Essay On Saraswati Puja In 100 Words In Hindi
सरस्वती पूजा पर निबंध 2024
वैसे तो भारत देश में अनेको धर्म के अनेक त्यौहार मनाये जाते है उनमे से हिन्दू धर्म में वसंत पंचमी यानी माँ सरस्वती पूजा का भी विशेष महत्व है हिन्दू धर्म में माँ सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है तो स्वाभाविक है की इस सभी पढने वाले विद्यार्थी माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते है और माँ सरस्वती की पूजा बसंत ऋतू के पाचवे दिन यानी पंचमी को पढता है तो इसे वसंत पंचमी पूजा | Vasant Panchami Puja | Saraswati Puja भी कहा जाता है,
तो आईये जानते है माँ सरस्वती की पूजा के दिन यानी वसंत पंचमी पूजा | Saraswati Puja के बारे में विशेष जानकारी और इसके महत्व के बारे में.
वसंत पंचमी सरस्वती पूजा पर निबन्ध
Essay on Vasant Panchami Puja Saraswati Puja in Hindi
Saraswati Puja – वसंत पंचमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार | Festival है इस दिन विद्या की आराध्य देवी माँ सरस्वती की पूजा | Maa Saraswati की पूजा की जाती है पूरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहा पर 6 ऋतुये पाई जाती है जिन्हें हम बसंत ऋतु , ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु , शरद ऋतु, हेमन्त ऋतु और शिशिर ऋतु अर्थात पतझड़ के नाम से जानते है जिनमे बसंत ऋतु का मौसम काफी सुहावना माना जाता है और बसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा यानी ऋतुराज भी कहा जाता है,
क्यूकी इस मौसम में पूरी धरती हरियाली से भर जाती है और भारत जैसे देश कृषी प्रधान देश होने के कारण इस मौसम में खेती गेहू और सरसों की खेती की जाती है गेहू के खेत जो की पूरी धरी को मानो हरे रंग की साड़ी से ढक लेती है तो तो पीले सरसों के खेत तो मानो धरती की सुन्दरता में सोने जैसे चार चाँद लगा देते है और इन सब हरियाली को देखकर हर किसी का मन मोहक हो जाता है..
सरस्वती पूजा पर स्टेटस Saraswati Puja Status in Hindi
Saraswati Puja – हिन्दू धर्म के अनुसार यह माघ महीनें में जब बसंत ऋतु का आगमन होता है तो माघ महीने के 5वे दिन यानी पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है इस दिन स्कूल कॉलेज में माँ सरस्वती पूजन के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी विद्यार्थी विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है.
सरस्वती पूजा कब मनाया जाएगा ? Saraswati Puja 2024 Date
इस साल यानि 2020 में सरस्वती पूजा | Saraswati Puja यानि वसंत पंचमी 29 जनवरी को मनाया जायेगा…
बसंत पंचमी की कथा
Vasant Panchami Saraswati Puja kyo Manaya Jata Hai
Saraswati Puja – हिन्दू धर्म मान्यतो के अनुसार जब ब्रह्मा जी सृष्टी यानि इस संसार की रचना तो कर दिए थे लेकिन उन्हें इस संसार में कुछ कमी दिखाई पद रही थी पूरे संसार में हर तरफ एक मौन छाया हुआ था कही कोई भी ध्वनी का नामोनिशान नही था पूरा जगत शांतचित था फिर इस कमी को दूर करने के लिए ब्रह्माजी ने विष्णु भगवन के आज्ञा के पश्चात अपने जल कमंडल से धरती पर जल छिड़का जिससे एक अद्भत शक्ति वाली चतुर्भुज हाथ वाले नारी का अवतार हुआ जिनके हाथ में वीणा और वरदान देने के मुद्रा में थी और उनके अन्य हाथो में पुस्तक और माला थी,
सरस्वती पूजा पर शुभकामनाये Saraswati Puja Vasant Panchami Wishes in Hindi
