Teen Sadhu Motivational Hindi Kahani
तीन साधू की कहानी
आज के समय किसी भी इंसान से पूछा जाय की सबसे बड़ी जरूरत क्या है, तो हर किसी का यही जवाब होगा की उसे या खूब सारे धन की भूख होगी या फिर उसे जल्दी से सफलता पाना चाहता है, लेकिन कोई भी इनसे परे प्रेम और आनंद की प्राप्ति की कामना नहीं करता है, तो चलिये आज इसी सोच पर आधारित तीन साधू की कहानी Teen Sadhu Motivational Hindi Kahani बताने जा रहे है, जो की हमे जीवन की वास्तविक सच्चाई को बताता है,
तीन साधू की कहानी
Teen Sadhu Motivational Hindi Kahani
एक बार की बात है, एक औरत अपने घर से निकली, उसने घर के सामने सफ़ेद लम्बी दाढ़ी में तीन साधू-महात्माओं को बैठे देखा। वह उन्हें पहचान नही पायी।
उसने कहा, “मैं आप लोगों को नहीं पहचानती, बताइए क्या काम है?”
“हमें भोजन करना है।”, साधुओं ने बोला।
“ठीक है ! कृपया मेरे घर में पधारिये और भोजन ग्रहण कीजिये।”
“क्या तुम्हारा पति घर में है ?”, एक साधू ने प्रश्न किया।
“नहीं, वह कुछ देर के लिए बाहर गए हैं।” औरत ने उत्तर दिया।
“तब हम अन्दर नहीं आ सकते “, तीनो एक साथ बोले।
थोड़ी देर में पति घर वापस आ गया, उसे साधुओं के बारे में पता चला तो उसने तुरंत अपनी पत्नी से उन्हें पुन: आमंत्रित करने के लिए कहा। औरत ने ऐसा ही किया, वह साधुओं के समक्ष गयी और बोली,” जी, अब मेरे पति वापस आ गए हैं, कृपया आप लोग घर में प्रवेश करिए!”
“हम किसी घर में एक साथ प्रवेश नहीं करते।” साधुओं ने स्त्री को बताया।
“ऐसा क्यों है?” औरत ने अचरज से पूछा।
जवाब में मध्य में खड़े साधू ने बोला,” पुत्री मेरी दायीं तरफ खड़े साधू का नाम ‘धन’ और बायीं तरफ खड़े साधू का नाम ‘सफलता’ है, और मेरा नाम ‘प्रेम’ है। अब जाओ और अपने पति से विचार-विमर्श कर के बताओ की तुम हम तीनो में से किसे बुलाना चाहती हो।”
औरत अन्दर गयी और अपने पति से सारी बात बता दी। पति बेहद खुश हो गया। “वाह, आनंद आ गया, चलो जल्दी से ‘धन’ को बुला लेते हैं, उसके आने से हमारा घर धन-दौलत से भर जाएगा, और फिर कभी पैसों की कमी नहीं होगी।”
औरत बोली, “क्यों न हम सफलता को बुला लें, उसके आने से हम जो करेंगे वो सही होगा, और हम देखते-देखते धन-दौलत के मालिक भी बन जायेंगे।”
“हम्म, तुम्हारी बात भी सही है, पर इसमें मेहनत करनी पड़ेगी, मुझे तो लगता ही धन को ही बुला लेते हैं।”, पति बोला।
थोड़ी देर उनकी बहस चलती रही पर वो किसी निश्चय पर नहीं पहुच पाए, और अंतत: निश्चय किया कि वह साधुओं से यह कहेंगे कि धन और सफलता में जो आना चाहे आ जाये।
औरत झट से बाहर गयी और उसने यह आग्रह साधुओं के सामने दोहरा दिया।
उसकी बात सुनकर साधुओं ने एक दूसरे की तरफ देखा और बिना कुछ कहे घर से दूर जाने लगे।
“अरे! आप लोग इस तरह वापस क्यों जा रहे हैं ?”, औरत ने उन्हें रोकते हुए पूछा।
“पुत्री, दरअसल हम तीनो साधू इसी तरह द्वार-द्वार जाते हैं, और हर घर में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं, जो व्यक्ति लालच में आकर धन या सफलता को बुलाता है हम वहां से लौट जाते हैं, और जो अपने घर में प्रेम का वास चाहता है उसके यहाँ बारी- बारी से हम दोनों भी प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए इतना याद रखना कि जहाँ प्रेम है वहां धन और सफलता की कमी नहीं होती।”, ऐसा कहते हुए धन और सफलता नामक साधुओं ने अपनी बात पूर्ण की।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमे यही शिक्षा मिलती है की यदि इंसान लालची न होकर निस्वार्थ भाव से दूसरों के हित और आनंद की कामना करता है, तो निश्चित ही उसे जीवन की वास्तविक सुख की प्राप्ति होती है, सच्चा सुख आनंद मे ही मिलता है, वो कहते है ना आनंद का सुख तो उस झोपड़ी मे मिल जाता है, जहा लोग एक दूसरे के साथ प्रेम के साथ निवास करते है, और ऐसा सुख तो बड़े बड़े महलो के समान बंगलो मे भी नही मिल पाता है, क्यूकी वहा घर तो बड़ा हो जाता है, लेकिन दिल छोटा होता है, जिस कारण से वहा प्रेम और आनंद का निवास नही होता है।
तो आप सभी को यह कहानी बड़ा बनने के लिए तीन साधू की कहानी (Teen Sadhu Motivational Hindi Kahani) कैसा लगा, कमेंट बॉक्स मे जरूर बताए और इस कहानी को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे,
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