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मंकीपाक्स वायरस रोग के लक्षण बचाव और उपचार की पूरी जानकारी

Monkeypox Virus in Hindi

मंकीपाक्स वाइरस क्या है इस रोग के लक्षण बचाव और उपचार

इस पोस्ट मे हम सभी मंकीपाक्स नामक एक नयी बीमारी के बारे मे जानेगे की ये नयी मंकीपाक्स वाइरस क्या है इस रोग के लक्षण बचाव और उपचार Monkeypox Virus in Hindi कैसे करे, तो चलीये इस तेजी से फैलने वाली बीमारी Monkeypox Virus के बारे मे जानते है।

मंकीपॉक्स क्या है

Monkeypox Virus in Hindi

Monkeypox Virus in Hindiमंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण (Orthopoxvirus Infection) एक ऐसी नयी दुर्लभ गंभीर बीमारी है, जो की यह मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरस यानि जानवरों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है. हालकि मंकीपॉक्स वायरस, स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है, जिसके लक्षण चेचक या चिकनपॉक्स के सामान दिखाई देती है।

यह बीमारी सबसे पहले सान 1958 में बंदरों में दिखाई दिया था, जिस कारण इस बीमारी को मंकीपॉक्स (Monkeypox) नाम दिया गया। और फिर आगे चलकर यह सन 1970 में यह बीमारी पहली बार के इंसान मे देखा गया।

मंकीपॉक्स का कारण क्या है?

What is the cause of Monkeypox in Hindi

मंकीपॉक्स तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो की यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फ़ैल सकती है। अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति या फिर संक्रमित जानवर के निकट या उसके संपर्क मे आता है, तो उसके माध्यम से मंकीपॉक्स वायरस इनके जरिये इन्सानो मे फैलता है।

Table of Contents :-

ऐसा माना जाता है कि मंकीपॉक्स वायरस चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस संक्रमित के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है।

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है

Symptoms of Monkeypox in Hindi

जब कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स वाइरस से संक्रमित हो जाता है, तो इस मंकीपॉक्स के लक्षण बहुत जल्द सामने आने लगते हैं जिसमें सबसे पहले हल्के से गंभीर बुखार हो सकता है। बुखार के साथ-साथ संक्रमित को मांसपेशियों में दर्द, जकड़न और कमजोरी महसूस हो सकती है।  इसके साथ ही जैसे-जैसे मंकीपॉक्स की बीमारी बढ़ने लगती है वैसे-वैसे संक्रमित रोगी के लिम्फ नोड्स में सूजन आने लगती है जो कि मंकीपॉक्स की सबसे बड़ी पहचान है।

मंकीपॉक्स बीमारी होने पर रोगी के शरीर में पांच दिनों के भीतर शरीर में चेचक यानि माता के निशान बनने लग जाते हैं जिससे रोगी को और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

मंकीपॉक्स होने पर संक्रमित व्यक्ति मे चार स्टेज के लक्षण आने लगते है-

मंकीपॉक्स होने पर संक्रमित व्यक्ति मे स्टेज के चार लक्षण
1. मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण मे कोई व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो वह लक्षण महसूस करना शुरू कर देता है। लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होतेहैं और काफी हद तक बुखार जैसे लगते हैं। पहली स्टेज के लक्षणों में आपको बुखार, शरीर में दर्द और थकान महसूस हो सकती है।
2. मंकी पॉक्स की दूसरी स्टेज में बुखार जैसे लक्षण तो रहते ही हैं, साथ ही स्किन पर थोड़ी संख्या में कुछ गांठ दिखनी शुरू हो जाती हैं।
3. फिर मंकी पॉक्स की तीसरी स्टेज पर लिम्फैडेनोपैथी हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पार्ट्सपर होने वाले दानों या चकत्ते में बदल सकती है।
4. और आखिर मे मंकीपॉक्स की चौथी यानी आखिरी स्टेज पर ये दाने या चकत्ते उभर कर बडे़ दाने हो जाते हैं या कुछ ऐसे पस्ट्यूल में बदल जाते हैं जिनमें मवाद भरी होती है।

