Shekh Chilli Ki Kahani
शेख चिल्ली की कहानी
स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए हँसना बहुत जरुरी है और हँसी लाने के लिए शेख चिल्ली की मजेदार कहानिया वास्तव में हमे हसने को मजबूर करती है वो कहते है ना आपकी हंसी आपके लम्बे आर स्वस्थ्य जीवन का राज होती है इसलिए हमे खुलकर हसना चाहिए तो चलिए मुरझाये हुए चेहरों पर हंसी लाने के लिए हँसी के मनोरंजक पात्र शेखचिल्ली की कहानियो को जानते है.
शेख चिल्ली की मनोरंजक कहानी और किस्से
Shekh Chilli Ki Kahani
शेख चिल्ली जो की अक्सर ख्यालो में खो जाता था जिसके कारण से उसके साथ अजीबोगरीब हरकत हो जाया करती थी जिसके कारण बाद में लोगो के हँसी का पात्र बन जाता था तो आईये शेखचिल्ली के मजेदार किस्से और कहानियो को को जानते है
एक बार अंधेरी रात में मियां शेख चिल्ली अपने घर की ओर चले जा रहे थे तभी उन्होंने देखा कि चार लोग दबे पाँव कहीं जा रहे हैं मियां शेख चिल्ली उनके पास गए और पूछा आप लोग इस वक्त कहां जा रहे हैं।
तभी उन चारों लोगों को लगा कि यह भी हमारी तरह चोर है और यह भी चोरी करने जा रहा है तो उन्होंने बिना डरे हुए शेख चिल्ली को बता दिया कि हम चारों लोग चोर हैं और हम चोरी करने जा रहे हैं।
मियां शेख चिल्ली सोचने लगे कि मैं भी इनके साथ हो लेता हूं जिससे कुछ नया सीखने को मिलेगा। मियां शेख चिल्ली उनके साथ चलने के लिए कहने लगे लेकिन चोरों ने मना कर दिया। मियां शेख चिल्ली बार-बार उनसे अपने साथ ले चलने के लिए विनती कर रहे थे तभी चोरों ने कहा ठीक है। चारों चोर और मियां शेख चिल्ली अंधेरी रात में धीरे-धीरे दबे पांव आगे बढ़ने लगे।
कुछ दूर जाने के बाद उन्हें एक रहीश आलीशान घर दिखाई दिया और वे उसमें धीरे-धीरे अंदर घुस गए। उन चारों चोर में से एक चोर ने शेख चिल्ली को हिदायत दी , कि कोई आवाज़ मत करना अन्यथा हम पकड़े जाएंगे और हमेशा छुपे रहना और धीरे-धीरे कीमती सामानों और पैसों को ढूंढो। मियां शेख चिल्ली की ये पहली चोरी थी , इसलिए वो बड़े उत्सुक थे , उन्होंने सोचा चलो इनकी मदद करते है।
मियां शेख़ चिल्ली और चारों चोर पूरे घर में कीमती सामान और पैसे ढूंढने लगे। मियां शेख चिल्ली ढूंढ ही रहे थे लेकिन अचानक उनको खीर पकने की सुगंध आई। मियां शेख चिल्ली के मुँह में पानी आ गया और उसको खाने के लिए उसकी ओर चल दिए। वो चोरी करने आये है ये ख्याल उनके दिमाग से उतर गया, उनको सिर्फ खीर खाने की जल्दी थी।
मियां शेख चिल्ली रसोई घर में पहुंचे जहां खीर बन रही थी और उन्हें वहां पर देखा एक बुढ़िया जो खीर बनाते हुए कुर्सी पर बैठी थी और शायद उसकी आंख लग गई थी। मियां शेख चिल्ली एक कटोरी में खीर परोसी और खाने लगे तभी बुढ़िया ने अचानक नींद में उनकी तरफ हाथ किया तो शेख चिल्ली को लगा कि बुढ़िया भूखी है और खीर मांग रही है इसी नेक सोच के साथ उन्होंने कटोरी से खीर निकालकर उसके हाथ में रख दिया।
खीर बहुत गर्म होने के कारण बुढ़िया का हाथ जल गया और तिल-मिला उठी और चिल्लाने लगी। बुढ़िया की चिल्लाहट को सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए अब चारों चोर और मियां शेख चिल्ली को भागने के लिए कोई रास्ता नहीं था इसलिए वह उसी घर में छुप गए। तब बुढ़िया ने बताया कि इस घर में कुछ चोर घुस आए हैं सभी लोग चोर को ढूंढने लगे तभी एक चोर पकड़ा गया।
