HomeAnmol Vachanरवीन्द्रनाथ टैगोर के प्रेरणादायक अनमोल विचार

रवीन्द्रनाथ टैगोर के प्रेरणादायक अनमोल विचार

Rabindranath Tagore 40 Quotes In Hindi

रवीन्द्रनाथ टैगोर के प्रेरणादायक अनमोल विचार

जन गण मन अधिनायक जय है जैसे देशभक्ति से परिपूर्ण राष्ट्रगान के रचयिता हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा के स्रोत्र है अपने अद्भुत साहित्यिक कृति के जरिये रवीन्द्रनाथ टैगोर का सभी भारतीय आमजन मानस के ऊपर अमिट छाप है रवीन्द्रनाथ टैगोर एक ऐसे साहित्यिक रचियता है जिन्होंने भारत ही वरन बांग्लादेश के राष्ट्रीय गीत “आमार सोनार बांग्ला” के भी रचियता है रवीन्द्रनाथ टैगोर के बहुमुखी प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की महात्मा गाँधी जी ने इन्हें “गुरुदेव” की उपाधि से सम्बोधित किया था और सन 1913 में अपने साहित्यिक काव्यकृति “गीतांजली” के जरिये इन्हें नोबल पुरष्कार दिया गया था इस तरह रवीन्द्रनाथ टैगोर साहित्यिक क्षेत्र में नोबेल पुरष्कार प्राप्त करने वाले एशिया के पहले नागरिक भी है

तो चलिए आज हम सभी 7 मई 1861 को जन्मे इस महान साहित्यिक रवीन्द्रनाथ टैगोर के अनमोल विचारो को जानते है जिनसे हम सभी भारतीय प्रेरणा लेते हुए देशभक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ सकते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर के प्रेरित करते अनमोल विचार

Rabindranath Tagore Top Quotes Anmol Vichar in Hindi

rabindranath tagore image

Anmol Vichar: – 1

मिट्टी से मुक्त हो जाना पेड़ के लिए आजादी नही होती

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -2

यदि आप गलतियों के लिए अपने दरवाजे बंद करते है तो सत्य अपने आप बाहर आ जायेगा

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -3

फूल को तोड़कर आप उनकी खूबसूरती को इक्कठा नही कर सकते

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -4

जो दुसरो की भलाई के लिए हमेसा व्यस्त रहते है वे अक्सर अपने लिए समय नही निकाल पाते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -5

उच्च शिक्षा के जरिये सिर्फ जानकारी ही नही प्राप्त कर सकते है बल्कि जीवन कैसे आसान हो और कैसे सफल बने इसका मार्ग प्रशस्त्र करती है.

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -6

कर्म करते हुए हमेसा आगे बढ़ते रहिये और फल के लिए व्यर्थ चिंता नही करिए और किया हुआ परिश्रम कभी व्यर्थ नही जाता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -7

हम हमेसा यह प्रार्थना ना करे की हमारे ऊपर कभी भी किसी प्रकार की कोई बाधा या दिक्कत आये बल्कि हमे ईश्वर से यही प्रार्थना करे की हम उन दुखो का निडरता से उनका सामना करे

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -8

हमें आजादी तभी मिलती है जब हम इसकी कीमत चुका देते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -9

प्रसन्न रहना सरल है लेकिन सरल रहना यह बहुत ही कठिन है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -10

खड़े होकर सिर्फ समुद्र के पानी को देखने से आप समुंद्र पार नही करते है इसके लिए हमे खुद को आगे बढ़ाना है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -11

मनुष्य की सेवा भी ईश्वर की सेवा है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -12    

तथ्य अनेक हो सकते है लेकिन सच्चाई हमेसा एक ही होती है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -13

कला के जरिये व्यक्ति खुद की पहचान उजागर करता है वस्तुओ की नही

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -14

आस्था वह पक्षी है जो अँधेरे में भी उजाले की शक्ति महसूस करती है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -15

प्रत्येक शिशु जन्म लेकर यही संदेश लेकर आता है की ईश्वर अभी भी मनुष्यों से निराश नही हुआ है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -16

मित्रता की गहराई सिर्फ उसके परिचय पर निर्भर नही करती है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -17

फूल भले ही अकेला होता है लेकिन काँटों से कभी भी इर्ष्या नही करता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -18

मूर्ति का टूटकर धूल में मिल जाना यह दिखलाता है ईश्वर के धूल की कीमत आपके मूर्ति से कही अधिक है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -19

हम दुनिया में तभी जीते है जब दुनिया से प्रेम करते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -20

जब खुद पर हसता हु तो मेरे ऊपर का बोझ कम हो जाता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -21

यदि आप कठिनाई से मुह मोडकर भागते है तो यही स्वप्न बनकर आपके नीद में बाधा डालती है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -22

किसी बच्चे की शिक्षा सिर्फ अपने समय तक मत रखिये क्युकी उसका जन्मकाल और आपका जन्मकाल दोनों में बहुत अंतर है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -23

पृथ्वी द्वारा स्वर्ग से बातचीत करने का माध्यम होते है ये पेड़

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -24

तितली महीने नही बल्कि प्रति क्षण की गिनती करती है जिसके कारण उसके पास पर्याप्त समय होता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -25

हम महानता के सबसे नजदीक तब होते है जब हम विनम्र होते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -26

मौत प्रकाश को खत्म नही करता बल्कि यह दिखलाता है सुबह हो गयी है अब दीपक बुझाना है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -27

प्रेम का स्वप्न आने के बाद भी आप की नीद नही खुलती तो आपका जीवन धिक्कार है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -28

जो पत्तियों से वृक्ष लदा होता है उसमे फल मुश्किल से ही आते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -29

जीवन हमे ईश्वर द्वारा दिया गया है जिसे हम कमाते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -30

प्रेम कभी भी अधिकार नही जताता है बल्कि यह जीने की स्वतंत्रता देता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -31

संगीत दो आत्माओ के बीच की दुरी को खत्म कर देता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -32

उपदेश देना तो बहुत आसान है लेकिन उपाय बताना बहुत ही कठिन

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -33

जो कुछ भी हमारा होता है वह हमारे पास जरुर आता है क्युकी हम उसे ग्रहण करने की क्षमता रखते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -34

जो मन की पीड़ा को दुसरो से नही बता पाते उन्हें ही गुस्सा सबसे अधिक आता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -35

जिस तरह घोसला सोते हुए पक्षी को आश्रय देता है ठीक उसी तरह मौन हमारी वाणी को आश्रय देता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -36

विद्यालय वह कारखाने है जिनमे महापुरुषों का निर्माण होता है जिनमे अध्यापक कारीगर होते है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -37

बर्तन में रखा पानी चमकता है जबकि समुद्र का पानी अस्पष्ट होता है यानी छोटे सत्य तो आसानी से बताये जा सकते है जबकि महान सदैव मौन ही रहता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -38

ईश्वर भले ही बड़े बड़े साम्राज्य से उब जाता है लेकिन छोटे छोटे फूलो से कभी रुष्ट नही होता है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -39

धूल अपना अपमान सहने की क्षमता रखती है और बदले में फूलो का उपहार देती है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

Anmol Vichar: -40

यदि हमारे अंदर प्रेम नही हो तो यह दुनिया हमे कारागार ही लगती है

रवीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

तो आप सभी को रवीन्द्रनाथ टैगोर के प्रेरणादायक अनमोल विचार कैसे लगे कमेंट में जरुर बताये और इन पोस्ट को भी शेयर भी जरुर करे.

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