Ramu Ki Kahani Moral Story in Hindi
रामू के शरारत की सीख देती कहानी
रामू बचपन से ही बहुत शरारती लड़का था वह अक्सर अपने शैतानियों से ही लोगो के बीच में जाना जाता था जब कोई कही कोई शरारत की कोई घटना होती तो उसमे रामू का नाम जरुर आता जिससे रामू को लोगो की खूब डाट सुनने को मिलती लेकिन रामू को इसका उसपर कोई प्रभाव नही पड़ता था उसे तो सिर्फ शैतानियों में ही मजा आता था,
एक दिन की बात है गर्मियों की छुट्टी का दिन चल रहा था तो रामू अपने कुछ दोस्तों के साथ अपने गाव के नजदीक वाले बगीचे में आम तोड़ने चला गया उस बगीचे में अनेको प्रकार के पेड़ थे और आम के भी बहुत सारे खूब खूब ऊचे ऊचे पेड़ थे, जिस खूब आम के फल लगे हुए थे अब तो इन आम को देखकर रामू के मुह में पानी आने लगा वह किसी भी प्रकार से आम के फलो को पाना चाहता था,
लेकिन उसके दोस्तों से ने समझाया की पेड़ बहुत ऊचे है इसलिए हम लोग पेड़ो पर चढ़ नही सकते है इसलिए हमे आम को पाने का आस छोड़ देना चाहिए.
लेकिन रामू कोई और तरकीब सोचने लगा की कैसे इन आमो को पाया जाय फिर कुछ देर सोचने के बाद उसके मन में एक विचार आया की क्यू न बॉस की लकड़ी के सहारे आम के फलो को तोडा जाय तो सब दोस्तों ने उसकी बात मान लिया.
और फिर वे पास में पड़े लम्बे बॉस को उठा लिए और वे सभी आम के पेड़ के पास पहुच गये तब सबने देखा की पेड़ में मधुमक्खी का छत्ता लगा हुआ है तो सब डर गये, और और आम तोड़ने का विचार बदल लिया लेकिन रामू ने कहा जब यहा तक आ गये है तो हमे अब पीछे नही मुड़ना चाहिए, और फिर सबके मना करने के बावजूद वह बॉस से आम के टहनियों पर मारने लगा…
और इतने में अचानक से उसके बॉस से उस मधुमक्खी का छत्ते में जा लगा तो उसके सभी दोस्त वहां से तुरंत भाग लिए.
लेकिन जब तक रामू बॉस संभालता इतने में मधुमक्खीयो ने उसके ऊपर हमला कर दिया बेचारा रामू किसी तरह बॉस को सँभालते हुए उसे छोड़कर वहां से भागा लेकिन इतने वक़्त में उसको ढेर सारी मधुमक्खीयो ने उसे लहूलुहान कर दिया था.
और फिर जब वह किसी तरह अपने गाव में पंहुचा तो लोगो ने तुंरत उसे डॉक्टर के पास ले गये और फिर किसी तरह उसकी जान बची.
फिर इसके बाद सबके पूछने पर उसने सारी बात बता दी और सबके सामने हाथ जोड़कर वादा किया की वह कभी भी कोई भी शरारत नही करेगा अब वह अच्छा बनकर रहेगा, इसके बाद उस दिन से रामू सुधर गया और शैतान बच्चे से अच्छा बन गया.
तो जैसा की सभी जानते है की सभी बच्चो को शरारते करना अच्छा भी लगता है लेकिन शरारते उतनी ही अच्छी है जितना की हम सुरक्षित रहे और जब इन शरारतो से हमारे जान जोखिम में पड़ जाए या किसी का नुकसान हो जाए तो यही शरारते बहुत ही महगी पड़ जाती है.
इसलिए जब कोई भी ऐसा कोई शरारत करे तो उसे हमे समझाना जरुर चाहिए और यदि फिर भी न माने तो इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताएँगे तो बच्चे जरुर समझ जायेगे फिर कभी शरारत नही करेगे.
कहानी से शिक्षा – शरारते उतनी ही अच्छी है जितना की हसी आये यदि इन्ही शरारतो से किसी भी नुकसान हो तो वे शरारते हम पर भारी पड़ जाती है…
तो आपको यह छोटी सी Hindi Kahani कैसा लगा Comment Box में जरुर बताये. और इसे शेयर भी जरुर करे .
इन कहानियो को भी पढ़े :-
- आँखों को खोल देने वाली जीवन में समय के महत्व की कहानी
- आत्मविश्वास और मेहनत का फल Moral Hindi Story
- आत्मसम्मान की भावना एक अच्छी कहानी Self Respect Hindi Kahani
- ईमानदारी का फल स्टोरी इन हिंदी Imandari Ka Phal Story in Hindi
- एक गरीब किसान की कहानी Moral Hindi Story
- एकता में शक्ति Kahani