मंकीपॉक्स होने पर रोगी को मुख्य तौर पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-

मंकीपॉक्स होने पर रोगी को मुख्य पर लक्षण 
बुखार का आना
सिर मे दर्द
मांसपेशियों में दर्द
ठंड का लगना
बहुत अधिक थकावट महसूस होना
पीठ मे दर्द
सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (swollen lymph nodes)

मंकीपॉक्स के रोगी को बुखार आने के 1 से 3 दिनों के भीतर (कभी-कभी अधिक) रोगी को एक दाने का विकास होता है, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होता है और फिर धीरे धीरे शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है।

मंकीपॉक्स वाइरस की वजह से बने घाव ठीक होने से पहले निम्नलिखित चरणों से गुजरते हैं:-

1. उपरंजकयुक्त (Macules)
2. पपुल्स (Papules)
3. पुटिकाओं (Vesicles)
4. छाले (Pustules)
5. स्कैब्स (Scabs)

मंकीपॉक्स हालाकी 21 दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ गंभीर मामलों में ही संक्रमित रोगी को अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ता है।

मंकीपॉक्स की बीमारी कैसे फैलती है

How is Monkeypox spread in Hindi

मंकीपॉक्स की बीमारी कैसे फैलती है
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है।
ऐसा माना जाता है कि यह चूहों और गिलहरियों जैसे कृन्तकों (rodents) द्वारा फैलता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी इस बीमारी को पकड़ना संभव है जिसे ठीक तरह से यदि पकाया नहीं गया है तो भी उससे भी यह बीमारी फ़ैल सकता है। फ़िलहाल, वर्तमान समय तक अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें मंकीपॉक्स किसी जल में रहने वाले जीव से फैला हो या किसी जलधारी जीव में देखा गया हो।
अगर मंकीपॉक्स के मनुष्य से मनुष्य में फैलने के बारे में बात कि जाए तो यह संक्रमित के संपर्क में आने से फैलता है।
अगर कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है तो उसके सांस, छींकते, खासतें या अन्य किसी तरह से श्वसन कणों की बूंदों के संपर्क में आने से हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति या स्वास्थ्य कार्यकर्ता लंबे समय तक मंकीपॉक्स रोगी की देखरेख करता है तो उसे भी मंकीपॉक्स होने की आशंका होती है।
यह चेचक के टीकाकरण की समाप्ति के कारण सभी समुदायों में घटती प्रतिरक्षा को प्रदर्शित कर सकता है। मां से भ्रूण (जिससे जन्मजात मंकीपॉक्स हो सकता है) या जन्म के दौरान और बाद में निकट संपर्क के दौरान प्लेसेंटा के माध्यम से भी संचरण हो सकता है।
शारीरिक संबंध स्थापित करने से भी मंकीपॉक्स होने की आशंका काफी ज्यादा है, क्यूकी जाने अनजाने मे भी अपने साथी के संपर्क मे आना होता है, जिससे यह बीमारी फैलने की आशंका ज्यादा है।

मंकीपॉक्स की नैदानिक ​​​​विशेषताएं क्या हैं

Clinical features of Monkeypox in Hindi

मनुष्यों में, मंकीपॉक्स चेचक के समान है, इस बीमारी मे सिर्फ लिम्फ नोड्स (लिम्फैडेनोपैथी) का बढ़ना मंकीपॉक्स से जुड़ा है। ग्रसित को लगभग 12 दिनों के बाद, बीमारी बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन लिम्फ नोड्स, बेचैनी की एक सामान्य भावना और थकावट से शुरू होती है। बुखार आने के 1 से 3 दिनों के भीतर (कभी-कभी लंबे समय तक), रोगी को एक दाने (यानी उभरे हुए धक्कों) का विकास होता है, अक्सर पहले चेहरे पर लेकिन कभी-कभी शुरू में शरीर के अन्य हिस्सों पर। घाव आमतौर पर क्रस्टिंग और गिरने से पहले कई चरणों में विकसित होते हैं।

