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Festival Hindi Essay हिन्दी निबन्ध

बच्चो के खास त्योहार बाल दिवस पर निबंध

Bal Diwas Essay in Hindi

बाल दिवस चिल्ड्रेन डे पर निबन्ध

आजाद भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्मदिवस 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, चुकी पंडित नेहरु बच्चो को बहुत प्यार करते थे जिस कारण से उन्हें बच्चे “चाचा नेहरु” कहकर पुकारते थे इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्मदिन 14 नवम्बर को प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसमे खासकर बच्चे बहुत ही उत्सुकता के साथ भाग लेते है इस तरह बाल दिवस को राष्ट्रीय त्यौहार भी कहा जाता है.

तो चलिए इस Bal Diwas के मौके पर Bal Diwas essay Speech Hindi शेयर कर रहे है जिसे अगर आप स्टूडेंट है तो इसे हर क्लास Bal Diwas Essay In Hindi For Class 3, Essay On Bal Diwas In Hindi For Class 6, Bal Diwas Essay In Hindi For Class 5, Bal Diwas Essay In Hindi For Class 8, Essay On Children’s Day In Hindi In 100 Words, Essay On Children’s Day In Hindi In 100 Words, Bal Diwas Essay In Hindi Wikipedia के रूप में उपयोग कर सकते है या बाल दिवस के मौके पर भाषण के रूप में भी बोल सकते है, तो चलिए बाल दिवस पर हिन्दी निबन्ध को जानते है.

14 नवम्बर बाल दिवस पर हिन्दी निबन्ध

Bal Diwas Children Day essay Speech in Hindi

वैसे तो हमारे देश भारत में अनेको धर्म के त्यौहार मनाये जाते है जिनमे हर Festival का एक अपना महत्व होता है कुछ त्यौहार हमारे धर्म पर आधारित है तो कुछ ऐसे त्यौहार जो हमारे राष्ट्र को समर्पित है इन त्योहारों में स्वंत्रता दिवस (Independence Day), गणतंत्र दिवस (Republic Day) और गाँधी जयंती प्रमुख है,

जो हमारे राष्ट्रीय त्यौहार कहलाते है इनके अलावा हमारे राष्ट्रीय त्योहारों में बाल दिवस यानी Children Day का भी प्रमुख स्थान है जो हमारे देश के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरु (Pandit Jawahar Lal Nehru ) के बच्चो के प्रति प्रेम को देखते हुए उनके जन्मदिवस को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.

14 नवम्बर बाल दिवस चिल्ड्रेन डे पर हिन्दी निबन्ध  

Bal Diwas Children Day essay Speech in Hindi

हमारे देश भारत में हर साल 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जो की भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के बच्चो के प्रति प्यार को देखते हुए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के मनाया जाता है, बाल दिवस का दिन बच्चो के लिए ढेर सारी खुशिया लाता है जो की अक्सर बाल दिवस स्कूल, कालेज में मनाया जाता है जिसके अंतर्गत तरह तरह के खेल-कूद, विविध कार्यक्रम, मंच प्रतियोगिता, गीत-संगीत आदि के कार्यक्रम बच्चो द्वारा प्रस्तुत किये जाते है और बच्चो को प्रोत्साहन हेतु इनाम भी वितरण किये जाते है.

बाल दिवस और पंडित जवाहर लाल नेहरु

children's day speech

हमारे देश के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरु का जन्म 14 नवम्बर 1889 को भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद शहर में हुआ था नेहरु जी को बच्चो से अगाध प्रेम था उनका मानना था की बच्चे ही देश के भविष्य के निर्माता है यदि अपने देश का भविष्य सुरक्षित रखना है तो इन बच्चो का भविष्य अच्छा बनाना हम सभी भारतीयों का कर्तव्य होना चाहिये उनके बच्चो के प्रति इसी प्रेम के कारण बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरु’ कहकर बुलाते थे.

बच्चो के प्रति उनके इसी प्रेम को देखते हुए हमारे देश उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मान्य जाने लगा इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य यही था की सभी भारतीय नागरिको को बच्चो के प्रति जागरूक करना ताकि सभी नागरिक अपनों बच्चो को सही दिशा में सही शिक्षा दे ताकि एक सुव्यवस्थित और सम्पन्न राष्ट्र का निर्माण हो सके जो की बच्चो के अच्छे भविष्य पर ही निर्भर करता है.

