HomeHindi Storiesकुम्हार और मिट्टी के बर्तन की कहानी - Mitti Ke Bartan Short...

कुम्हार और मिट्टी के बर्तन की कहानी – Mitti Ke Bartan Short Moral Story In Hindi

Mitti Ke Bartan Short Moral Story In Hindi

कुम्हार और मिट्टी के बरतन की कहानी

जीवन में अच्छा बनने के लिए अच्छे गुणों का खुद में होना बहुत ही आवश्यक है, ऐसे में यदि में आप अच्छे गुणों और आदतों का अनुसरण करते है, तो निश्चित ही अच्छा बन सकते है, तो ऐसे में आज इस पोस्ट में कुम्हार के पात्र एक ऐसी Short Moral Story बताने जा रहे है, जिसमे इस कहानी से काफी कुछ सीख सकते है और खुद को अच्छा बना सकते है, तो चलिए इस हिन्दी Short Moral Story कुम्हार के पात्र को अब नीचे पढ़ते है.

अच्छे गुणों की तारीफ एक शिक्षाप्रद कहानी | गुणों की परख एक शिक्षाप्रद कहानी

Short Moral Story

एक कुम्हार दिन भर मेहनत करके दूर दूर से अच्छे मिट्टी इकठ्ठा करता था फिर उन मिट्टियों से अच्छे अच्छे मिट्टियों के बर्तन बनाता था जिनमे घड़े और हुक्के भी हुआ करते थे कुम्हार के घड़े काफी सुंदर और टिकाऊ होते थे और उसमे रखे पानी भी काफी शीतल होती थी जिसके कारण लोग पानी पीकर संतुष्ट रहते थे जिसके कारण कुम्हार के घडो की बिक्री खूब होती थी इसके विपरीत कुम्हार के तम्बाकू पीने वाले हुक्के को बहुत ही कम ही लोग खरीदते थे.

short hindi stories

जिसके कारण कुम्हार के हुक्के घडो की इतनी तारीफ सुनकर मन ही मन घड़ो से जलते थे और एक दिन हुक्के ने उन घड़ो से पूछ ही लिया की भाई तुम भी मिट्टी के बने हो तुम्हे भी अग्नि में पकाया जाता है और जितना बनाने में तुम्हे मेहनत लगता है उतना हमे बनाने में भी मेहनत लगता है फिर भी तुम घड़ो की इतनी तारीफ क्यू लोग करते है.

तो यह बात सुनकर घड़े मन ही मन मुस्कुराये और हुक्को से बोले देखो भाई हम सब एक ही मिट्टी से बने है और हम सबको एक ही इन्सान ने बनाया है और हमारी परवरिश भी लगभग एक जैसी होती है फिर भी हम घड़ो को लोग इसलिए लोग ज्यादा तारीफ करते है क्यूकी हमारे अंदर और तुम्हारे अंदर के गुण एकदम अलग अलग है,

जहा एक तरफ अपने अंदर पानी रखने से शीतल हो जाते है और लोगो को शीतल जल मिलने से लोग सुख का अनुभव करते है जबकि तुम्हारे अंदर आग और धुए का भंडार रहता है जो की कही न कही लोगो को अंदर से जलाता है और जो लोग समझदार होते है वो खुद को बर्बाद करने वाली चीज कभी नही खरीदते है.

इसलिए हम घड़ो की तारीफ हमारी बनावट नही बल्कि हमारे अंदर मौजूद गुणों के कारण होती है यह बात सुनकर उन हुक्को को अपने अंदर छिपे हुए गुणों का पता चल गया और फिर उसके बाद से उन घड़ो से जलना बंद कर दिया,

प्रेरणादायक शिक्षा | Moral Teach

यह एक छोटी सी कहानी हमे यही सिखालती है की हम सभी इंसानों की बनावट और कायाकल्प एक ही मिट्टी से हुई है जिसको एक ही ईश्वर ने सबको बनाया है लेकिन हम सभी के अंदर अलग अलग गुण मौजूद है जो यही गुण हमे महान बनाती है अर्थात जो इन्सान जितना लोगो को अधिक शीतलता और दुसरो के सुख के काम आता है सब लोग ऐसे ही इंसानों की तारीफ करते है इस कहानी का मूलमंत्र यही है इन्सान अपने रूप और बनावट से तारीफ के काबिल नही होता है वरन इन्सान के अंदर मौजूद अच्छे गुण ही उसे लोगो के तारीफ के काबिल बनाती है.

जैसा की कहा भी गया है :-

गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढि गढि काढैं खोट।

अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।

कबीर दास जी के दोहे हिन्दी में Kabir Ke Dohe in Hindi

कुछ और प्रेरित करने वाली इन हिंदी कहानियो को भी पढ़े:-

शेयर करे

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here