क्या मंकीपॉक्स घातक बीमारी है

Monkeypox fatal in Hindi

मंकीपॉक्स कितना घातक है यह आप इस बात से समझ सकते हैं कि यह बहुत ही कम दिनों में 19 देशों में दस्तक दे चूका है। इस गंभीर बीमारी की वजह से रोगी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें त्वचा संबंधित समस्याएँ भी है जो कि उम्र भर तक साथ रह सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो मंकीपॉक्स के हर 10 रोगियों में से एक की जान जाने का खतरा रहता है। फ़िलहाल, सामने आए मामलों में से अभी तक किसी भी रोगी के जान जाने की खबर नहीं है,

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है. इस वायरस से संक्रमित होने पर चेचक जैसे लक्षण दिखते हैं. हालांकि, मंकीपॉक्स में गंभीर बीमारी का खतरा बहुत कम होता है.

मंकीपॉक्स वायरस तेजी से क्यों फैल रहा है

Why is the Monkeypox virus spreading so fast in Hindi

वायरस सबसे छोटे कण होते हैं जिन्हें जीवित के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। कई बार भौतिक अवरोध उन्हें रोक नहीं पाते हैं और एक जीव से दूसरे जीव में विषाणुओं को संचारित करने के लिए बहुत कम संख्या में कणों की आवश्यकता होती है।

मंकीपॉक्स संक्रमित जानवरों/मनुष्यों के शरीर के स्राव के स्पर्श/संपर्क से फैल सकता है और इसलिए यह तेजी से फैल रहा है। अनुमानित संचरण दर 3।3% से 30% है, लेकिन कांगो में हाल ही में फैलने की अनुमानित संचरण दर 73% थी।

मंकीपॉक्स और चेचक या चिकनपॉक्स बीमारी मे अंतर

How is Monkeypox different from smallpox or chickenpox in Hindi

चिकनपॉक्स या चेचक मंकीपॉक्स से ज्यादा अलग नहीं है। दोनों के ही लक्षण और समस्याएँ काफी सामान है। लेकिन लिम्फ नोड्स में आई सूजन मंकीपॉक्स की सबसे बड़ी पहचान है। चेचक होने पर शरीर में फफोले बनते हैं जो कि मंकीपॉक्स में भी होते हैं और साथ ही बाकी लक्षण भी दिखाई देते हैं, लेकिन इसमें लिम्फ नोड्स में सूजन नहीं आती। मंकीपॉक्स होने पर लिम्फ नोड्स में काफी सूजन आती है जो कि इसकी पहचान है।

क्या मंकीपॉक्स अगली महामारी होगी?

Will Monkeypox be the next pandemic in Hindi

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इसके वैश्विक महामारी में बदलने का जोखिम कम है। लेकिन विचित्र बात यह है कि मामलों को एक समान स्रोत या संपर्कों का पता नहीं लगाया गया है और इसलिए यौन जैसे संचरण के एक अन्य तरीके पर भी विचार किया जा रहा है।

मंकीपॉक्स होने का खतरा किसे है?

Who is at risk of getting Monkeypox in Hindi

मंकीपॉक्स के मामले आम तौर पर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में सबसे आम हैं, उन लोगों में जो हाल ही में उन क्षेत्रों की यात्रा करते हैं, और जिन लोगों का आयातित जानवरों के साथ संपर्क रहा है। लेकिन हाल ही में अफ्रीका के बाहर उन लोगों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं, जिन्होंने यात्रा नहीं की है। इसलिए इसका खतरा फ़िलहाल किसे ज्यादा है इस बारे में कुछ भी सटीक नहीं कहा जा सकता।

क्या मंकीपॉक्स एयरबोर्न है?

