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एकता में शक्ति होती है एक प्रेरणा देने वाली कहानी

Short Story On Ekta Me Shakti Hai | Unity is strength Kahani in Hindi

अक्सर में हमे बचपन में अपने दादा दादी, नाना नानी से ऐसे Hindi Kahaniya सुनने को मिलती थी जो की शिक्षा देने वाली और बहुत ही प्रेरणादायक होती थी, तो आज हम आपको एक ऐसी कहानी एकता में बल की Hindi Kahani बताने जा रहे है, जो की बहुत ही प्रेरणादायक है.

एकता में बल Short Hindi story

Short Story On Ekta Me Bal In Hindi

Ekta Me Shakti Short Story In Hindiएक किसान के चार बेटे थे जब वे छोटे थे तब से ही वे आपस में लड़ते थे किसान और उसकी पत्नी को अपने चारो बेटे के इस व्यव्हार के चलते वे बहुत दुखी रहते थे और वे हमेसा अपने बेटो को समझाते रहते थे की अगर आपस में लड़ते रहोगे तो निश्चित ही एक दिन ऐसा भी आएगा जब तुम लोगो को कोई न तो मदद ही करेगा और न ही तुम लोगो में आपस में एकता रहेगी तो कोई  भी हानि पंहुचा सकता है लेकिन किसान के बेटो को अपनी माँ बाप के सलाह का कोई उनपर प्रभाव पड़ता था,

उल्टा होने ये अहसास होता की वे अकेले ही सबकुछ कर सकते है अगर उनकी कोई मदद भी नही करे तो वे सबकुछ अकेले ही कर सकते है,

समय बीतता गया और किसान के चारो बेटे बड़े हो गये तो किसान को भी अब पहले के अपेक्षा अधिक शक्ति न रही तो वह अपने खेतो का काम अपने चारो बेटो पर सौप देना चाहां तो एक बार किसान के चारो बेटे आपस में लड़ने लगे.

ये सब देखकर किसान ने अपने बेटो को खेतो का काम सौपना चाहा तो पहले तो वे एक एक साथ काम करने को तैयार नही हुए फिर जब किसान ने उनको अलग अलग काम देने की बात कही तो फिर तैयार हुए.

इस प्रकार ने अपने बेटो को अलग अलग काम सौप दिए तो सबने अपना अपना काम जानकर अपने कामो में जुट गये तो बड़े बेटे ने अपने काम के अनुसार खेतो की जुताई कर दिया तो दुसरे बेटे ने खेतो में बीज फसल बो दिए तो तीसरे बेटे ने time time पर खाद पानी भी दे दिया तो अब अंत में सबसे छोटे बेटे की बारी थी उसका काम था पूरी फसल को काटना था,

और छोटे लड़के ने फसलो को कटवाकर खेतो में ही छोड़ दिया था की अगले दिन वह उसे घर में रखवा देंगा लेकिन अचानक बारिश की मौसम होने की वजह से मौसम बहुत ही ख़राब हो चुका था और बारिश कभी भी आ सकती थी तो छोटे लड़के ने अपने भाईयो से जाकर बोला की वे सब फसलो को घरो में रखने के लिए उसका मदद करे लेकिन उनके भाईयो ने एक न सुनी और बोले की ये तुम्हारा काम है इसलिए तुम ही अकेले निपटाओ.

 तो किसान का छोटा लड़का निराश होकर वापस खेतो की तरफ लौट गया और जितना हो सका उतना फसल को घर में रखवाना शुरू किया की बहुत अधिक तेज से बारिश होने लगी और सारी सुखी हुई फसल भीग गयी और अत्यधिक बारिश की वजह से उसका कुछ फसल पानी में बह भी गया जो की अब पूरी तरह से ख़राब हो चुकी थी.

इतना सबकुछ होने के बाद भी किसान के बाकी बेटो को अपने आगे किसी की न सूझती उन्हें लगता की वे ही अकेले सबकुछ कर सकते है इतना होने के बाद उनका अपना घमंड नही टुटा.

फिर इसके बाद उनका किसी तरह से गुजारा चल रहा था की अचानक एक दिन जाड़े के मौसम में किसान के बड़े बेटे का तबियत बहुत ही ख़राब हो गयी उसे बहुत तेज बुखार था लेकिन गाव में कोई अच्छा डॉक्टर न होने से लोगो ने उसे उसी वक़्त शहर ले जाने की सलाह दिया.

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तो अब किसान के बाकी बेटे सोचने लगे की अपने भाई को कौन शहर ले जायेगा क्यू की वे सिर्फ अपने बारे में ही सब सोचते थे कोई किसी की परवाह न करता था तो अंत में किसान का सबसे छोटा बेटा अपने भाई के दवा के लिए शहर ले जाने को तैयार हो गया और तुरंत उसने कुछ पैसे और एक गाडी की व्यवस्था कर दिया और अपने अपने पिताजी के साथ शहर की और चल दिया और शहर में जाकर अच्छे से डॉक्टर से अपने भाई का दवा करवाया जिससे उसकी भाई की तबियत ठीक हो गयी.

तो इस पर डॉक्टर ने कहा की आप लोग अपने भाई को सही समय पर अस्पताल ले आये वरना इनकी हालत और भी ख़राब हो सकती थी और कुछ भी हो सकता था.

ये सब बाते सुनकर किसान के सभी बेटो के आखो में आसु आ गये और सबने अपने छोटे भाई का बहुत बहुत ही धन्यवाद किया और उस दिन से किसान के सभी बेटो ने निर्णय लिया की वे सभी आपस में अब मिलजुल कर रहेगे सभी एक दुसरे के सुखदुख में हमेसा एक साथ रहेगे और कभी भी आपस में लड़ेगे नही, ये सब बाते सुनकर किसान की आखो में आसु आ गये और उसने अपने चारो बेटो को गले लगा लिया और फिर सब एक साथ मिलजुल कर रहने लगे.

तो देखा किस प्रकार यदि किसान के बेटो में पहले से एकता रहती तो उनकी फसल कभी ख़राब नही होती लेकिन इन्सान जब बड़े होते है तो उन्हें लगता है वे अकेले ही सबकुछ कर सकते है जो की बिना अपनों के सहयोग के कोई कुछ भी नही पाता है.

या दोस्तों हमे लगता है जब कुछ थोड़े बड़े होते है और अपने निर्णय खुद से लेने लगते है और कुछ पैसे कमाने लगते है तो हमे यह महसूस होता है की अकेले ही हम सबकुछ कर सकते है लेकिन दोस्तों हमे इस बात का भी हमेसा ध्यान रखना चाहिए हम अपने सुख में चाहे कितने अकेले हो रह सकते है लेकिन जब भी दुःख की घड़ी हमारे जीवन में आती है तो हमे अपने जरुर याद आते है तब हमे लगता है उनकी जरुरत बहुत है इसलिए दोस्तों हमे अपने सगे संबंधियों से हमेसा मिलजुल कर एक साथ रहना चाहिए पता नही कब किसकी जरूरत आन पड़े.

इसलिए कहा भी गया जब हम अकेले होते है तो हमे कोई भी तोड़ सकता है या फिर हमे कमजोर कर सकता है यदि हम अपनों के साथ मिलजुल एक साथ रहे तो यही एकता की ताकत हमारी पहचान बन जाती है.

इसलिए दोस्तों आप जहा भी रहे जैसे भी रहे लोगो के साथ मिलजुल कर प्रेमभाव से एकता से रहिये फिर कोई आपका कुछ नही बिगाड़ सकता है और फिर कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यू न आ जाये हम मिल जुलकर आसानी से उसका सामना कर सकते है.

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