Mother Day Speech In Hindi
मदर डे मातृ दिवस पर भाषण निबन्ध
Mother Day Speech In Hindi Essay, Hindi Nibandh – हमारे समाज में माँ के सम्मान का पर्व है International Mother’s Day Festival की शुरुआत पूरे धरती पर माँ के त्याग, बलिदान और अपनों के प्रति प्यार को ध्यान में रखते हुए माँ की सम्मान के त्यौहार के रूप में हुआ, माँ को अनेक शब्द माँ, अम्मा, मम्मी, ममा, आई, माता, माई जैसे रूपों में पुकारा जाता है लेकिन जैसे ही माँ को पुकारा जाता है हमारी आखो में एक अलग ही चमक देखने को मिलती है माँ शब्द में असीम प्यार छुपा हुआ है माँ शब्द अपने आप में पूर्ण है जिसकी तुलना किसी से भी नही की जा सकती है.
तो चलिए इस मदर डे पर आपके लिए मातृ दिवस पर भाषण | Mother Day Speech Essay नीचे दे रहे है, जिसे आप भी इस मातृ दिवस पर भाषण के रूप में बोल सकते है, या Mother Day Essay, Nibandh शेयर कर सकते है.
मातृ दिवस मदर डे पर निबन्ध भाषण
Mother’s Day Speech Essay in Hindi
वो कहते है जब ईश्वर ने यह दुनिया बनाया तो उसकी सर्वश्रेष्ठ रचना माँ ही है ईश्वर तो हर किसी के पास तो जा नही सकता है इसलिए उसने अपने से बढकर हम सभी के पास माँ को भेज दिया.
माँ कभी भी अपने पुत्र का बुरा नही चाहती है माँ खुद भूखी सो सकती है लेकिन कभी भी अपने संतान को भूखा नही सोने देती है और जिसपर माँ की असीम कृपा हो जाए उसे दुनिया में सर्वश्रेष्ट स्थान मिल जाता है आईये आपको माँ की ममता और माँ के दिखाए रास्ते की एक छोटी सी कहानी बताते है जो हमे माँ की ममता और आत्म सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग दिखाता है.
मातृ दिवस पर भावनात्मक कहानी
Mother Day Emotional Story in Hindi
“प्राचीनकाल में उत्तानपाद नाम के एक राजा थे उनकी दो पत्निया थी पहली पत्नी सुनीति के पुत्र बालक ध्रुव थे एक दिन बालक ध्रुव अपने पिता की गोद में बैठे हुए थे इतने में राजा की दूसरी पत्नी सुरुचि वहा आयी और गुस्सा होते हुए ध्रुव को अपने पिता की गोद से नीचे उतार दिया और अपने पुत्र उत्तम को राजा को गोद में बैठाते हुए ध्रुव से बोली की तुम्हे कोई अधिकार नही है की राजा की गोद में बैठे क्यूकी तुम मेरी गोद से पैदा नही हुआ है,
ये सब बाते सुनकर बालक ध्रुव बहुत ही दुखी हुए और अपनी माँ से सारी बात बताई तो यह सब बाते सुनकर उनकी माँ सुनीति बोली बेटा इसमें दुःख होने की कोई बात नही है अगर तुम्हे अपनी पिता की गोद में बैठने को नही मिला तो क्या हुआ तुम्हे तो इस संसार को जिस ईश्वर ने बनाया है उसकी गोद में बैठना चाहिए, ये सब बाते सुनकर ध्रुव अपने मन में दृढ प्रतिज्ञा लेते हुए की वह ईश्वर की ही गोद में बैठेगे वहा से घोर गहरे जंगल में ईश्वर को पाने के लिए तपस्या करने चले गये.
भला कोई भी माता अपने पुत्र को अपने से अलग नही होने देना चाहती है और चाहकर भी सपने में भी अपने दूर नही होना देखना चाहती है लेकिन जब अपने पुत्र के आत्मसम्मान की बात आती है तो उसे हमेसा आगे बढ़ने का ही रास्ता दिखाती है चाहे उसे अपने से पलभर के लिए दूर ही क्यू न होना पड़े इसके बाद बालक ध्रुव ईश्वर की बहुत कठिन तपस्या करते है जिससे प्रसन्न होकर ईश्वर प्रकट होकर बालक ध्रुव को अपने अपने गोद में बैठाते है और ध्रुव को आकाश में सबसे ऊचा स्थान देते है जिसे आज उत्तर दिशा में ध्रुव तारे के नाम से जानते है”
कहने का तात्पर्य यही है की जब भी संतान के ऊपर कभी भी आत्मसम्मान की भावना की बात आती है तो कोई भी माँ अपने संतान को हमेसा प्रथम ही देखना चाहती है और अपने सारे दुखो को भूलते हुए माँ अपने अपने संतान के हितो को पूरा करने में लग जाती है इसलिए शास्त्रों में भी माँ को भगवान से बढ़कर माना गया है.
