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Hindi Essay Information हिन्दी निबन्ध

जलवायु परिवर्तन आज के समय मे एक गंभीर समस्या पर निबंध

Essay On Climate Change In Hindi

जलवायु परिवर्तन पर निबन्ध

जलवायु परिवर्तन शब्द आज के समय में अक्सर हमे न्यूज़, समाचार पत्रों और टीवी के जरियों अक्सर सुनाई देता है जिस शब्द का जिक्र होते ही मन में कही ना कही चिंता का भाव भी जरुर आने लगता है अर्थात जलवायु परिवर्तन यानी Climate Change मौसम के दशाओ के परिवर्तन से लिया जाता है जिसे पूरा विश्व अब Global Warming के नाम से भी सम्बोधित करता है जिसका असर धीरे धीरे चलकर दीर्घकालिक रूप में देखने को मिलता है यह जलवायु परिवर्तन प्राकृतिक और मानव दोनों द्वारा होता है जिसके कारण मौसम में अनिश्चितता और अचानक गम्भीर परिवर्तन देखने को मिलते है जिसका जिक्र समय समय पर वैज्ञानिको, शोधकर्ताओ द्वारा किया जाता है और इन जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव के बारे में लोगो को चेताया भी जाता है

जलवायु परिवर्तन पर हिन्दी निबन्ध

Climate Change Essay in Hindi

Climate Change Essay

तो चलिये इसी जलवायु परिवर्तन के ध्यान में रखते हुए इस जलवायु परिवर्तन पर निबन्ध यहा दे रहे है जिसके अंतर्गत Climate Change के जलवायु परिवर्तन के कारण एवं परिणाम, जलवायु परिवर्तन के समाधान, जलवायु परिवर्तन को रोकने के उपाय, जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव, जलवायु परिवर्तन में मानव की भूमिका, पर्यावरण परिवर्तन के प्रमुख कारण, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव आदि महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डालेगे

तो चलिए इस Climate Change के जलवायु परिवर्तन निबन्ध को जानते है जिन्हें आप अपने स्कूल, कॉलेज, किसी जलवायु परिवर्तन भाषण, जलवायु परिवर्तन रैली आदि में बोल सकते है सबसे साझा कर सकते है

जलवायु परिवर्तन पर निबंध

Essay on Climate Change in Hindi

जलवायु परिवर्तन मौसम के दीर्घकालिक बदलाव का परिणाम कहा जाता है जबतक सिर्फ सिर्फ 1 दो महीने में यदि ऋतू परिवर्तन हो तो उसे मौसम कहा जाता है लेकिन जबतक लम्बे समय के परिणाम के फलस्वरूप मौसम में आये बदलाव को जलवायु परिवर्तन कहा जाता है अर्थात जलवायु परिवर्तन मौसमी दशाओ के बदलाव को कहा जाता है यह जलवायु परिवर्तन मानव और प्राकृतिक दोनों कारण से हो सकता है

मनुष्य द्वारा औद्योगिक क्रांति के बाद में जलवायु परिवर्तन में बहुत ज्यादा परिवर्तन देखने को मिला है जिसका प्रभाव हरितगृह प्रभाव (Green House Effect) के रूप में देखने को मिल रहा है जिसका मुख्य कारण औद्योगिक कल कारखानों से निकलने वाले कार्बन डाई ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों का दुष्परिणाम ही है जो अनेक तरह की जहरीली गैसों के वायुमंडल में मिलने के कारण जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहा है

जलवायु परिवर्तन क्या है

Climate change in Hindi

आप जरुर सोचते होंगे की ये जलवायु परिवर्तन | Climate change क्या है जैसा की जानते है की जलवायु शब्द जल + वायु से मिलकर बना है जिसका सीधा सा अर्थ है की हमारे आस पास के जल और वायु में परिवर्तन से है यानी जलवायु परिवर्तन तभी होता है जब जलवायु में हानिकारक गैसे जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड जैसे खतरनाक गैसों का लेबल काफी बढ़ जाता है