Monkeypox Airborne in Hindi

COVID-19 के विपरीत, जो मुख्य रूप से हवाई संचरण और छोटी बूंदों के गुजरने से फैलता है, मंकीपॉक्स निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से अनुबंधित होता है।

क्या मंकीपॉक्स को मौसमी बीमारी है

Monkeypox is seasonal in Hindi

वर्ष के उस समय में जब लोग घर के अंदर से अधिक बाहर होते हैं, आप अधिकांश संक्रमणों, विशेष रूप से श्वसन संक्रमणों में गिरावट की अपेक्षा करते हैं। यह संपर्क द्वारा प्रेषित होता है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हम इसे मौसमी के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं।

मंकीपॉक्स का निदान कैसे किया जाता है?

How is Monkeypox diagnosed in Hindi

निदान ऊतक के नमूनों द्वारा होता है, जो हमें निदान उपचार देता है, यह ज्यादातर स्वयं सीमित है और दो से तीन सप्ताह के समय में ठीक हो जाता है।

मंकीपॉक्स का उपचार कैसे किया जाता है

How is Monkeypox treated in Hindi

वर्तमान में, मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के लिए कोई सिद्ध, सुरक्षित उपचार नहीं है। फ़िलहाल तक कोई मामला सामने आने पर ‘मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के प्रयोजनों के लिए, चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VIG) का उपयोग किया जा सकता है।‘

क्या मंकीपॉक्स वायरस से बचाव संभव है?

Is it possible to prevent Monkeypox virus in Hindi

मंकीपॉक्स  से अपना बचाव किया जा सकता है, लेकिन इसमें कितनी सफलता मिलेगी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। स्वयं को मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए आप निम्न वर्णित कई उपायों को अपना सकते हैं :-

मंकीपॉक्स वायरस से बचाव
उन जानवरों के संपर्क में आने से बचें जो वायरस को शरण दे सकते हैं (उन जानवरों सहित जो बीमार हैं या जो उन क्षेत्रों में मृत पाए गए हैं जहां मंकीपॉक्स होता है)।
किसी बीमार जानवर के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री, जैसे बिस्तर, के संपर्क में आने से बचें।
संक्रमित रोगियों को अन्य लोगों से अलग करें जिन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है।
संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में आने के बाद हाथ की अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें। उदाहरण के लिए, अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करना।
मरीजों की देखभाल करते समय व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का प्रयोग करें।
अगर आप किसी के साथ सेक्स करते हैं तो ध्यान रखें कि आपके साथी को मंकीपॉक्स के लक्षण तो नहीं है या विदेश यात्रा का कोई इतिहास तो नहीं है (खासकर वो देश जहाँ फ़िलहाल मंकीपॉक्स के सामने आ रहे हैं या अफ़्रीकी देश)।

भारत मे मंकीपॉक्स वायरस का आगमन

Monkeypox virus arrival in India in Hindi

मंकीपॉक्स वायरस का पहला केस हाल मे भारत में भी मिला है. केरल के कोल्‍लम जिले से मंकीपॉक्स (Monkeypox Virus) का मामला सामने आया है. मरीज हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटकर आया था. मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर संदिग्‍ध को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. टेस्‍ट में उसके मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है. इस वायरस के संक्रमण का इलाज उपलब्ध है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्सवायरस से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6% रहा है.

मंकीपॉक्स वाइरस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

Some important questions and their answers on Monkeypox Virus in Hindi (FAQs)