भारत में मातृ दिवस (Mother Day) कब मनाया जाता है?
भारत में मातृ दिवस (Mother Day) 9 मई को मनाया जाता है।
मातृ दिवस मदर डे कैसे मनाया जाता है
Mother’s day Kaise Manaya Jata Hai
वैसे तो मातृ दिवस हर देशो में अलग अलग तरीको से मनाया जाता है जगह जगह सार्वजानिक स्थानों पर मातृ दिवस का आयोजन किया जाता है जिसमे माँ के सम्मान में लिखी गयी कविता, भाषण और रंगारंग कार्यक्रम, नाटक का आयोजन होता है लोग अपनी माँ को सम्मान देते है उन्हें तरह तरह के उपहार दिए जाते है तथा सार्वजनिक जगहों पर तो माँ को उनके प्यार और सम्मान के लिए पुरस्कृत भी किया जाता है.
मदर डे स्लोगन | मदर डे के नारे
मातृ दिवस Mother Day कैसे मनाये
Mother’s Day Kaise Manaye
यह बहुत ही अच्छा सवाल है की हम सब मातृ दिवस कैसे मनाये क्यूकी हमारे देश भारत में माँ के लिए कोई विशेष तिथि निर्धारित नही है ऐसा इसलिए है की हमे सिर्फ साल के एक दिन माँ का सम्मान न करके साल के हर के हर दिन माँ का सम्मान करना सिखाया जाता है.
माँ अपनों को हमेसा देना ही जानती है वह पूरे जीवन भर यही सोचती है की यह आने संतान के लिए क्या क्या न कर दे जिससे की उनकी संतान हमेसा सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करे ऐसे में जब हमे मातृ दिवस मनाना हो तो इसके लिए हमे सबसे पहले मातृ दिवस के दिन माँ से पहले उठ जाना चाहिए और एक फूल लेकर जब माँ उठे तो सबसे पहले माँ के पैरो को छू लेना चाहिए,
उसके बाद माँ के माथे को प्यार से चूमकर माँ को भेट में फूल दे तो उसके बाद माँ के चेहरे से जो मुस्कान निकलेगा वो आपके कल्याण के लिए दुनिया का सबसे बड़ा आशीर्वाद होगा और ऐसे में जब माँ पूछ भी ले की ये सब क्या है तो सभी को अपनी माँ से मदर डे के बारे में बताकर उनके सम्मान का दिन है ऐसा जरुर बताये फिर देखना आपको वो क्षण सबसे प्यारा और ख़ुशी देने वाला होंगा.
वो कहते है न-
अर्थात हमे आगे बढ़ना है तो सबसे पहले अपने माँ का आशीर्वाद हमारे पास होना चाहिए और जिस किसी के पास माँ का आशीर्वाद होंगा फिर उसे आगे बढ़ने और सफल होने से कोई भी रोक नही सकता है.
जैसा की संस्कृत के इस श्लोक मे भी कहा गया है :-
नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः।
नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रपा॥
अर्थात – संस्कृत के श्लोक मे माँ की महिमा के बारे मे बखान करते हुए लिखा गया है की माता के समान कोई छाया नहीं, कोई आश्रय नहीं, कोई सुरक्षा नहीं। माता के समान इस विश्व में कोई जीवनदाता नहीं है॥
तो आप सभी को एक बार फिर से Mother’s Day की हार्दिक शुभकामनाये, जीवन में आगे बढना है तो आप सभी को अपने माँ के आशीर्वाद के साथ रहना बहुत जरुरी है तो आप सभी अपने माँ का सम्मान करे और उन्हें अपने पास रखे और दुनिया की हर ख़ुशी देने का प्रयास जरुर करे इसी आशा के साथ Happy Mother’s Day.
FAQ :-
- भारत में मातृ दिवस कब मनाया जाता है?
Ans :- भारत में मातृ दिवस (Mother Day) 9 मई को मनाया जाता है।
- भारत में मदर डे क्यों मनाया जाता है?
Ans :- Mother’s Day Festival की शुरुआत पूरे धरती पर माँ के त्याग, बलिदान और अपनों के प्रति प्यार को ध्यान में रखते हुए माँ की सम्मान के त्यौहार के रूप में हुआ, जिस कारण से भारत मे मदर डे मनाया जाता है।
- मदर्स डे कैसे मनाया जाता है?
Ans :- मातृ दिवस हर देशो में अलग अलग तरीको से मनाया जाता है जगह जगह सार्वजानिक स्थानों पर मातृ दिवस का आयोजन किया जाता है जिसमे माँ के सम्मान में लिखी गयी कविता, भाषण और रंगारंग कार्यक्रम, नाटक का आयोजन होता है लोग अपनी माँ को सम्मान देते है उन्हें तरह तरह के उपहार दिए जाते है तथा सार्वजनिक जगहों पर तो माँ को उनके प्यार और सम्मान के लिए पुरस्कृत भी किया जाता है.