड़े पहनकर मिठाई खाते है,
बड़े बुजुर्ग और माताए, बहने इस दिन पुजा अर्चना करती है।
सभी लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाते है, और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाए देते है,
इस दिन सभी का अवकाश रहता है तो सभी मिलकर इस त्योहार को मनाते है,
दिवाली का त्योहार अपने साथ ढेरो खुशिया लाता है, जिस कारण से यह हर सभी का प्रिय त्योहार है

दिवाली पर निबंध 20 लाइन मे

Diwali Essay in Hindi 20 Lines

दिवाली पर निबंध 20 लाइन मे
दिवाली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र त्योहार है।
दिवाली हिन्दी महीने कार्तिक के अमावस्या के दिन मनाया जाता है,
दिवाली के त्योहार को अंधकार पर प्रकाश की जीत का त्योहार भी कहा जाता है।
इसी दिन भगवान श्रीराम लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त करके और अपने 14 वर्षो के वनवास को पूरा करके वापस अयोध्या लौटे थे।
जिसके उपलक्ष्य मे घर घर दिये जलाए गए थे, चारो ओर खुशिया मनाई गयी थी।
दिवाली के दिन भगवान श्रीगणेश और माता लक्ष्मी की विशेष पुजा अर्चना की जाती है।
दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से प्रसन्न होती है, और उनका आशीर्वाद मिलता है, जिससे घर धन धान्य से भर जाता है।
दिवाली का त्योहार साफ सफाई का त्योहार भी कहा जाता है।
दिवाली के त्योहार को मनाने के लिए दिवाली से 10 -15 दिन पहले से घर की साफ सफाई होने लगती है।
लोग अपने घरो की दीवारों की रंगाई पुताई करते है, और घर के हर कोने की सफाई करते है।
दिवाली का त्योहार को मनाने के लिए बच्चे, बूढ़े और युवाओ मे खूब जोश देखने को मिलता है,
बच्चे दिवाली के दिन के लिए नए कपड़े भी खरीदते है,
बच्चे इस दिन खूब मिठाई खाते है, और तरह तरह के रंगीन लाइट वाले पटाखे जलाते है।
दिवाली पर खूब आतिशबाज़ी की जाती है।
दिवाली के दिन लोग पूजा करने के बाद एक दूसरे को दिवाली की बधाई देते है।
दिवाली के दिन एक दूसरे को लोग उपहार बाटते है, और एक दूसरे को मिठाई खिलाते है।
दिवाली के अवसर पर बाजारो मे खूब रौनक देखने को मिलती है,
बाजारो मे तरह तरह की मिठाईया बिकने लगती है, इसके अलावा बाजारो मे पटाखे, मूर्तिया और सजावट के समान भी बिकते है।
लोग इस दिन अपने घरो को दियो से सजाते है, और रंगीन झालर भी लगाते है।
दिवाली के दिन चारो तरफ सजावट होने से धरती दुल्हन की तरह दिखने लगती है।

दीपावली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1 से 10 से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर के लिए यहाँ देखें

Deepawali Frequently Asked Question (FAQs)

प्रश्न :- दिवाली क्यो मनाया जाता है?
उत्तर :- त्रेतायुग मे भगवान श्री राम चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण करने के बाद अपनी जन्मभूमि अयोध्या वापस लौटे थे। जिसके उपलक्ष्य में उनके आगमन की खुशी मे हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का पावन पर्व मनाया जाता है।
प्रश्न :- दिवाली कब मनाया जाता है।
उत्तर :- दिवाली का पर्व प्रत्येक वर्ष हिन्दी कैलंडर के कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। जो की यह त्योहार अँग्रेजी कैलंडर के हिसाब से अक्टूबर या नवंबर में यह त्योहार पड़ता है।
प्रश्न :- इस साल 2023 मे दिवाली कब है?
उत्तर :- इस साल 2023 मे 12 नवंबर रविवार के दिन दिवाली है,
प्रश्न :- दिवाली का अर्थ बताइये ?
उत्तर :- दीपावली यानी दीप + आवली दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में दीप का अर्थ “दीपक” और आवली का अर्थ “श्रृंखला” होता है, यानी दीपावली का हिन्दी अर्थ दीपक की श्रृंखला या दीपो की पंक्ति या लाइन होता है,
प्रश्न :- दिवाली का क्या महत्व है?
उत्तर :- दिवाली का महत्व बहुत अधिक है, क्यूकी इसी दिन हिन्दू धर्म के आराध्य भगवान श्रीराम के लंकापति रावण पर विजय हासिल करने और 14 साल का वनवास पूरा कर घर लौटने की खुशी में मनाया जाता है. माना जाता है कि जब भगवान राम देवी सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. इसीलिए हर साल इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं, और इसी दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।
प्रश्न :- दीपावली की शुरुआत कब से हुई?
उत्तर :- दिवाली की शुरुआत त्रेतायुग मे भगवान श्रीराम के 14 साल का वनवास पूरा कर घर लौटने की खुशी में दिये जलाए गए थे, तब से यह दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
प्रश्न :- दिवाली कैसे मनाया जाता है?
उत्तर :- दिवाली का त्योहार घरो की रंगाई पुताई और साफ सफाई करके घरो को दिवाली  के दिन मिट्टी के दिये और तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, आपस मे खुशियां बाँट कर, माता लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना और उपहार देकर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
प्रश्न :- दिवाली पर निबंध अपने शब्दो मे लिखिए?
उत्तर :- दिवाली पर निबंध लिखने के लिए ऊपर दिये गए निबंध को अपने शब्दो मे लिख सकते है।

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