सभी लोगों ने उसको खूब पीटा और उसे सवाल जवाब करने लगे रहे थे तुम यहां क्या चुराने आये थे “चोर-ऊपर वाला जाने”
तुमने क्या क्या चुराया
“चोर- ऊपर वाला जाने”
चोर बार-बार यही कह रहा था –
ऊपर वाला जाने ऊपर वाला जाने
तो लोगों ने सोचा इसे जाने देते है ये हमेशा सभी बातों में अल्लाह को याद करता है, तभी अचानक से धड़ाम की आवाज आयी।
मियां शेख चिल्ली ऊपर छुपे हुए थे जो कूद पड़े थे और चोर को मारते हुए बोले उन्होंने कहा , तुम और तुम्हारे साथी चोरी करो और नाम मेरा लगाओ ऊपर वाला जाने। मियां शेख चिल्ली ने सबको बताया कि ये चोर और इसके तीन साथी चोरी करने आ रहे थे तभी मैंने इनको देखा और मैं भी इसके साथ हो लिया यह चारों चोर चोरी करने आए हैं मैं भी उनके साथ हो लिया था यह देखने के लिए ये लोग क्या करते हैं, लोगों ने बाकी तीनों चोरों को ढूंढ कर खूब पीटा इसी बीच मियां शेखचिल्ली मौका देखकर खिसक लिए।
शेख चिल्ली के खयाली सपनों की कहानी
Shekh Chilli Ki Kahani
एक दिन की बात है एक दिन सुबह-सुबह शेख चिल्ली मियां बाज़ार पहुँच गए। बाज़ार से उन्होने अंडे खरीदे और उन अंडों को एक टोकरी नें भर कर अपने सिर पर रख लिया, फिर वह घर की ओर जाने लगे। घर जाते-जाते उन्हे मन में खयाली सपने आने लगे कि अगर इन अंडों से बच्चे निकलें तो मेरे पास ढेर सारी मुर्गियाँ होंगी। वह सब मुर्गियाँ ढेर सारे अंडे देंगी। उन अंडों को बाज़ार में बेच कर मै अमीर बन जाऊंगा। अमीर बन जाने के बाद मै एक नौकर रखूँगा जो मेरे लिए सारी चीजे खरीदेगा । उसके बाद में अपनें लिए एक महल जैसा आलीशान घर बनवाऊंगा। उस बड़े से घर में हर प्रकार की भव्य सुख-सुविधा होंगी।
भोजन करने के लिए, आराम करने के लिए और बैठने के लिए उसमें अलग-अलग कमरे होंगे। घर सजा लेने के बाद मैं एक गुणवान, रूपवान, सुंदर और धनवान लड़की से शादी करूंगा। अपनी पत्नी के लिए भी एक नौकर रखूँगा और उसके लिए अच्छे-अच्छे कपड़े, गहने वगैरह ख़रीदूँगा। शादी के बाद मेरे 5-6 बच्चे होंगे, बच्चों को में खूब लाड़ प्यार से बड़ा करूंगा। और फिर उनके बड़े हो जाने के बाद उनकी शादी करवा दूंगा। फिर उनके बच्चे होंगे। फिर में अपने पोतों के साथ खुशी-खुशी खेलूँगा।
मियां शेख चिल्ली अपने ख़यालों में लहराते सोचते चले जा रहे थे, इतने में शेख चिल्ली के पैर में ठोकर लगी और सिर पर रखी हुई अंडों की टोकरी धड़ाम से ज़मीन पर आ गिरी। अंडों की टोकरी ज़मीन पर गिरते ही सारे अंडे फूट कर बरबाद हो गए। अंडों के फूटने के साथ साथ मियां शेख चिल्ली के खयाली पुलाव जैसे सपनें भी टूट कर चूर-चूर हो गए।
कहानी से शिक्षा :- शेख चिल्ली के इन कहानियो से हमे यही शिक्षा मिलती है की हमे मन के ख्याली सपनों की दुनिया से बाहर आकर वास्तविकता की दुनिया में जीना चाहिए, क्युकी सपनों को सोचने से सिर्फ सोचते है लेकिन उन्हें सच करने के लिए हमे हकीकत की दुनिया में जीना पड़ता है.
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