The Greedy Mouse Inspirational Stories In Hindi
लालची चूहे की कहानी
लालच करना बुरी बात है और जो लोग लालच करते है अक्सर वे खुद से अपने लिए मुसीबत मोल ले लेते है, इसलिए हमे कभी भी लालच नही करना चाहिए, और हम अपनों को भी अक्सर यही सलाह देते है की लालच नही करना चाहिए और हमे जितना मिलता है उसमे ही संतोष करना चाहिए,
तो चलिए लालच बुरी बला जैसी सोच पर आधारित इस लालची चूहे की कहानी को जानते है जिस कहानी से हम एक अच्छी शिक्षा ले सकते है.
लालची चूहे की कहानी
Inspirational Stories In Hindi
Lalchi Chuhe Ki Kahani – एकबार एक लालची चूहे ने मकई से भरी टोकरी देखी। जिसे देखकर उसके मन में लालच आ गया और वह सभी मकई खाना चाहता था इसलिए उसने टोकरी में एक छोटा सा छेद बनाया। वह छेद के माध्यम से वह मकई के बोरे में नीचे घुस गया और जब तक उसका पेट खाली था तब तक उसने बहुत सारा मक्का खाया और बहुत खुश था।
चुकी ढेर सारा मकई खाने के बाद उसका पेट भर चुका था तो अब वह बोरे से बाहर आना चाहता था। उसने छोटे छेद के माध्यम से बाहर आने की कोशिश की। लेकिन वह सफल नही हुआ क्योकि उसका पेट भरा हुआ था। और ऊपर से मकई के दानो से वह दब चुका था, फिर उसने कई कई बार कोशिश की। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
और अंत में चूहा रोने लगा। एक खरगोश पास से गुजर रहा था। इसने चूहे का रोना सुना और पूछा, “तुम रो क्यों रहे हो, मेरे दोस्त?”
चूहे ने समझाया, “मैंने इस बोरी में एक छोटा सा छेद बनाया और टोकरी में मकई खाने के लिए अंदर आ गया और अब मैं उस छेद से नहीं निकल पा रहा हूं।
तब खरगोश ने कहा, “यह इसलिए है क्योंकि तुमने बहुत खाया। अपने पेट के सिकुड़ने तक प्रतीक्षा करें। ”खरगोश हँसा और चला गया। चूहा टोकरी में सो गया। अगली सुबह उसका पेट सिकुड़ गया था। लेकिन उसे फिर से भूख लग गयी थी फिर वह कुछ और मकई खाना चाहता था। भूख के मारे वह टोकरी से बाहर निकलने के बारे में सब भूल गया। इसलिए उसने मक्का खाया और उसका पेट फिर से बड़ा हो गया।
भरपेट खाने के बाद, चूहे को याद आया कि उसे बचना है। जिसके लिए उसे बोरे से बाहर निकलना है लेकिन पेट फूल जाने से फिर से वह बाहर नही जा सकता था तो उसने सोचा, “ओह! अब मैं कल बाहर जाऊंगा। ”
फिर कुछ समय बाद वहा से एक बिल्ली गुजरी जिसे चूहे की सुगंध से वही रुक गयी और चूहे को मौका देखकर मार डाला। और फिर वही उस चूहे को चूहे को खा लिया। और इस प्रकार अत्यधिक लालच के चलते चूहा उस बोरे से बाहर भी नही निकल पाया और अपना जान भी गवा दिया.
कहानी से शिक्षा :- लालची होना हमारा स्वाभाविक प्रकृति हो सकता है लेकिन कभी भी हमे लालच नही करना चाहिए क्युकी लालच हमेसा बुरी स्थिति ही लाती है जो की खुद के लिए मुसीबत का कारण बन जाता है इसलिए जैसा की कहा भी गया है लालच करना पाप है इसलिए इस कहानी से हमे यही शिक्षा मिलती है की कभी भी लालच नही करना चाहिए.
इन कहानी को भी पढ़िए :-
- लालच का फल
- एकता में शक्ति Kahani
- जीवन का लक्ष्य एक अच्छी कहानी
- विश्वास और भरोसे की कहानी
- सच्ची दोस्ती की पौराणिक कहानिया
- मुसीबत का सामना कहानी