HomeFestivalमहाशिवरात्रि पर निबंध | Mahashivratri Essay Shivratri Story In Hindi

महाशिवरात्रि पर निबंध | Mahashivratri Essay Shivratri Story In Hindi

महाशिवरात्रि पर्व हिन्दुओ का एक प्रमुख पर्व एंव त्यौहार है जो की हिन्दू धर्म पंचांग (Calendar) के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष में चतुर्दर्शी के दिन मनाया जाता है और हिन्दू धर्म के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही हिदू देवताओ के ईष्टदेव भगवान् शिव का माता पार्वती के संग विवाह हुआ था, तो चलिए महाशिवरात्रि पर्व पर हिन्दी निबन्ध जानते है.

महाशिवरात्रि का त्यौहार | महाशिवरात्रि 2023 पर्व पर निबंध

Mahashivratri Essay in Hindi | Mahashivratri Festival Katha Story in Hindi

Mahashivratriऐसी भी मान्यता है की इसी दिन समुद्र मंथन में निकले हलाहल विष निकला था जिससे विष के प्रभाव से सम्पूर्ण जगत में त्राहि त्राहि मच गयी थी तो फिर इस विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण किया था जिसके कारण भगवन शिव का कंठ नीला पड़ गया जिसके कारण भगवान शिव के ऊपर विष का प्रभाव कम करने के लिए इस दिन विशेष रूप से जल चढ़ाया जाता है जिससे भगवान शिव के ऊपर विष का प्रभाव न पड़े और तभी से भगवान शिव का नाम नीलकंठ पड़ गया था,

महाशिवरात्रि पर्व को लेकर अनेक कथाये और धार्मिक किवंदतीया मौजूद है तो आईये जानते है की महाशिवरात्रि | MahaShivratri का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, महाशिवरात्रि पर्व पर हिन्दी निबन्ध जानते है.

महाशिवरात्रि पर्व निबंध

MahaShivratri Festival

Mahashivratri

महाशिवरात्रि हिन्दुओ का एक प्रमुख पर्व है इस दिन हिन्दू धार्मिक मान्यताओ के अनुसार भगवान शिव का विवाह जगत जननी माता पार्वती के साथ हुआ था जिसके उपलक्ष्य में हर साल बड़े धूमधाम से यह पर्व मनाया जाता है और इस दिन स्नान, विधि विधान से पूजापाठ करके भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है और और सभी भगवान शिव से मंगल कामना करते है.

महाशिवरात्रि कथा 

MahaShivratri Katha Story in Hindi

हिन्दू धार्मिक मान्यताओ के अनुसार भगवान शिव बहुत ही करुण हृदय के है और वे अपने भक्तो से बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते है एक बार की बात है एक चित्रभानु नाम का एक शिकारी था जो जंगलो में जानवरों का शिकार करता था और फिर उसी जीविकापार्जन से अपने परिवार का पेट पालता था लेकिन उसे अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए एक व्यापारी से उधार लेना पड़ा था.

लेकिन समय रहते चित्रभानु अपने ऋण को नही चूका पाया तो व्यापारी बहुत ही क्रोधित होकर चित्रभानु को अपने यहाँ बंदी बना लिया और फिर कुछ समय बीतने के बाद जल्द ही ऋण चुकता कर देने वादे के साथ व्यापारी ने चित्रभानु को कैद से आजाद कर दिया फिर वह शिकारी अपने शिकार की तलाश में सीधा जंगल की तरफ गया और एक तालाब के समीप जल लेकर वह पेड़ की ऊची टहनियों पर बैठ गया और फिर जानवरों के तालाब में पानी पीने के आने का इंतजार करने लगा.

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संयोग से उस दिन चित्रभानु पूरे दिन भूखा प्यासा था और जिस पेड़ पर बैठा था वह बेल पत्र का पेड़ था और उस पेड़ के नीचे भगवान शिव का शिवलिंग था जो की पत्तियों से ढक गया था इस प्रकार चित्रभानु जब पेड़ पर बैठा था तो उसके हाथ से कुछ जल नीचे शिवलिंग पर भी गिरा और फिर जानवरों के इंतजार में वह कई बेलपत्रो को तोड़कर नीचे फेकता जो की शिवलिंग पर जाकर गिरती इस प्रकार जाने अनजाने में चित्रभानु से भगवान शिव का पूजा हो गयी जिसके कारण चित्रभानु का हृदय परिवर्तन हो गया था.

इस प्रकार कोई भी जानवर वहा आता तो दयावश चित्रभानु उन्हें छोड़ देता और प्रक्रिया पूरी रात चलती रही और सभी आये जानवरों को उनके प्राण लेने की अपेक्षा उनके जीवन दान दे दिया इस प्रकार जब पूरी रात बीत गया तो भगवान शिव चित्रभानु के इस हृदय परिवर्तन से बहुत ही खुश हुए और फिर भगवान शिव तुरंत प्रकट होकर चित्रभानु को दर्शन दिए और कैसे चित्रभानु ने भगवान शिव को प्रसन्न किया पूरी बात बताई,

और फिर चित्रभानु को हमेशा दयालु बने रहने का वरदान दिया इस प्रकार यदि कोई भी भगवान शिव के प्रभाव में आता है वह चाहे कितना क्रूर ही क्यों न हो उसका हृदय परिवर्तन होकर दयालु हो जाता है.

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महाशिवरात्रि कैसे मनाया जाता है

MahaShivratri Kaise Manaye | How to Celebrate Mahashivratri in Hindi

हिन्दू धर्म में हर त्योहारों के पीछे मनाने का कोई न कोई धार्मिक कारण जरुर होता है और सभी त्यौहार हिन्दू देवी देवताओ के पाठ पूजन से भी जुदा होता है तो हिन्दू धर्म के हर त्यौहार बहुत ही धार्मिक भावना से मनाया जाता है चूकी महाशिवरात्रि | MahaShivratri का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से जुड़ा हुआ है तो इस दिन जगहों जगह पर शिव पार्वती विवाह का उत्सव मनाया जाता है.

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और जगह जगह शिव पार्वती विवाह की झाकी भी निकाली भी जाती है और लोग इस दिन लोग सुबह सुबह नदियों में स्नान करके पूरे दिन उपवास और व्रत रखते है और भगवान् शिव के मंदिरों में शिवलिंग के ऊपर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाये जाते है और पूरा भारत इस दिन शिवमय हो जाता है,

मंदिरों में हर हर महादेव के नारे और घंटो की गूंज दूर दूर तक सुनाई देता है पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है और इस दिन हर भारतीय अविवाहित युवती अच्छे वर की कामना से इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत रखती है तो विवाहित महिलाये अपने पति और परिवार की सुख समृद्धि की कामना करती है.

तो आप सभी को महाशिवरात्रि | MahaShivratri पर दी गयी ये जानकारी कैसा लगा प्लीज हमे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये और इस पोस्ट को शेयर भी जरुर करे.

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