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अर्जुन और चिड़िया की आँख महाभारत की रोमांचक कहानी

Arjun Arjun And The Birds Eye Story Mahabharat Stories In Hindi

अर्जुन और चिड़िया की आँख महाभारत की कहानी

आज आप सभी को एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हु जो की महाभारत काल से जुडी हुई है जिसे आप अपने स्कूल में भी किसी क्लास में भी जरुर पढ़ा होगा, यह कहानी महाभारत के मुख्य पात्र वीर धनुर्धर अर्जुन से जुडी हुई है जो की हमे अपने लक्ष्य पर केन्द्रित करने की शिक्षा देती है तो चलिए इस शिक्षा देने वाली अर्जुन और चिड़िया की आँख कहानी  को जानते है

बात उस समय की है जब कौरवो और पांड्वो के गुरु द्रोणचार्य थे जो सभी राजकुमारों को शिक्षा देते थे, एक दिन गुरु द्रोणचार्य ने अपने सभी शिष्यों का परीक्षा लेने का मन बनाया और इसके लिए सभी पांड्वो और कौरवो को अपने पास बुलाया और कहा की कल आप सभी की मै परीक्षा लूँगा और देखूंगा की अब तक कौन क्या सिखा, इसके लिए सभी कल सुबह तैयार रहे तो सभी ने आज्ञापूर्वक गुरु की आज्ञा मान ली.

अगले दिन सुबह होने सभी राजकुमार गुरु द्रोणचार्य के साथ बगीचे में एकत्रित हुए तो गुरु द्रोणचार्य ने एक पेड़ की डाल पर मिटटी की बनी एक चिड़िया रख दिया और फिर गुरु द्रोणचार्य ने इशारा करते हुए कहा की अब आप सभी राजकुमारो को एक एक करके इस चिड़िया की आख में निशाना लगाना है और जो भी राजकुमार निशाना लगाने में सफल होगा उसे विजयी घोषित किया जायेगा

इसके बाद गुरु द्रोणचार्य ने एक एक करके सभी राजकुमारों से पुछा की आप सबको क्या दिखाई दे रहा है तो किसी ने कहा की मुझे तो चिड़िया दिखाई दे रही है तो किसी ने कहा की मुझे पेड़ दिखाई दे रहा है और किसी ने कहा की मुझे पेड़ पर चिड़िया और पूरा आकाश भी दिखाई दे रहा है तो किसी ने कहा की मुझे पेड़ और पत्ते दिखाई दे रहे है ऐसे करके सबने कुछ न कुछ बताया लेकिन पांडव राकुमार अर्जुन के कोई उत्तर नही दिया था,

लेकिन गुरु द्रोणचार्य किसी के उत्तर से प्रसन्न दिखाई नही दे रहे थे और तब गुरु द्रोणचार्य ने अर्जुन से पूछा की सबने कुछ न कुछ बताया लेकिन अर्जुन तुमने कोई उत्तर नही दिया क्या तुम्हे कुछ दिखायी नही दिया तो अर्जुन तुरंत बोल पड़े की हे गुरुदेव मुझे क्षमा करना क्यू की मुझे तो बस चिड़िया की आँख दिखाई दे रही है.

Arjun and the Bird’s Eye Story Hindi Mahabharat Stories in Hindi

अर्जुन का ये उत्तर सुनकर गुरु द्रोणचार्य अति प्रसन्न हुए और अर्जुन को निशाना लगाने को कहा फिर क्या था अर्जुन ने तुरंत चिड़िया की आँख में निशाना लगा दिया और निशाना एकदम सटीक था जिसके कारण अब चिड़िया की आख में निशाना लग चूका था

जिसके बाद गुरु द्रोणचार्य प्रसन्न होकर अर्जुन को गले लगा लिया और विजयी घोषित किया और सभी राजकुमारों को समझाया की हमने शुरू में ही कहा था की चिड़िया की आँख में निशाना लगाना है तो सबको चिड़िया की आँख पर ही ध्यान देना चाहिए लेकिन सबने अपना ध्यान कही और लगा लिया इसलिए सभी अपने लक्ष्य से चुक गये इसलिए सबको हमेसा अपने लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए तभी आप विजयी होंगे.

कहानी से शिक्षा

तो देखा आपने किस प्रकार सभी राजकुमारों ने अपना ध्यान ध्यान कहा कहा लगा दिया जिसके चलते वे अपने बताये गये लक्ष्य को भी ना पा सके ऐसा हम सबके साथ होता है की हम जानते है की हमे क्या करना है या हमे अपनी जीवन में क्या हासिल करना है लेकिन अपना ध्यान कभी भी अपने लक्ष्य पर केन्द्रित नही कर पाते है जिसके कारण हम अपने लक्ष्य को जानते हुए भी अक्सर भूल जाते है

जब भी हम कभी अपने जीवन में कोई काम करना जाते है या कर रहे होते है अक्सर जिस काम में हम लगे हुए होते है उससे संतुस्ट नही होते है जिसके कारण हम अपना सारा ध्यान उस पर नही लगा पाते है अक्सर देखा जाता है की यदि हम किसी भी कार्य में लगे हुए है और यदि हमारे आस पास कोई सफल व्यक्ति आ जाये या कोई व्यक्ति जो की अपने कार्य मे सफल है तो हम उनसे तुरंत प्रेरित हो जाते है और हम अपना ध्यान उस जैसा व्यक्ति बनने में लगा देते है जिसके कारण हमारा ध्यान तो अब अपने कामो में उतना नही लगता है जिसके कारण हम अपने कर रहे कार्यो में भी सफल नही हो पाते है और दुसरो के कामो में शायद एकदम नही क्यू की हम उन कामो में अभी बस शुरुआत किये हुए है,

इसलिए सबसे पहले हमे अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए की हमे करना क्या है फिर यदि हमारा लक्ष्य हमने निर्धारित कर लिया है हमे अपना सारा ध्यान उस पर ही लगाना चाहिए तभी हम अपने लक्ष्य को पा सकते है

यदि एक साथ कई लक्ष्य बना लिए तो निश्चित ही हम कभी भी सफल नही हो सकते है क्यू की एक साथ कई लक्ष्य बना लेने से हमे सिर्फ और सिर्फ दिन रात मेहनत तो करते है लेकिन कभी भी अपने एक काम को पूरे अच्छे तरीके से नही कर पाते है,

तो यदि हमे अपने जीवन के लक्ष्य को पाना है तो सबसे अपना ध्यान उस लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बनाना बहुत जरुरी होता है यदि हमने अपना ध्यान उस कार्य पर फोकस कर लिए तो निश्चित हम अपने लक्ष्य में सफल होंगे

तो आप सबको ये Hindi Story  Mahabharat Stories in Hindi लक्ष्य के प्रति एकाग्रता कैसा लगा प्लीज कमेंट में जरुर बताये. और इस कहानी को शेयर भी जरुर करे.

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