प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस बीमारी क्या है 
उत्तर :- मंकीपॉक्स तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो की यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फ़ैलती है। जो की मंकीपॉक्स वायरस, स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है,
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण क्या है 
उत्तर :- मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, त्वचा पर चकत्ते (चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक) पड़ते हैं. जिसके कारण सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खराश और खांसी की शिकायत होने लगती है।
इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां हो सकती है जैसे आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द , पेशाब में कमी, बार बार बेहोश होना और दौरे पढ़ना जैसे दिक्कतें आती है.
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस कैसे फैलता है 
उत्तर :- मंकीपॉक्स बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है. यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है.
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस पहली बार कब देखा गया था 
उत्तर :- मंकीपॉक्स वायरस पहली बार सन 1958 मे बंदरो मे देखा गया था
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण इन्सानो मे पहली बार कब देखा गया था 
उत्तर :- मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण सन 1970 में यह बीमारी पहली बार के इंसान मे देखा गया था
प्रश्न :- मंकीपॉक्स बीमारी क्या घातक बीमारी है 
उत्तर :- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक,  मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है, जो की इस वायरस से संक्रमित होने पर चेचक जैसे लक्षण दिखते हैं. हालांकि, मंकीपॉक्स में गंभीर बीमारी का खतरा बहुत कम होता है.
प्रश्न :- मंकीपॉक्स बीमारी का असर कितने दिनो तक रहता है 
उत्तर :- मंकीपॉक्स बीमारी का असर 21 दिनो तक रहता है
प्रश्न :- मंकीपॉक्स के दो अहम स्ट्रोन कौन कौन से है 
उत्तर :- मंकीपॉक्स के दो अहम स्ट्रोन पश्चिमी अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी है,
प्रश्न :- मंकीपॉक्स बीमारी के लिए क्या टीके उपलब्ध है 
उत्तर :- हा, मंकीपॉक्स बीमारी के लिए टीके उपलब्ध है, जिससे इस रोग पर अंकुश पाया जा सकता है।
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस का यह नाम क्यो पड़ा 
उत्तर :- साल 1958 में पहली बार इसकी पहचान बंदरों में की गई, जिस कारण से सर्वप्रथम यह बीमारी बंदरो मे देखे जाने पर इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा,
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण कहां से हो सकता है
उत्तर :- किसी संक्रमित शख़्स के नज़दीकी संपर्क में आने से मंकीपॉक्स की बीमारी हो सकती है. इसका वायरस हमारी त्वचा पर किसी कट से या आंख, नाक या मुंह के रास्ते शरीर में जा सकता है.
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस से बचने के टिप्स क्या क्या है 
उत्तर :- Monkeypox Virus से बचने के टिप्स :- 
जिस व्यक्ति पर मंकीपॉक्स जैसा लक्षण दिख रहा हो, उससे नजदीकी या स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट ना बनाएं.
जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हों, उनकी इस्तेमाल की हुई चादर, तौलिया या कपड़ों जैसी पर्सनल चीजें ना छुएं.
अपने हाथों को साबुन व पानी से धोएं या एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
अगर आप के अंदर मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हैं, तो घर पर रहें. ज्यादा से ज्यादा रेस्ट ले।
अपने आप को पालतू जानवरों से भी दूरी बनाकर रखें.
प्रश्न :- मंकीपॉक्स कितना ख़तरनाक़ बीमारी है
उत्तर :- Monkeypox Virus के ज़्यादातर हल्के मामले ही देखने को मिले हैं, यानी मरीज़ की हालत इतनी ख़राब नहीं होत है, ये कई बार ये चेचक यानी चिकनपॉक्स जैसा होता है और कुछ ही हफ्तों में यानि 21 दिनो के अंदर अपने आप ठीक भी हो जाता है.
प्रश्न :- मंकीपॉक्स वायरस का इलाज क्या है
उत्तर :- मंकीपॉक्स बीमारी के इलाज के लिए चेचक के टीके और कई तरह की दवाए उपलब्ध है, जिन्हे डाक्टरों की उचित सलाह के बाद ले सकते है।

तो आपको मंकीपाक्स वाइरस के बारे मे इस पोस्ट मंकीपाक्स वाइरस क्या है इस रोग के लक्षण बचाव और उपचार | Monkeypox Virus in Hindi कैसा लगा, कमेंट मे जरूर बताए और इस जानकारी को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे।

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