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जंगल के राजा शेर की दो अद्भुत कहानियाँ – Sher Ki Kahani Lion Moral Stories In Hindi

Sher Ki Kahani Lion Moral Stories In Hindi

शेर की 2 कहानियाँ

Sher Ki Kahani – जानवरों में सबसे ताकतवर शेर को माना जाता है जिस कारण से शेर को जंगल का राजा कहा जाता है, और दादी, नानी से शेर के ढेर सारी किस्सों, कहानियो को सुनने को मिलता है, तो चलिए बचपन की इन कहानियो के पिटारे से जंगल के राजा शेर की कहानी यहाँ शेयर कर रहे है, जिनसे आप इन Sher Ki Kahani Hindi Mein से अच्छी सीख ले सकते है.

शेर और घमंडी सियार की कहानी

Sher Siyar Ki Kahani Lion Jackal Moral Stories In Hindi

वर्षों पहले घने जंगलों में एक बलिष्ठ शेर रहा करता था. वो रोज़ शिकार करके अपना पेट भरता था. एक दिन वह एक भैंसे का शिकार और भक्षण कर अपनी गुफा को लौट रहा था कि तभी रास्ते में उसे एक मरियल-सा सियार मिला. सियार ने उसे लेटकर दण्डवत् प्रणाम किया.

Sher Ki Kahaniशेर बड़ा हैरान हुआ. जब शेर ने उससे ऐसा करने का कारण पूछा तो उसने कहा, “आप राजा हैं और बहुत ही बलशाली हैं. मैं आपका सेवक बनना चाहता हूं, कुपया मुझे आप अपनी शरण में ले लें. मैं आपकी सेवा करूंगा और आपके द्वारा छोड़े गये शिकार से अपना गुजर-बसर कर लूंगा.’

शेर उसकी बातों से खुश हुआ और उसने सियार की बातों पर भरोसा करके उसकी बात मान ली और उससे दोस्ती करके उसे मित्रवत अपनी शरण में रखा. कुछ ही दिनों में शेर द्वारा छोड़े गये शिकार को खा-खा कर वह सियार बहुत ही तगड़ा और मोटा हो गया.

Sher Ki Kahani Lion Moral Stories In Hindi | Sher Ki Kahani Hindi

सियार रोज़ शेर की शक्ति को देखता और प्रतिदिन सिंह के पराक्रम को देख-देख वो खुद को भी शक्तिशाली समझने लगा. उसने भी स्वयं को सिंह का प्रतिरुप मान लिया.

एक दिन उसने सिंह से कहा, ‘दोस्त मैं भी अब तुम्हारी तरह शक्तिशाली हो गया हूं और आज मैं एक हाथी का शिकार करुंगा और उसका भक्षण करुंगा और उसके बचे-खुचे मांस को तुम्हारे लिए छोड़ दूंगा.’

शेर उस सियार को अपना दोस्त समझता था, इसलिए उसने उसकी बातों का बुरा नहीं माना, लेकिन सियार को समझाया ज़रूर कि वो ऐसी गलती न करे. उसे हाथी के शिकार से रोका. पर वो सियार बहुत ही घमंडी बन चुका था. वो अपने ही भ्रम में जी रहा था.

वह घमंडी सियार सिंह के परामर्श को अस्वीकार करता हुआ पहाड़ की चोटी पर जा खड़ा हुआ.  वहां से उसने नज़रें दौड़ाई तो पहाड़ के नीचे हाथियों के एक समूह को देखा.

उनको देखते ही वो तीन बार आवाजें लगा कर एक बड़े हाथी के ऊपर कूद पड़ा, किन्तु हाथी के सिर के ऊपर न गिर वह उसके पैरों पर जा गिरा और हाथी अपनी मस्तानी चाल से अपना अगला पैर उसके सिर के ऊपर रख आगे बढ़ गया. क्षण भर में सियार का सिर चकनाचूर हो गया. सियार उसी वक़्त मर गया.

पहाड़ के ऊपर से शेर सब कुछ देख रहा था. सियार की सारी हरकतें देखकर उसने मन ही मन सोचा कि यदि सियार अपनी वास्तविक स्थिति को नही भूलता तो आज उसकी ऐसे दुर्गति नही होती,

कहानी से शिक्षा :- इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है की हमे अपना वास्तविक स्वरूप कभी नही भूलना चाहिए और कभी भी घमंड में आकर कोई ऐसा कदम भी नही उठाना चाहिए, जिससे की हमारी दुर्गति हो जाए.

शेर और चालाक खरगोश की कहानी

Khargosh Aur Sher Ki Kahani Lion Moral Stories In Hindi

किसी जंगल में एक शेर रहता था| वह हमेशा जंगल में रहने वाले जानवरों को मारकर खा जाता था| इस कारण जंगल के सभी जीव जंतुओं को शेर से बहुत डर लगता था|

एक बार सभी जानवरों ने मिलकर शेर के साथ समझौता कर लिया कि रोजाना एक पशु शेर के भोजन के लिए स्वयं उसके पास चला आएगा| शेर यह बात मान गया| उस दिन से रोज एक जानवर अपनी बारी से शेर के पास पहुंच जाता और दूसरे जानवर बिना डर के जंगल में घूमते|

Khargosh aur sher ki kahani Moral Stories In Hindiएक बार खरगोश की बारी आई| वह धीरे-धीरे शेर के पास जा ही रहा था कि अचानक रास्ते में उसे एक तरकीब सूझी| वह बहुत देर करके शेर के पास पहुंचा| शेर भूखा होने के कारण बेचैन अपनी गुफा के बाहर चक्कर लगा रहा था| खरगोश को देखते ही शेर गरजा और बोला:-” अरे खरगोश! तुम इतनी देर से क्यों आए हो? भूख से मेरी जान निकली जा रही है|”

खरगोश बोला:-” महाराज! क्या बताऊं, हम पांच भाई आपकी सेवा के लिए आ ही रहे थे, परंतु रास्ते में एक दूसरा शेर मिल गया| वह बोला कि वह जंगल का राजा है| उसने हम पर हमला कर दिया और मेरे भाइयों को खा गया| महाराज, मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर आपको यह संदेश देने पहुंचा हूं|”

यह बात सुनकर शेर बहुत क्रोधित हुआ और बोला:-“कहां है वह दुष्ट, जो अपने आप को राजा बता रहा है| मुझे दिखाओ, मैं अभी उसका काम तमाम करता हूं|”

खरगोश, शेर को कुएं के पास ले गया| जब शेर ने कुएं में झांका तो उसे अपनी ही परछाई दिखाई दी| उसे दूसरा शेर समझ कर वह जोर से गरजा और क्रोधित होकर उस कुएं के अंदर छलांग लगा दी| परंतु उस कुँए के अंदर कोई दूसरा शेर था ही नहीं| वहां तो केवल जल ही जल था|

बाहर निकलने का कोई रास्ता भी नहीं था| शेर बहुत देर तक पानी के अंदर ही छटपटाता रहा और डूब कर वहीं मर गया| इस प्रकार नन्हे खरगोश ने अपनी चतुराई से अपनी तथा अन्य साथियों की जान बचाई..

कहानी से शिक्षा :- इस कहानी से हमे यही शिक्षा मिलती है की यदि बुद्धि से काम करे तो बड़े से बड़े दुःख और विपत्ति का सामना बहुत ही आसानी से कर सकते है, इसलिए हमे हमेसा बुद्धि से काम लेना चाहिए.

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