Sher Aur Siyar Ki Kahani In Hindi
शेर और सियार के हितोपदेश की कहानी
बच्चो को हितोपदेश की कहानीया बहुत पसंद आती है, इन हितोपदेश की कहानी में कहानियो के माध्यम से अच्छी नैतिक शिक्षा मिलती है, तो आज इस पोस्ट के जरिये शेर और सियार की हितोपदेश की कहानी लेकर आये है, जिनसे हम काफी अच्छी शिक्षा मिलती है, तो चलिए इस हितोपदेश की कहानी को अब जानते है.
शेर सियार की हितोपदेश कहानी
Sher Siyar Ki Hitopadesha Kahani in Hindi
एक गाव के नजदीक सियार और सियारिन रहते थे वे अपना घर बनाने के तलाश में निकले तो उन्हें पास के जंगल में एक खाली गुफा दिखाई दिया जो की वह गुफा किसी शेर का था वह शिकार की तलाश में दूर चला गया था खाली गुफा पाकर सियार और सियारिन उस गुफा में रहने लगे.लेकिन जब शेर शिकार करके वापस अपने गुफा की तरफ लौटने लगा तो पास आते देखकर सियार बहुत ही डर गया और डर के मारे उसे अब समझ नही आ रहा था की वह अब क्या करे तो यह सब देखकर सियारिन ने समझाते हुए कहा की अब हमे डरने के बजाय पास आये मुसीबत का सामना हिम्मत और अक्ल से करना चाहिए.
तो सियार ने अपने एक योजना बनाई और योजना के मुताबिक जब शेर नजदीक आएगा तो वह पूछेगा की उसके बच्चे क्यू रो रहे है तो तुम कहना की बच्चे भूखे है और इन्हें शेर का ही मांस चाहिए.
तो शेर के गुफा के पास आने के बाद सियार और सियारिन ने ऐसा ही किया और दोनों बात करने लगे सियार की बातो को सुनकर शेर को आश्चर्य हुआ की जिसके बच्चे शेर का मांस खाते होंगे तो ये दोनों कितने ताकतवर होंगे इसके बाद शेर चुपचाप वहां से चला गया.
फिर थोड़ी देर बाद शेर वापस आया तो सियार सियारिन से बोलने लगा की बच्चे तो रोज रोज रोते है इन्हें रोज शेर का मांस कहा से लाऊंगा दुबारा यह बाते सुनकर भयभीत भी हो गया और फिर चुपचाप वहा से भाग लिया.
शेर को जंगल में भागता देखकर एक बन्दर ने शेर को रोका और पूछा आप जंगल के राजा होकर भी इतने डरे हुए होकर कहा भागे जा रहे है तो शेर बन्दर से बोला की मेरे गुफा में एक सियार सियारिन का परिवार आ गया है जिसके बच्चे तो शेर का मांस खाते है.
तो यह बाते सुनकर बन्दर हँसने लगा की आप राजा और ताकतवर होकर एक सियार से डर रहे है चलिए मै आपके साथ चलता हु फिर देखता हु की आखिर कौन सियार के परिवार है जो शेर का मांस खाते है लेकिन भयभीत शेर बोला मै एक ही शर्त पर वहा चल सकता हु की अगर तुम मेरे पूछ से बाधकर आगे आगे चलो तब मै चलूँगा ऐसा कहने पर बन्दर तैयार हो गया और शेर ने बन्दर को अपने पूछ में बाधकर गुफा की तरफ चल दिया.
शेर और बन्दर को गुफा के पास आने के बाद सियार सियारिन आपस में बात करने लगे की बन्दर को बोला था की वह दो शेर लायेगा लेकिन ये क्या बन्दर तो सिर्फ एक ही शेर ला रहा है अब शेर को पूरा विश्वास हो गया की बन्दर भी उसे सियार के जालो में फसा रहा है और बिना एक पल गवाए वहा से भागने लगा जिसके चलते बन्दर भी पूछ में बधे होने के कारण घिसटने के कारण बन्दर मर गया और शेर किसी तरह वहा से अपनी जान बचाकर भाग लिया इसके बाद सियार सियारिन उस गुफा में शांतिपूर्वक रहने लगे.
कहानी से शिक्षा
शेर और सियार की कहानी के माध्यम से हम सभी को यही सीख मिलती है अगर जीवन में चाहे कितना बड़ा दुःख और विपत्ति के क्षण क्यू न आ जाये अगर इन विपत्ति का सामना हिम्मत और बुद्धि से किया जाय तो बड़े से बड़े दुखो पर भी विजयी पाया जा सकता है इसलिए हमे अपने जीवन में चाहे दुःख कितना भी बड़ा शेर की तरह ही क्यू न हो और ताकतवर भी हो लेकिन अगर हम सभी बुद्धि और चतुराई से सामना करे तो निश्चित ही हम सभी हमेसा विजयी रह सकते है और जो लोग मूर्खो का साथ देते है उनकी भी मति मारी जाती है उन्हें अंत में स्वत का नुकसान भी उठाना पड़ता है.
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