बाल दिवस का महत्व

Children Day Ka Mahatva | Bal Diwas Ka Mahatva

वैसे तो किसी भी त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई उद्देश्य जरुर होता है ठीक उसी प्रकार Children’s Day का भी हमारे जीवन में बच्चो के भविष्य निर्माण में सहायक होता है नेहरु जी का मानना था की यदि बच्चो को सही शिक्षा मिले तो बच्चे पढ़ लिखकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकते है आज के जमाने में जहा बडो घर के बच्चे तो बड़े बड़े स्कूल कॉलेज में पढ़ते है,

उनके पीछे उनके माँ बाप का सपोर्ट मिलता है लेकिन हमारे देश में एक तरफ आज भी इतनी गरीबी है की लोग अपने बच्चो को पढने को दूर एक वक़्त का खाने की रोटी भी इंतजाम नही कर पाते है ऐसे में पूरे विश्व में भारत को एक सम्पन्न राष्ट्र के रूप में सोचना भी बेमानी है.

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इन्ही सब कारणों को देखते है बाल दिवस मनाने के पीछे भी मूल उद्देश्य यही है हमारे देश भारत में हर बच्चो को शिक्षा का अधिकार मिले और सभी बच्चे पढ़ लिखकर अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर सके तो निश्चित ही बाल दिवस मनाने का उद्देश्य सभी भारतीयों के लिए सार्थक होगा.

बाल दिवस का सामजिक महत्व

Social Importance for Bal Diwas in Hindi

चुकी आजाद भारत के समय भारत में अनेक चुनौतिया थी जिसमे बालश्रम, बच्चो की शिक्षा, बच्चो के स्वास्थ्य जैसे अनेक मुद्दे थे जिसपर ध्यान देना जरुरी था, किसी भी राष्ट्र का विकसित निर्माण तभी सम्भव है जबतक उस देश के बच्चो का भविष्य सुरक्षित नही होता, वह देश विकास नही कर सकता है, बच्चो के इसी भविष्य को ध्यान में रखते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्मदिन को प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था.

बाल दिवस कैसे मनाया जाता है

Bal Diwas Kaise Manaya Jata hai | Bal Diwas Kaise Manaye

जैसा की बाल दिवस के नाम से ही पता चलता है की बाल यानि बच्चो का त्यौहार, बाल दिवस एक ऐसा त्यौहार होता है जिसे हर स्कूल में बढ़चढ़कर मनाया जाता है यानी बाल दिवस अधिकतर स्कूल में ही मनाया जाता है बाल दिवस की तैयारी स्कूल में कई हफ्तों पहले से ही शुरू हो जाती है सभी लड़के लडकिया देशभक्ति के गीत, अनेक प्रकार के मनोरंजक खेल और अनेक प्रकार के नाटक मंचन की तैयारिया करते है.

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और 14 नवम्बर के दिन स्कूल में बच्चे अपने स्कूल यूनिफार्म में पहुच जाते है फिर स्कूलो में अनेक प्रकार के खेलो का आयोजन किया जाता है इसके अलावा अनेक प्रकार के खेलकूद की प्रतियोगिताये भी होती है और गीत संगीत का भी आयोजन किया जाता है और जो बच्चे इन प्रतियोगिताओ में विजयी होते है उन्हें पुरष्कृत भी किया जाता है तथा सभी बच्चो में फल और मिष्ठान का वितरण भी किया जाता है सभी बच्चे इस दिन काफी खुश होते है.

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बाल दिवस का उद्देश्य

Aim of Bal Diwas Children Day in Hindi

bal diwas

बाल दिवस केवल एक दिन स्कूलो में मना लेने से इस त्यौहार का उद्देश्य खत्म नही हो जाता है आज भी हमारे देश में बालमजदूरी जैसे जैसे जघन्य अपराध होते रहते है जिस उम्र में बच्चो के हाथ में किताबे होनी चाहिए उस उम्र में इन बच्चो को आर्थिक कमजोरी के चलते इन्हें काम करने पर मजबूर कर दिया जाता है जिसके चलते इनके जीवन में पढाई का कोई महत्व नही रह जाता है ऐसे में अगर बच्चे पढ़ लिख न सके तो एक विकसित राष्ट्र का सपना भी देखना नही चाहिए.

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ऐसे में बस यही प्रश्न उठता है हमारे देश के सरकारों को बच्चो को बालमजदूरी से बचाने के लिए कानून का निर्माण किया जाय और पूरी सख्ती से इसे लागू भी किया जाय और साथ में इन बच्चो के पढाई के खर्चो को भारतीय सरकारों को एक सीमा तक खुद उठाना चाहिए तभी हम एक विकसित राष्ट्र का सपना देख सकते है और तभी बाल दिवस मनाने का उद्देश्य भी पूरा होगा

जैसा की जवाहर लाल नेहरु खुद कहते थे –

“किसी भी राष्ट्र की सम्पति उसके खजाने में नही उनके विद्यालयों में होती है इसलिए हमे अपने बच्चो को राष्ट्र की सम्पति मानकर इन्हें सहेजकर इनके भविष्य का निर्माण करना चाहिये”

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आप सबको बाल दिवस पर विशेष जानकारी और निबन्ध कैसा लगा कृपया हमे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये.

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