और ब्रह्मा जी कहने पर जैसे ही उस शक्ति ने वीणा बजायी पूरे जगत में ध्वनि का प्रसार हो गया और समस्त जीवजगत को एक वाणी प्राप्त हो गयी नदिया जल पक्षी सबसे में एक वाणी उत्पन्न हो गया तब ब्रह्माजी ने वीणा की देवी को सरस्वती के नाम से पुकारा जो की ज्ञान और संगीत की भी देवी कहलाती है जिसके कारण माँ सरस्वती के इस दिन उत्पत्ति होने के कारण बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है यानी बसंत पंचमी को माँ सरस्वती का जन्मदिवस भी कहा जाता है इस कारण बसंत पंचमी का त्यौहार माँ सरस्वती के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा का महत्व
Vasant Panchami Saraswati Puja Ka Mahatva
Saraswati Puja – वसंत ऋतू आते ही पूरी धरती हरियाली से खिल उठती है इन्सान के साथ साथ पूरी धरती भी हरियाली से प्रफुल्लित दिखाई देती है चारो तरफ पक्षियों के मधुर आवाज़ सुनाई देती है क्यूकी इस ऋतू के शुरुआत के साथ ठंडी भी धीरे धीरे कम होने लगती है और सूर्य का उदय भी धीरे धीरे पूरी तरह से होने लगता है जिसके कारण सूर्य की रौशनी से हरे हरे खेतो में पीले पीले सरसों मानो सोने जैसे प्रतीत होते है जो की धरती को मानो सोने से ढक दिया गया है जिसकी छटा देखने लायक होती है और जिसे देखते हर किसी का मन प्रफुल्लित हो उठता है इस कारण यह मौसम लोगो को काफी सुख और आनंद देने वाला प्रतीत होता है.
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और हिन्दू धर्म मानने वाले बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती के जन्मदिवस को पूरी धूमधाम से मनाते है इस दिन जगह जगह माँ सरस्वती की प्रतिमा स्थापित किया जाता है और सुबह सुबह विधिवत माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते है और सभी पढने लिखने वाले विद्यार्थी माँ सरस्वती से विद्यारुपी वरदान की कामना करते है और हमारे देश में तो इस पर्व के बाद ही पूरे साल की पढाई की परीक्षा भी शुरू होती है इसलिए सभी विद्यार्थी अपने अपने परीक्षा में सफल हो ऐसी कामना करके माँ सरस्वती की पूजा वन्दन करते है.
वसंत ऋतू में ही फाल्गुन महीने में रंगों के त्यौहार होली मनाया जाता है और होली के एक दिन पहले होलिका जलाई जाती है होलिका जलाने के लिए बसंत पंचमी के दिन लोग जगह जगह खाली स्थानों पर पूजा पाठ करके होलिका का स्थापना करते है और बसंत पंचमी से ही फिर रंगों का त्यौहार होली की भी शुरुआत हो जाती है.
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा कैसे करे
Vasant Panchami Saraswati Puja Kaise Kare
Saraswati Puja – बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा की जाती है तो इस दिन हमे सुबह नहाधोकर सच्चे मन से माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करनी चाहिए और यदि कही भी माँ सरस्वती की प्रतिमा स्थापित हो उस पूजा में जरुर भाग लेना चाहिए और सचे मन से पूजा में ध्यान लगाना चाहिए क्यूकी माँ सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है जिसपर भी माँ सरस्वती की कृपा होती है वह व्यक्ति निश्चित ही विद्यावान होता है,
सरस्वती पूजा पर अनमोल विचार Saraswati Puja Anmol Vichar Puja Quotes in Hindi
ऐसी हिन्दू धर्म के मान्यताओ के अनुसार माँ सरस्वती को संगीत की देवी भी कहा जाता है और जो लोग अच्छा गाते है उन्हें अक्सर लोग कहते है उस व्यक्ति के कन्ठ पर माँ सरस्वती स्वय विराजती है जो लोग एक दुसरे से मीठा बोलते है उनकी वाणी में भी माँ सरस्वती का वास होता है, इसलिए हमे अपने लोगो के प्रति सारे गिले शिकवे भुलाकर प्रेमपूर्वक रहते हुए एक दुसरे का सम्मान करना सीखना चाहिए और कभी भी भूलवश भी गलत वाणी का प्रयोग नही करना चाहिए.
तो आप सभी को बसंत पंचमी सरस्वती पूजा पर दी गयी विशेष | Vasant Panchami Saraswati Puja Essay जानकारी कैसा लगा कृपया कमेंट माध्यम से हमे जरुर बताये.
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