जलवायु परिवर्तन के मूल कारण

Climate change Reason in Hindi

इस पृथ्वी के तापमान का निर्धारण सूर्य के ताप पर निर्भर करता है यानी सूर्य से निकलने वाली ताप आर उर्जा यदि सीधे धरती पर आने लगे तो एक ही झटके में इस पृथ्वी का इतना अधिक तापमान बढ़ जायेगा जिसके कारण धरती जल उठ सकती है और मानव ही नही वरन किसी भी प्रकार का कोई जीवन अस्तित्व में नही रह सकता है

और ऐसे में जलवायु परिवर्तन के बहुत से कारण होते है जो मानव और प्राकृतिक दोनों हो सकते है सूर्य के कक्षा में बदलाव, पृथ्वी के कक्ष में बदलाव, धरती पर विद्यमान सागर, महासागर, महाद्वीप में परिवर्तन, अनेक प्रकार के अनियमित प्राकृतिक दोहन, ग्रीन हाउस प्रभाव, अनेक विषैली गैसों का वातावरण में मात्रा अनुपात का बढ़ना, प्राकृतिक कारण जैसे भूकम्प, ज्वालामुखी, समुद्री भूकम्प, सुनामी लहरे जैसे अनेक कारण हो सकते है जो की पृथ्वी और सूर्य के बीच में स्थित पराबैगनी किरणों को आने से रोकती है जिसका नष्ट होना भी जलवायु परिवर्तन का कारण बनता है

ये जलवायु परिवर्तन धीरे धीरे सालो की प्रक्रिया के बाद होते है जिसका असर हमे दीर्घकालिक समय के बाद ही देखने को मिलता है इसकी अधिकता औद्योगिक क्रांति के बाद काफी बढ़ गयी है

वैज्ञानिको ने अपने Research के आधार पर पाया है की वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड और ग्रीन हाउस गैसों (मुख्यतः कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन, नाईट्रीयस ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, हाइड्रो फ्लोरो कार्बन) की मात्रा का लेवल बहुत अधिक बढ़ गया है जिसके कारण सूर्य से निकलने वाली ऊष्मा जब धरती पर आती है तो इन ग्रीन हाउस गैसों के चलते ये तापमान वापस लौट नही पाते है जिसके कारण पृथ्वी के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है किस प्रकार गर्मियों में हर साल तापमान बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण गर्मी बढती ही जा रही है

जलवायु परिवर्तन के परिणाम

Climate Change impact in Hindi

Climate Change के कारण मुख्य प्रभाव तापमान में वृद्धि के रूप में देखने को मिलती है और जब पृथ्वी का तापमान बढ़ेगा तो निश्चित ही मानव जाति को गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ेगे, वर्ल्ड बैंक द्वारा कराये गये सर्वे से यह साफ पता चलता है की कृषि प्रधान देशो में थोडा सा भी तापमान में अनियमितता के कारण वहा की जीवन ही खतरे में आ सकता है

जब Climate Change के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ेगा तो निश्चित ही लोगो की मूलभुत आवश्यकता यानी पीने का पानी ही नही रह पायेगा और फिर आप समझ सकते है की बिना पानी जे जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है

इस प्रकार देखा जाय तो Climate Change से सीधा असर इस धरती के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगा जिसके मुख्य परिणाम कुछ इस प्रकार के होंगे

1 :- Climate Change से सीधा असर ओजोन परत पर देखने को मिल रहा है जिसके कारण सूर्य से निकलने वाली अनेक प्रकार के अल्ट्रा वायलेट किरणे सीधा धरती पर पहुच रही है जिसके कारण अनेक प्रकार के नये नये रोगों का जन्म हो रहा है

2 :- Climate Change से पृथ्वी के तापमान में सीधा असर पड़ रहा है जिसके कारण कही भयंकर सुखा, कही बाढ़, कही भयंकर बारिश और कही अत्यधिक ठंडी पड़ने लगी है यानी हर तरफ से इन प्राकृतिक आपदाओ से मनुष्य जाति को ही नुकसान उठाना पड़ रहा है

