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सकारात्मक सोच की शक्ति की एक प्रेरणादायक कहानी – Positive Thinking Ki Hindi

Positive Thinking Ki Hindi

सकरात्मक सोच की शक्ति की कहानी

हम सभी के जीवन में कुछ ऐसे भी क्षण आते है जिसमे हम इन्सान चारो तरफ से परेशानियों से घिर जाते है और ऐसे स्थिति में हम कोई निर्णय नही ले पाते है की हमे करना क्या है और फिर फिर घबराहट की स्थिति में कोई ऐसा गलत कदम भी उठा लेते है जिसकी वजह से हमे  अनेक कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ता है,

लेकिन यदि हम इन परिस्थितियों को नियति मानकर अपने कर्म में डटे रहे और हार जीत, लाभ हानि, यश अपयश की चिंता किये बिना अपने उत्तरदायी पर अपना ध्यान केन्द्रित करते है तो निश्चित ही समय बीतने के बाद हमे इन सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और फिर हमे सुखद का अहसास होता है ऐसा सिर्फ आपके ईश्वर के विश्वास होने के कारण ही होता है क्युकी अगर श्रृष्टि का संचालन करता है तो हम सभी का देखरेख भी ईश्वर के हाथो में होता है जरूरत होती है तो सिर्फ हमे अपने ईश्वर में विश्वास की…

तो आईये इसी सकरात्मक सोच के शक्ति के जादू पर आधारित कहानी Positive Story In Hindi को पढ़ते है.

सकरात्मक सोच की मार्मिक कहानी

गर्भवती हिरनी की कहानी

Story of Positive Thinking in Hindi

एक बार की बात है एक जंगल में हिरनी जो की गर्भवती थी और अपने बच्चे को जन्म देने के लिए उपयुक्त स्थान ढूढ़ रही थी फिर वह हिरनी चलते चलते उसे नदी के किनारे ऊँची और घनी घास की झाड़ी दिखाई दिया जिसे देखकर हिरनी को बच्चे जन्म देने के लिए उपयुक्त स्थान लगा.

फिर जैसे ही वह झाड़ियो के बीच पहुची उसे प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी और इसी बीच आसमान में घने बादल बरसने के लिए भी एकदम उतारू हो चुके थे और बिजली का भी कड़कना शुरू हो गया था.

जिसे देखकर हिरनी घबराने लगी और फिर उसे दांयी तरफ देखा तो एक शिकारी पहले से ही अपने बाण पर तीर लगाकर शिकार की तलाश में था और फिर वह हिरनी बांयी तरफ मुड़नी चाही तो तो उसे पहले से घात लगाये शेर दिख गया इस प्रकार आगे भी जंगल में घासों के बीच आग लग चुकी थी और हिरनी के पीछे तो नदी का अथाह जल दिखाई दे रहा था.

ऐसे स्थिति में वह मादा हिरनी चारो तरफ से अपने आते मौत से घिर गयी थी बेचारी मादा हिरनी ऐसी स्थिति में भी क्या करती एक तरह जहा वह प्रसव पीड़ा से व्याकुल थी तो दूसरी तरफ चारो ओर से वह मौत से घिर गयी थी.

अब ऐसी स्थिति में क्या मादा हिरनी का बचना मुश्किल था सामने भयंकर आग तो पीछे नदी का बहता पानी जो की उसको डुबाने के लिए काफी था ऐसी स्थिति में क्या मादा हिरनी शेर के हाथो मारी जाएगी या फिर शिकारी के हाथो वह उसका शिकार बनेगी, अब ऐसे स्थिति में मादा हिरनी ने अपने आपको नियति के हवाले छोड़ दिया,

और सोचने लगी जो भी होगा वह ईश्वर की इच्छा से ही होंगा फिर इसके बाद इन सब बातो से बेपरवाह होकर अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी फिर कुदरत का करिश्मा देखिये जैसे ही शिकारी ने हिरनी के ऊपर बाण चलाना चाहा उसकी आँखे बिजली की चमक से चौंधिया गयी जिसकी वजह से उसका बाण निशाने पर न लगते हुए शेर की तरफ घूम गया और इस तरह वह तीर शेर के आँखों में जा लगा जिसके वजह से शेर दहाड़ता हुआ इधर उधर भागने लगा.

घायल शेर को देखकर शिकारी भी वहा से भाग लिया और इसी बीच जोरो से बारिस भी होने लगा जिसकी वजह से घास में लगी आग भी बुझ गयी और फिर आराम से हिरनी ने अपने बच्चे को जन्म दिया और इस प्रकार हिरनी के सामने आये सभी मुसीबत एक साथ खत्म हो गये.

कहानी से शिक्षा

तो देखा आपने किस प्रकार हिरनी अपने आये मुसीबतों पर ध्यान न देते हुए अपने कर्म में लीन रही और उसपर आये सभी कठिनाई के क्षण एक साथ अंत हो गया, ठीक ऐसा ही हम सभी के जीवन में कई क्षण आते है जिसमें हम खुद को चारो तरफ से कठिनाईयों से घिरा हुआ पाते है और ऐसे स्थिति में कोई ठोस निर्णय भी नही ले पाते है तब हमे ऐसे स्थिति में सबकुछ ईश्वर की इच्छा मानकर उसपर ही छोड़ देना ही उचित होता है क्योकि कहा भी गया है जो होता है वो अच्छे के लिए होता है.

क्युकी जैसा की हम सभी जानते है की हमारे जीवन मृत्यु का निर्णय तो ईश्वर के हाथो में है फिर हमे क्यों इन बातो की व्यर्थ में चिंता करनी चाहिए क्योकि ईश्वर जो भी करता है वो हमारे भले के लिए ही करता है इसलिए हमे हमेसा ईश्वर के निर्णयों का सम्मान करते हुए जीवन के पथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए.

और यदि हम अपने जीवन पथ पर ऐसे ही आगे बढ़ते है तो कुछ ऐसे लोग भी मिलेगे जो की हमारे निर्णयों की प्रंशसा करेगे ऐसे लोगो से हमे जीवन में आगे बढने की प्रेरणा मिलती है और कुछ ऐसे लोग भी मिलेगे जो की हमारे निर्णयों की आलोचना भी करते है तो हमे इनका भी सम्मान करना चाहिए क्युकी ये वही लोग होते है जो की हमारी कमियों को गिनाते है फिर इनसे सीख लेते हुए अपनी गलतियों और कमियों को सुधारा जा सकता है.

इसलिए कहा भी गया आपकी सकरात्मक सोंच आपको कही अधिक शक्तिशाली बनाती है इसलिए हमेसा सकरात्मक सोंचे और खुद को हमेसा सकरात्मक रखे, क्युकी याद आपको अपने ईश्वर पर विश्वास है तो ईश्वर आपकी मदद जरुर करता है.

Be Positive

तो आप सबको यह कहानी Positive Thinking Ki Hindi Kahani कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरुर बताये और इस पोस्ट को शेयर करना न भूले.

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1 COMMENTS

  1. Introduction story and director Manju Kumari story please next reading story divyang Manju Kumari very interesting story

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