HomeHindi Storiesबच्चो के लिए भूत वाली कहानिया

बच्चो के लिए भूत वाली कहानिया

Bhoot Wali Kahani Ghost Story In Hindi

भूत वाली कहानिया

Bhoot Wali Kahani – अक्सर लोगो को भूत-प्रेत वाली कहानिया बहुत ही ज्यादा रोमांचित करती है, भूतो की एक ऐसी कल्पना जो की वास्तविक दुनिया से अद्भुत दुनिया में जाती है जहा हर चीज अचरज से भरी होती है, जो की हर किसी को आश्चर्य में ले जाने के लिए काफी होती है, तो आईये बच्चो, बडो के लिए एक ऐसी भुत वाली कहानी बताने जा रहे है जो की काफी रोमाचित करने वाली है तो चलिए इन Bhoot Wali Kahani को जानते है

भूत वाली कहानी

Bhoot Wali Kahani

यह कहानी एक गांव की है,  उस गांव में एक बहुत पुराना कुआं था गांव के लोग उस कुए का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करते.. क्योंकि उन लोगों का मानना था कि उस कुएं में कोई भूत रहता है.. भूत के डर से कोई भी उस कुएं के पास नहीं जाते..

Bhoot Wali Kahaniएक दिन की बात है कुछ बच्चे कुएं के पास खेल रहे हैं, तभी उनकी बॉल जाकर कुए के अंदर गिर जाती है…

सोनू :  यार यह तूने क्या किया यह तो कुएं में चली गई..

बंटी : चलो चल कर देखते हैं..

दोनों कुएं के पास जाते हैं…

भूत : हा हा हा हा हा हा हा हा… और फिर इतने में भूत बंटी को अंदर ले कर चले जाता है

सोनू :  बंटी मेरे दोस्त बाहर निकलो.. तुम कहां हो.. कहां हो तुम.. सोनू चीखता रहता है पर  कुए से कोई भी आवाज नहीं आती.. सोनू घबराकर कुए के पास से चला जाता है और गांव वालों को कुए की बात बताता है..

मुखिया : आज से तुम लोग वहां नहीं खेलोगे और अब से कोई भी कुएं के पास नहीं जाएगा.. चलो सब अभी सोनू को देख कर आते हैं..

मुखिया जी गांव के कुछ लोगों के साथ उस कुएं के पास जाते हैं वह जाकर देखते हैं कि कुआं पूरा पानी से भरा हुआ है .. उन्हें सोनू कहीं भी नहीं दिखाई देता.. सभी उदास होकर वहां से चले जाते हैं..

तभी एक आदमी : उस कुएं के पास जाना बहुत खतरनाक है.. वहां लोग जाते ही गायब हो रहे हैं..

फिर दूसरा आदमी : तुमने बिल्कुल सही कहा.. उस कुएं के पास जाना मतलब अपनी जान से हाथ धो बैठना है..

उस कुएं के बारे में सभी तरह तरह की बातें करने लगते हैं…

एक दिन एक चरवाहा अपनी कुछ बकरियों के साथ कुएं के पास से गुजर रहा था.. तभी उसकी एक बकरी कुए के बिल्कुल नजदीक चली जाती है.. और बकरी के जाते ही हुए के अंदर से वह भूत बाहर आकर बकरी को लेकर वापस कुए के अंदर चला जाता है…

चरवाहा : सरकार… सरकार… उसने मेरे सामने ही मेरे बकरी को गायब कर दिया.. उसने मेरे बकरी को कुए के अंदर खींच लिया..

मुखिया जी : मैंने तुम लोगों से उस कुएं के पास जाने को मना किया था ..

चरवाहा : सरकार मैं तो दूर से ही चरा रहा था मेरी बकरी कुए के बिल्कुल पास पहुंच चुकी थी और उस भूत ने उसे गायब कर दिया..

सोनू : क्यों ना हम एक बार उस कुए के अंदर जाकर देखें…??

मुखिया जी : तुम बीच में मत बोलो.. तुम अभी बच्चे हो..वहां अगर कोई इंसान गया तो वह भूत उसे भी बाकियों की तरह गायब कर देगा..

सोनू उदास होकर अपने घर लौट जाता है..

सोनू के पापा :  क्या हुआ बेटा तुम उदास क्यूं हो ?

सोनू : पापा उस कुएं के भूत ने सभी को परेशान कर रखा है.. और कोई भी कुछ नहीं कर पा रहा है..

पापा : बेटा तो क्या करें..?

सोनू :पापा हमें जाकर उस कुए को देखना चाहिए.. मेरा दोस्त बंटी उस कुएं मैं गायब हो चुका है.. मुझे जानना है कि वह कहां है…

पापा :बेटा उसके बारे में सोचना बंद करो.. हम नहीं जा सकते कुएं के पास..

सोनू वहां से अपने कमरे में चला जाता है…

सोनू : मुझे उस कुए के भूत का पता करना होगा.. और अपने दोस्त बंटी को वापस भी तो लाना है.. मुझे कुछ करना ही होगा..

दूसरे दिन सोनू कुएं के पास जाता है और एक पेड़ के पीछे छुपकर कुए की तरफ देखता रहता है..  थोड़ी देर बाद हुए क्या अंदर से चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगाए एक इंसान बाहर आता है… और पास ही पेड़ के पीछे कपड़े बदल कर वहां से चला जाता है..

सोनू : अब मैं समझा.!  इस कुएं में कोई भी भूत नहीं है.. यह तो हमारे गांव का ही इंसान है..मुझे जल्दी जा कर यह बात सबको बतानी होगी..

सोनू जाकर सभी गांव वालों से कुए की बात बता देता है..

सोनू : मुखिया जी उस कुएं में कोई भूत नहीं है.. मैंने धनिया चाचा को उस कुएं से बाहर आते देखा है..

मुखिया : तो यह बात है अभी के अभी धनिया को पकड़ कर लेकर आओ.. और फिर कुछ ही देर मैं दो पहरेदार धनिया को लेकर आते हैं.

मुखिया : मुझे पूरी बात बताओ धनिया..

धनिया : हां मालिक हम ही थे कुए के अंदर ..

मुखिया : लेकिन कुए के अंदर कैसे..??

धनिया : मालिक हमने कुए के अंदर एक कांच का मकान बनाया हुआ है..  कुए के अंदर मैं और राजू रहता था.. और जो भी हुआ के पास से जाता अपनी बनाई मशीन से उनका सामान अंदर खींच लेता… 

मुखिया : लेकिन तुम तो इंसानों को भी गायब कर देते हो..

धनिया : जिस दिन सोनू और बंटी कुआं के पास आए थे.. उस दिन हम बस उन्हें डराना चाहते थे लेकिन हमारे मशीन ने बंटी को अंदर खींच लिया.. बंटी के जाने से सबको हमारे बारे में पता लग जाएगा इसलिए हमने बंटी को कैद कर लिया..

मुखिया : पहरेदार… जल्दी जाओ और राजू को भी यहां पकड़ कर ले आओ और उसके बाद इन दोनों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.. और इस तरग गाँव वाले झूटे भुत के डर से मुक्ति पा चुके थे

कहानी से शिक्षा :- हमें कभी अंधविश्वास पर भरोसा नहीं करना चाहिए.. और हर समस्या का समाधान अपनी बुद्धि से करनी चाहिए.. 

इन कहानियो को भी पढ़े :-

शेयर करे

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here