3 :- जलवायु परिवर्तन से हिमस्खलन, भूकम्प, बाढ़, सुनामी, भयंकर चक्रवात, ग्लेशियर का पिघलना, समुंद्र स्तर का बढ़ना जैसे अनेक प्राकृतिक आपदाओ की संख्या बढ़ रही है

4 :- Climate Change से वायु दूषित होती जा रही है जिससे अब तो महानगरो में रहना मुश्किल होने लगा है और अनेक प्रकार के स्वास सम्बन्धी बीमारिया भी जन्म ले रही है

5 :- Climate Change से अनेक प्रकार के संक्रामक रोगों का भी जन्म हो रहा है जिसमे त्वचा, जलन, डेंगू, बुखार, मलेरिया जैसे अनेक गम्भीर बीमारिया अब संक्रामक के रूप में फैलने लग रही है

6 :- Climate Change से सीधा असर पीने वाली पानी पर भी दिखाई देने लगा है भयंकर सुखा के चलते पीने योग्य पानी की दिन प्रतिदिन किल्लत बढती ही जा रही है और उद्योग कल कारखानों से निकलने वाली गंदे पानी, रासायनिक तत्वों के नदियों, तालाबो में मिलने से तो और भी घातक बीमारिया जन्म ले रही है

जलवायु परिवर्तन के समाधान

Climate Change Problem Solution in Hindi

अब तो सभी जान गये होंगे की ये Climate Change यानी जलवायु परिवर्तन क्यों हो रहा है तो देखा जाय तो कही ना कही इसमें ज्यादा प्राकृतिक दोहन और हमारी आधुनिक अंधाधुंध तरक्की भी है तो यदि कुछ हद तक हम जमीनी स्तर पर कारवाई करे तो निश्चित ही Climate Change के दुष्प्रभाव से बच सकते है और आने वाली पीढियों को एक रहने योग्य धरती दे सकते है

तो चलिए जलवायु परिवर्तन को कैसे सुधारा जा सकता है इनके बारे में जानते है.

1 :- सबसे पहले हमे अन्तराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए एकजुट होकर कोशिश करना चाहिए क्योकि यह किसी देश का निजी मामला नही बल्कि इस धरती के अस्तित्व से जुड़ा हुआ सवाल है जिस दिन सभी देश इस बात को समझ जायेगे सभी एकजुट होकर इस समस्या का समाधान कर सकते है तो इस प्रकार यदि पूरा विश्व एक मंच पर जलवायु परिवर्तन | Climate Change | Global Warming के खिलाफ खड़ा होता है निश्चित ही इस समस्या से निजात प् सकते है

2 :- जलवायु परिवर्तन के जिम्मेदार हमारी औद्योगिक व्यवस्था भी है हमे यह सुनिश्चित करना चाहिए की कल कारखानों से निकलने वाली गंदे पानी, रासायनिक तत्वों वाले पानी को कभी भी खुले पानी में नही मिलने देना चाहिए जिससे की हमारी पीने योग्य पानी सुरक्षित रहे जिससे होने वाली अनेक बीमारियों से सीधे सीधे रूप में बच सकते है

और इन कारखानों से निकलने वाली चिमनियो के धुएं, जहरीली गैसों को भी वातावरण में नही मिलने देना चाहिए ताकि हमारा वातावरण दूषित ना हो और सभी को स्वास लेने के लिए शुद्ध वायु मिल सके

3 :- मनुष्य को अंधाधुंध प्राकृतिक दोहन से बचना चाहिए यदि देखा जाय तो मानव अपनी आवश्कताओ के पूर्ति के लिए बड़े बड़े पहाड़ो को काटकर सीमेंट बनाया जा रहा है और उनसे अनेक प्रकार के नित नये प्रयोग भी किये जा रहे है जिसके कारण उस क्षेत्र में प्राकृतिक विषमता बनती जा रही है

प्रकृति ने जो स्थान जिस चीज के लिए निर्धारण किया उसमे हमारा हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है जिसके कारण भयंकर बाढ़, भयंकर बारिश, भूकम्प जैसे अनेक आ रहे है जिन स्थानों पर पहले जहा बड़े बड़े जंगल हुआ करते थे इंसानों ने उन जंगलो को काटकर अब शहर बसा रहे है जिसके कारण प्राकृतिक तन्त्र में विषमता भी आने लगी है जिसके कारण से अनेक दुष्प्रभाव देखने जाने लगे है

यदि हमे जलवायु परिवर्तन से निजात पाना है तो हमे इन अंधाधुंध कार्यो पर रोक लगाना अति आवश्यक है वरना समय रहते हम सब नही चेते तो फिर आने वाले समय में इस पृथ्वी पर जीवन नाम का अस्तित्व ही खतरे में आ सकता है

4 :- 20वि सदी की सबसे घातक और विनाशकारी प्रयोग परमाणु बम विस्फोट है जिससे सिर्फ एक विस्फोट से इतनी अधिक मात्रा में उर्जा निकलती है की जिस एरिया में यह परमाणु विस्फोट किया जाता है वहा से लगभग 20 किलोमीटर तक क्षेत्रो में इसके दुष्प्रभाव को तात्कालिक रूप में देखने को मिलता है जिसका उदाहरण हम सभी हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु विस्फोट के रूप में देख सकते है लगभग 70 सालो से अधिक पहले हुए विस्फोट का यह असर है वहा आज भी जन्म लेने वाली संताने अनेक प्रकार के बीमारियों से ग्रसित होते है

और 21वि शताब्दी में मानो परमाणु विस्फोट की होड़ सी लग गयी है हर देश अपना परमाणु बम बनाना चाहता है तो यही चलता रहा तो एक दिन ऐसा ही आएगा इन सभी परमाणु विस्फोट से मानव खुद के अस्तित्व को नष्ट कर लेगा

तो ऐसे में यदि हमे जलवायु परिवर्तन से निजात पाना है तो इन परमाणु विस्फोट पर रोक लगाना चाहिए और परमाणू अप्रसार संधि को अधिक से अधिक बढ़ाना चाहिए ताकि हम भी सुरक्षित रहे और ये हमारा घर धरती भी सुरक्षित रहे

5 :- मानव के तेजी से विकास के चलते अनेक फायदे भी हुए है तो कई दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे है पहले जहा लोग पैदल या कम मात्रा में ही गाड़ियों का प्रयोग किया जाता था लेकिन अब हर व्यक्ति के पास खुद का साधन और वाहन होता जा रहा है इन वाहनों से अनेक प्रकार की जहरीली गैसे निकलती है जो की खुले रूप से वातावरण में मिल जाती है जिससे हमारा दिन प्रतिदिन वातावरण दूषित होता जा रहा है जिसके कारण अनेक प्रकार एक स्वास सम्बन्धी नई नई बीमारिया जन्म ले रही है

और यही नही मानव ने अपने विकास क्रम में अनेक प्रकार ऐसे यंत्रो का निर्माण कर लिया है जिनसे उन्हें तो सुविधा हो गयी है लेकिन इनसे निकलने वाली गैस के प्रभाव से सीधा ओजोन परत को नुकसान हो रहा है इन वस्तुओ में फ्रिज, रेफ्रिजेटर जैसे अनेक मानव निर्मित वस्तुए प्रमुख है

और यही हाल चलता रहा तो भविष्य में ऐसे अनेक नये विनाशकारी अविष्कार देखने को मिलेगे जो सीधे सीधे मनुष्य को तो फायदा तो पहुचायेगे लेकिन प्रकृति पर सीधे सीधे नुकसान पंहुचा सकते है ऐसे में यदि जलवायु परिवर्तन के लिए हम सभी गम्भीर है तो वातावरण के लिए खतरनाक इन वस्तुओ का बहुत कम या नही उपयोग करना चाहिए

तो यदि समय रहते इन्सान जलवायु परिवर्तन के प्रति गम्भीर नही हुए तो आने वाले दिनों में प्रकृति द्वारा अनेक गम्भीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार भी रहना चाहिए

तो आप सभी को Climate Change Essay in Hindi | जलवायु परिवर्तन पर हिन्दी निबन्ध | Hindi Essay on Climate Change कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये और इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो के बीच शेयर भी जरुर करे.

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